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सिराथू के अनोखे दलित प्रत्याशी 'छेद्दू' ने यूपी चुनाव में डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्या के खिलाफ ठोकी ताल ...
(केशव प्रसाद मौर्या के खिलाफ कन्नी चुनाव चिन्ह से छेद्दू ने ठोकी ताल)
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) को उनकी विधानसभा सिराथू से टक्कर मिलती दिख रही है। यहां के एक लोकल निवासी ने केशव मौर्य को हराने के लिए निर्दलीय प्रत्यशी के रूप में पर्चा दाखिल किया है। नाम है 'छेद्दू चमार।' केशव को हराने के लिए छेद्दू गली-गली घूमकर अनोखे तरह से प्रचार कर रहा है।
गले मे एक बैनर नुमा होल्डिंग टांगकर साइकिल से गली-गली घूमने वाला छेद्दू (Chheddu) अपना बस एक ही ख्वाब बताता है केशव मौर्य को हराना। उसका कहना है केशव ने 5 साल में सिराथू की जनता के लिए कुछ भी नहीं किया। वह अपने ससुराल प्रेम में ही खोए रहे। वह जिस दलित समुदाय से आते हैं कुर्सी पाने के बाद उनसे कोसों दूर रहते हैं।
साइकिल से घूमता छेद्दू ढोल बजा-बजाकर वोट मांग रहा है। उसका दावा है कि चुनाव जीतने के बाद सिराथू (Sirathu) की जनता के लिए वह सब कुछ उपलब्ध होगा जो केशव मौर्य मंत्री बनकर नहीं दे पाए। छेद्दू अपने वादे से मुकरने पर हमेशा के लिए सिराथू से बेदखल कर देने तक कि बात कहता है। और तो सिराथू की जनता भी उसके इस अनोखे स्टाइल पर फिदा हो रही है।
केशव का राजनीतिक सफर
केशव प्रसाद मौर्या ने राजनीतिक सफर की शुरुआत सिराथू से ही की थी। 2012 में विधायक बने, 2014 में सांसद बनने के लिए छोड़ दी थी सिराथू सीट। इससे पहले प्रयागराज के शहर पश्चिमी सीट से दो बार विधानसभा चुनाव लड़े। पर, वह विधानसभा नहीं पहुंच सके। 2014 के लोकसभा चुनाव में वह फूलपुर से सांसद चुन लिए गए। इसके बाद भाजपा ने इन्हें यूपी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दे दी। 2017 में सरकार बनने पर इन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया गया। अब दूसरी बार वह सिराथू से नामांकन कर चुके हैं। अपना दल (कमेरा) पार्टी से गठबंधन के बाद सपा ने पल्लवी पटेल को प्रत्याशी बनाने की घोषणा की है। तो बसपा ने संतोष त्रिपाठी तो कांग्रेस ने सीमा अग्निहोत्री को प्रत्याशी बनाया है।
सिराथू विधानसभा सीट का आंकड़ा
सिराथू विधानसभा में 3 लाख 80 हज़ार 839 कुल मतदाता हैं। इसमें पुरुष 2 लाख 01 हज़ार 791 और महिला 1 लाख 79 हज़ार 35 और थर्ड जेंडर 12 हैं। इसके अलावा, जातिगत आंकड़े: पासी 60 हज़ार, मुस्लिम 50 हज़ार, पटेल 30 हज़ार, अनुसूचित जाति 28 हज़ार, मौर्या 28 हज़ार, यादव 22 हज़ार, ब्राह्मण 25 हज़ार, पाल 18 हज़ार, वैश्य 30 हज़ार, धोबी 10 हज़ार, कोरी 08 हज़ार, प्रजापति 08 हज़ार, अन्य जाति 60 हज़ार के करीब बताई जा रही है।