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Supreme Court : पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी एजी पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

Janjwar Desk
9 March 2022 1:50 PM GMT
Supreme Court News : 30 साल की लंबी लड़ाई के बाद जासूस को सुप्रीम कोर्ट से मिला इंसाफ, भारत के लिए पाकिस्तान में की जासूसी
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Supreme Court News : 30 साल की लंबी लड़ाई के बाद जासूस को सुप्रीम कोर्ट से मिला इंसाफ, भारत के लिए पाकिस्तान में की जासूसी 

Supreme Court : न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पेरारिवलन पहले ही 32 साल जेल की सजा काट चुका है और उसके आचरण के बारे में कोई शिकायत नहीं थी जब उसे तीन बार पैरोल पर रिहा किया गया था।

Supreme Court News : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में बुधवार को राजीव गांधी हत्याकांड (Rajiv Gandhi Murder Case) के दोषी एजी पेरारिवलन (AG Perarivalan) को जमानत दे दी है, पेरारिवलन ने की तरफ से अपनी सजा को माफ करने के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया था। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव (Justice L.Nageshwar Rao) की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पेरारिवलन पहले ही 32 साल जेल की सजा काट चुका है और उसके आचरण के बारे में कोई शिकायत नहीं थी जब उसे तीन बार पैरोल पर रिहा किया गया था।

कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा है कि इस बात को लेकर कोई विवाद नहीं है कि पेरारीवलन को 32 साल की सजा हुई है। आवेदक को पहले तीन बार पैरोल पर रिहा किया गया था और रिहाई के दौरान उसके आचरण के बारे में कोई शिकायत नहीं थी।

हमें सूचित किया जाता है कि आवेदक वर्तमान में पैरोल पर है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि उसने 30 साल से अधिक समय जेल में बिताया है, हमारा मानना है कि वह जमानत पर रिहा होने का हकदार है।"

अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है -'इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि पेरारिवलन ने 30 साल से अधिक समय जेल में बिताया है, हमारा मानना है कि वह जमानत पर रिहा होने के हकदार हैं।' अदालत ने कहा कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के बार-बार विरोध के बावजूद वह जमानत पर रिहा होने के हकदार हैं। अप्रैल में इस मामले की फिर सुनवाई होगी।

इसके तुरंत बाद, तमिलनाडु में AIADMK सरकार ने मामले के सभी सात दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया था। 2015 में पेरारिवलन द्वारा पेश किए गए एक क्षमा अनुरोध पर राज्यपाल द्वारा विचार नहीं किया गया था। वहीं, सितंबर 2018 में संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश ने स्पष्ट किया कि राज्यपाल को क्षमा पर निर्णय लेने के लिए उचित अधिकारी समझा गया। तीन दिनों के भीतर, AIADMK सरकार ने सभी सात दोषियों को रिहा करने की सिफारिश की थी। तमिलनाडु सरकार ने 9 सितंबर, 2018 को राज्य के राज्यपाल से मामले में पेरारिवलन और छह अन्य दोषियों की समय से पहले रिहाई की सिफारिश की थी।

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