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Up Election 2022

UP Election 2022: राम मंदिर का श्रेय ले रहे योगी अगर अयोध्या से चुनाव लड़ते तो ममता बनर्जी जैसा होता हाल- रिपोर्ट

Janjwar Desk
16 Jan 2022 8:19 AM GMT
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(अयोध्या से लड़ते तो योगी का होता ममता दीदी सा हाल)

योगी आदित्यनाथ महाराज ने जमीनी हकीकत पता की होगी। सर्वे किया गया होगा। हकीकत यह है कि यहां पर दीपक जलाने के अलावा कुछ भी नहीं किया गया। फैजाबाद शहर में मुस्लिम वोटर बहुत हैं...

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन जब भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार 15 जनवरी को अपनी पहली सूची जारी की तो योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर शहर विधानसभा सीट से उतारा। इसके बाद अखिलेश यादव ने तंज भी कसा कि चुनाव से पहले ही भाजपा ने योगी को उनके घर का रास्ता दिखा दिया है। वहीं योगी ने पलटवार करते हुए कहा कहा, 'बबुआ न घर के रहेंगे ना घाट के।'

जनसत्ता के मुताबिक, भाजपा की विरोधी पार्टियां यह कहकर भी तंज कस रही हैं कि योगी को पता चल गया था कि अयोध्या में उनकी जीत निश्चित नहीं है। इसीलिए वह अपनी सीट बचाने के लिए गोरखपुर से चुनाव लड़ेंगे। इसी मामले में एक टीवी चैनल का रिपोर्टर जब अयोध्या में लोगों से बात करने पहुंचा तो वहां मौजूद संत ने भी इस बात की आशंका जाहिर की अयोध्या से योगी चुनाव हार सकते थे।

बता दें कि कुछ संतों ने योगी से अयोध्या में आकर चुनाव लड़ने की अपील भी की थी। एबीपी गंगा से बात करते हुए एक संत ने कहा, 'योगी आदित्यनाथ महाराज ने जमीनी हकीकत पता की होगी। सर्वे किया गया होगा। हकीकत यह है कि यहां पर दीपक जलाने के अलावा कुछ भी नहीं किया गया। फैजाबाद शहर में मुस्लिम वोटर बहुत हैं। ग्रामीण क्षेत्र भी विधानसभा में आता है।'

उन्होंने कहा, 'केवल संतों के वोट से योगी का भला नहीं होना था। यहां पर उनका ममता बनर्जी वाला हाल हो सकता था। अच्छी बात है कि योगी जी अपनी सुरक्षित सीट पर चले गए हैं। संत समाज इस बात की मांग कर रहा था। संतों की बहुत सारी अपेक्षाएं थीं। ट्रस्ट से चल रहे राम मंदिर के काम का श्रेय भी योगी जी ले रहे हैं।'

वहीं पास में मौजूद एक संत ने कहा कि यह बात जो कह रहे हैं, वे सपा से संबंधित हैं। उन्होंने कहा, 'इनकी टोपी बताती है कि ये सपा से हैं। अयोध्या का हर संत योगी आदित्यनाथ है। यहां से सपा साथ है।' वहीं मौजूद कुछ लोगों ने कहा, भाजपा का सवाल नहीं है, सवाल है यहां राम जी के नाम का। इसविचार का समर्थन करने वाले लोग भाजपा को वोट देते रहे हैं। योगी की गोरखपुर में तीन पीढ़ियों की विरासत है।

वहां मौजूद एक शख्स ने कहा कि पवन पांडेय के सामने योगी आदित्यनाथ टिक नहीं पाते इसीलिए वह गोरखपुर चले गए। कुछ लोगों ने कहा, भारतीय जनता पार्टी की आलाकमान भी परेशान है कि अयोध्या की जनता का समर्थन क्यों नहीं मिल रहा है।

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