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Uttarakhand Congress : कांग्रेस नेता का सनसनीखेज दावा- पैसे लेकर टिकट बांटे हरीश रावत ने

Janjwar Desk
14 March 2022 10:48 AM GMT
Uttarakhand Congress : नहीं थम रहा कांग्रेस का बवंडर, अब हरीश रावत ने की खुद को पार्टी से निष्काषित करने की मांग
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(अब हरीश रावत ने की खुद को पार्टी से निष्काषित करने की मांग)

Uttarakhand Congress : पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत ने हरीश रावत पर चुनाव में पैसे लेकर टिकट बांटने का आरोप लगाकर अपने ही राजनैतिक गुरु को कटघरे में खड़ा कर दिया है....

सलीम मलिक की रिपोर्ट

Uttarakhand Congress : विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित पराजय के बाद अब कांग्रेस (Congress) में जूतम-पैजार शुरू हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस चुनाव संचालन समिति के मुखिया तथा मुख्यमंत्री के अघोषित चेहरे हरीश रावत (Harish Rawat) द्वारा चुनावी हार की जिम्मेदारी पार्टी पर थोपने के बाद पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष ने पलटवार करते हुए रावत पर चुनाव में पैसे लेकर टिकट बांटने जैसे गम्भीर आरोप लगाए हैं।

उल्लेखनीय है कि चुनाव के दौरान रामनगर-सल्ट-लालकुआँ (Sult-Lalkuan) के महत्त्वपूर्ण व चर्चित रहे राजनैतिक घटनाक्रम पर हरीश रावत ने चुनावी हार के बाद कहा था कि "लालकुआं से चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी का था। वह खुद रामनगर से चुनाव लड़ना चाहते थे।"

रावत के इस बयान पर पलटवार करते हुए नेता-प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह (Pritam Singh) ने "फसल बोए कोई और, पांच साल बाद काटे कोई और" कहते हुए कहा था कि रामनगर से रणजीत सिंह रावत पांच साल से चुनाव की तैयारी कर रहे थे। ऐसे में उनकी मेहनत को नजरअंदाज कर उनके क्षेत्र से किसी दूसरे का चुनाव लड़ने की इच्छा रखना गलत कदम था। इसी विवाद के चलते रणजीत को सल्ट से चुनाव लड़ने के लिए भेजने से पार्टी कई सीटों पर चुनाव हारी।

अब इस विवाद में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत (Ranjeet Singh Rawat) ने हरीश रावत पर चुनाव में पैसे लेकर टिकट बांटने का आरोप लगाकर अपने ही राजनैतिक गुरु को कटघरे में खड़ा कर दिया है। रणजीत ने साफ कहा कि हरीश रावत ने खुद उन्हें पहले 2012 में ही सल्ट की जगह रामनगर से चुनाव लड़ने भेजा। 2012 का चुनाव हारने के बाद से ही उन्होंने रामनगर से अगले चुनाव की तैयारी करते हुए गांव-गांव तक संगठन खड़ा कर हर घर को कांग्रेस से जोड़ा। स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक तक में हरीश रावत ने इस बात को स्वीकार किया था। लेकिन उसके बाद भी उन्होंने रामनगर में अपनी साजिशों का कुचक्र रचा।

हरीश रावत ने सल्ट की जनता के लिए भी इतना कुछ कहा कि लिहाज करते हुए उसे बोल नहीं पा रहा हूँ। उन्होंने हरीश रावत पर नए कार्यकर्ताओं को बरगलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह बहुत मासूमियत से झूठ बोलते हैं। नए कार्यकर्ताओं-नेताओं को अफीम चटाकर नशे में सम्मोहित करके वह उन्हें बरगलाते रहते हैं। वह खुद भी 35 साल इसी अफीम के नशे में झूमते रहे। 35 साल बाद बड़ी मुश्किल से इस अफीम के नशे से बाहर निकला हूँ। सल्ट से चुनाव लड़ने व हारने को अपने जीवन की सबसे बड़ी राजनैतिक गलती बताते हुए रावत ने कहा कि सहयोगियों के समझाने के बाद पार्टी के हित में वह सल्ट से चुनाव लड़ने गए, जो उनका गलत फैसला रहा।

हरीश रावत पर पैसे लेकर चुनाव में टिकट बांटने का सनसनीखेज आरोप लगाते हुए रावत ने कहा कि विधानसभा चुनाव में टिकट दिलवाए जाने के नाम पर उन्होंने कई लोगों को ठगकर मोटा पैसा इकट्ठा किया है। चुनाव के बाद कई लोग उन्हें पैसे वापसी के लिए ढूंढ रहे हैं। उनके मैनेजरों ने कुछ लोगों के पैसे वापस कर दिए हैं। लेकिन कई लोग अभी भी अपने पैसे वापस लेने के लिए उनके चक्कर काट रहे हैं।

इतना ही नहीं, रणजीत ने हरीश रावत पर बरसते हुए कहा कि वह एक साल पहले ही कह चुके हैं कि हरीश रावत की मनोदशा ठीक नहीं है। उन्हें अब विश्राम की जरूरत है। सल्ट चुनाव में मुख्य विपक्षी दल को वॉकओवर देने का बयान इसी मनोदशा का परिणाम था। इतना ही नहीं जब पूरी कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व में "चौकीदार चोर है" कि कैम्पेन के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रही थी, उस समय भी वह "मोदी तुझसे बैर नहीं, भाजपा की खैर नहीं" का नारा देकर मोदी के खिलाफ कांग्रेस की लड़ाई को कमजोर कर रहे थे।

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