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Mukhtar Ansari : तीन दशक में पहली बार चुनाव नहीं लड़ पाएंगे मुख्तार अंसारी, बेटे को सुभासपा के टिकट पर मैदान में उतारा

Janjwar Desk
14 Feb 2022 3:05 PM GMT
Mukhtar Ansari : तीन दशक में पहली बार चुनाव नहीं लड़ पाएंगे मुख्तार अंसारी, बेटे को सुभासपा के टिकट पर मैदान में उतारा
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मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी अब चुनावी मैदान में

Mukhtar Ansari : बाहुबलि नेता के रूप में चर्चित मुख्तार अंसारी चुनाव नहीं लड़ेंगे, उनके बेटे अब्बास अंसारी सुभासपा के टिकट पर चुनावी मैदान में होंगे....

Mukhtar Ansari : बीते तीन दशक में ऐसा पहला मौका है जब मऊ के विधायक बाहुबली नेता के रूप में पहचान रखने वाले मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। उन्होंने अपनी सीट अपने बेटे अब्सास अंसारी को सौंप दी है। अब्बास ने आज अपना नामांकन दाखिल किया। उन्हें ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) की पार्टी सुभासपा (Suheldev Bhartiya Samaj Party) से टिकट दिया गया है। बता दें कि सदर सीट से मुख्तार अंसारी लगातार पांच बार जीत दर्ज कर चुके हैं।

मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) ने चुनाव न लड़ने का फैसला ऐसे समय में किया है जब भाजपा इसे लेकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की घेराबंदी करने की कोशिश कर रही थी। दो चरणों के चतुनाव के बाद अब जबकि सबकी नजर पूर्वी उत्तर प्रदेश की ओर है, समाजवादी पार्टी नहीं चाहती थी भाजपा मुख्तार अंसारी के नाम पर किसी तरह की घेरे बंदी कर सके। मुख्तार अंसारी बीते पंद्रह साल से जेल में हैं। पंजाब में से उन्हें यूपी लाने के बाद बांदा जेल में रखा गया है।

पिछले हफ्ते ही मुख्तार अंसारी के नामांकन के लिए कोर्ट से इजाजत मांगी गई थी। कोर्ट ने उनके वकील व अन्य लोगों को जेल में जाकर नामांकन प्रक्रिया पूरी करने की इजाजत भी दे दी थी। नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के पहले दिन उनके वकील दारोगा सिंह ने कोर्ट से सारी प्रक्रियाएं पूरी करवाई थी। जेल में मुलाकात के लिए सभी 22 लोगों की आरटीपीसीआर जांच भी हुई थी।

बता दें कि मुख्तार अंसारी के लिए सुहेदव भारतीय समाज पार्टी के नाम पर नामांकन पत्र लिया गया था। सुभासपा अध्यक्ष राजभर ने भी इस बात की पुष्टि अपने बयान में की थी कि मुख्तार या अब्बास दोनों में से कोई भी लड़ सकता है।

हालांकि सोमवार को स्पष्ट हो गया है कि मुख्तार अंसारी चुनावी मैदान में नहीं होंगे। उनके अधिवक्ता दारोगा सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने अपनी विरासत बेटे अब्बास अंसारी को सौंप दी है। अब्बास ने सोमावर को अपना नामांकन दाखिल किया। वकील दारोगा सिंह ने कहा कि मुख्तार अंसारी ने अपनी विरासत अब्बास अंसारी को सौंपी है। अब अब्बास चुनावी राजनीति में रहेंगे।

वहीं नामांकन के बाद अब्बास अंसारी ने कहा कि अब उनके पिता व पांच बार मऊ से विधायक मुख्तार अंसारी चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने राजनीतिक विरासत को मुझे सौंप दिया है। मऊ मेरी अब कर्मभूमि भी रहेगी। पिता की विरासत को आगे ले जाने में कोई को कसर नहीं छोड़ूंगा।

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