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Akhilesh Yadav On EVM : सबसे पहले EVM पर भाजपा ने ही उठाए थे सवाल, अखिलेश यादव ने बनाया मुद्दा तो मान गए बुरा, जानें क्यों?

Janjwar Desk
9 March 2022 9:00 AM IST
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उत्तर प्रदेश में ईवीएम को लेकर राजनीति हो गयी है तेज

Akhilesh Yadav On EVM : भाजपा अखिलेश यादव के आरोपों पर आज भले ही मजाक उड़ा रही हो लेकिन ईवीएम पर अविश्वास का सबसे पहला दावा उसी के खाते में है।

Akhilesh Yadav On EVM : उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव समाप्त हो जाने के बाद कल ईवीएम ( EVM ) में बंद वोटों की काउंटिंग होगी। लेकिन एग्जिट पोल आने के बाद ईवीएम की विश्वसनीयता एक बार फिर चर्चा में हैं। सपा प्रमुख और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav On EVM ) ने ईवीएम फ्रॉड ( EVM Fraud Allegation ) का मुद्दा उठाया है। सपा का सवाल उठाना भाजपा को अच्छा नहीं लगा है। हकीकत यह है कि ईवीएम पर सबसे पहले एक दौर में भाजपा ने ही सवाल उठाए थे।

दरअसल, पांच राज्यों में मतदान समाप्त होने और एग्जिट पोल रिजल्ट आने के बाद से ईवीएम का जिन्ना फिर से चर्चा में है। अब सवाल यह उठाए जा रहे हैं कि गोदी मीडिया ने जान बूझकर यूपी में भाजपा ( BJP ) को आगे दिखाया है, ताकि ईवीएम से छेड़खानी से लोगों का ध्यान भटकाना संभव हो सके। भाजपा खुद को पाक साफ बताते हुए विपक्ष को जनता के बीच नकारा साबित कर सके। हालांकि, इस मुद्दा भाजपा का कहना है कि अपनी संभावित हार को देखते हुए अखिलेश यादव बौखला गए हैं और इसलिए ईवीएम पर दोष मढ़ने लगे हैं।

दूसरी तरफ हकीकत यह है कि भाजपा अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav ) के आरोपों पर आज भले ही मजाक उड़ा रही हो लेकिन ईवीएम पर अविश्वास का सबसे पहला दावा उसी के खाते में है। साल 2004 के लोकसभा चुनाव के बाद से ईवीएम का इस्तेमाल भारत में चुनाव कराने के लिए हो रहा है। 2009 में जब भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन को सत्ता नहीं मिली और कांग्रेस नीत यूपीए को बहुमत मिल गया, तब भगवा पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने ही ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे। भारतीय जनता पार्टी ने तब कई संगठनों की मदद से ईवीएम मशीनों के साथ की जाने वाली कथित धोखाधड़ी को लेकर देशभर में अभियान भी चलाया था। लालकृष्ण आडवाणी ने तो भाजपा नेता जीवीएल नरसिम्हा राव की किताब 'डेमोक्रेसी ऐट रिस्क : कैन वी ट्रस्ट ऑवर ईवीएम मशीन?' की भूमिका भी लिखी थी। किताब में ईवीएम मशीन के खिलाफ कई सारे सवाल उठाए गए हैं। हालांकि, सिर्फ भाजपा ने ही ईवीएम मशीन की विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठाए। बाद में कांग्रेस, आरजेडी, बीएसपी, टीएमसी और अब तो एसपी भी इसी जमात में शामिल हो गई है।

अब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ईवीएम ( EVM ) से छेड़खानी को लेकर एक बार फिर बहस तेज हो गई है। हालांकि, अखिलेश ने ईवीएम के हैक होने का आरोप नहीं लगाया है। उनका कहना है कि बीजेपी को जिताने के लिए प्रशासन वोटों की चोरी करने की कोशिश में है। उन्होंने इस दौरान यह तक कह दिया कि यह लोकतंत्र का आखिरी चुनाव है। इसके बाद चुनाव के लिए लोगों को क्रांति करनी पड़ेगी।

दूसरी तरफ भाजपा का कहना है कि अखिलेश यादव को चुनाव आयोग, जनता, प्रशासन किसी चीज पर भरोसा नहीं है। 10 मार्च के बाद उन्हें ईवीएम पर से भी भरोसा उठ जाएगा।

Akhilesh Yadav On EVM : चुनाव आयोग ( Election Commission ) का कहना है कि अन्य देशों में इस्तेमाल होने वाले ईवीएम से अपने यहां इस्तेमाल होने वाला ईवीएम अलग है। इसे हैक नहीं किया जा सकता है। आयोग ने कई बार सवाल उठाने वाले लोगों को ईवीएम हैक करने के लिए आमंत्रित भी किया है। अभी तक इस आरोप को प्रमाणित नहीं किया जा सका है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है। ऐसे में कहा जाता है कि चुनाव के बाद हारने वाली पार्टियां निराशा में वोटिंग मशीन पर सवाल उठाती हैं। अखिलेश यादव भी इसके अपवाद नहीं हैं।

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