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Dehradun news : केदारनाथ हैली सेवा फ्रॉड, रहते थे बिहार में और ठगते थे उत्तराखंड के नाम पर, पुलिस ने किए 2 गिरफ्तार
Dehradun news : केदारनाथ हैली सेवा फ्रॉड, रहते थे बिहार में और ठगते थे उत्तराखंड के नाम पर, पुलिस ने किए 2 गिरफ्तार
Dehradun news : पुलिस ने बिहार राज्य के निवासी ऐसे दो लड़कों को गिरफ्तार किया है जो केदारनाथ के लिए हैलीकॉप्टर की टिकट बुक करने के नाम पर यात्रियों से धोखाधड़ी करते थे। हिमाचल प्रदेश के एक व्यक्ति ने इनके झांसे में आकर करीब सवा लाख की चोट खाने के बाद तीन महीने पहले इनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
परीक्षित शारदा निवासी सोलन हिमाचल प्रदेश ने 17 मई को गुप्तकाशी थाने में यह शिकायत करते हुए बताया था कि उनके साथ इंटरनेट पर किसी अन्जान व्यक्ति ने केदारनाथ यात्रा हेतु पवनहंस कम्पनी का हेलीकॉप्टर टिकट उपलब्ध कराने के नाम से एक लाख 12 हजार रुपए की धोखाधड़ी की गयी है। यात्रा के लिए यहां पर पहुंचने पर न तो उनको हैली सेवा के कोई टिकट मिले और न ही टिकट दिलाने वाले व्यक्ति से उनका अब कोई सम्पर्क हो पा रहा है।
पुलिस को इस मामले की जांच के दौरान परीक्षित द्वारा की गई ऑनलाइन पेमेंट के आधार पर कुछ बैंक खातों को ट्रेस आउट किया गया। बैंक से खाताधारकों की जानकारी के बाद जिन लोगों तक पुलिस पहुंची वह अपने खाते में हो रहे इन लेनदेन से ही अनजान निकले। लेकिन कड़ी दर कड़ी जोड़ने के बाद पुलिस इस खेल को ऑपरेट करने वाले कौशल कुमार (28 वर्ष) पुत्र रामपुकार निवासी ग्राम नदवा थाना बाड, जिला पटना बिहार व राहुल कुमार (30 वर्ष) पुत्र वरुण सिंह निवासी नदवा जिला पटना बिहार तक पहुंच गई। दोनों को बिहार से गिरफ्तार करके उत्तराखंड लाया गया।
कुछ इस तरह ऑपरेट होता था ठगी का धंधा
पूछताछ में पता चला कि हैली टिकटो की ठगी व हेराफेरी का इन्होंने नया तरीका निकाला था। पवनहंस हैलीकॉप्टर कम्पनी के नाम से फर्जी वेबसाइट तैयार कर इन्टरनेट पोर्टल पर वेबसाइट सार्वजनिक करके शिकार फंसने का इंतजार किया जाता था। किसी भी व्यक्ति द्वारा हैलीकॉप्टर टिकटों के सम्बन्ध में गूगल पर सर्च करने पर इनकी वेबसाइट पर क्लिक करने पर लोग इनके झांसे मे आ जाते थे। बड़ी बात यह थी कि बिहार के रहने वाले होने के बाद भी इनके द्वारा पोर्टल पर सम्बन्धित क्षेत्र के बारे में इनकी अधिकांश जानकारी सही अपलोड रहती थी। किसी भी क्वेरी के लिए यह पोर्टल पर अपने मोबाईल नम्बर डाले रखते थे।
पैसों के लेन-देन के लिए इनके द्वारा अपने ही क्षेत्र के अन्य गरीब लोगों के खातों का सहारा लिया जाता था। उनके नाम से खाता खोलकर ओटीपी या अलर्ट के लिए अपना नम्बर डलवाया जाता था। इन बैंक खातों का एटीएम कार्ड भी यह अपने पास रखते थे। खाते में आने वाली धनराशि की तुरन्त निकासी या दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता था। इस काम को यह लोग बेहद प्रोफेशनल तरीके से अंजाम देते थे। बहरहाल, इन दोनों को पुलिस ने कोर्ट में पेश करने के बाद अब न्यायिक हिरासत में जिला कारागार पुरसाड़ी चमोली भेज दिया है।