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Uttarakhand Election 2022 : नेपाली कम्युनिकेशन नेटवर्क पर निर्भर हैं उत्तराखंड के प्रत्याशी, कैसे होगा ऑनलाइन कैंपेन
(नेपाल से सटे उत्तराखंड की सीमाओं पर बेदम बीएसएनएल की सेवा)
Uttarakhand Election 2022 : चुनाव आयोग (ECI) उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में तारीखों का ऐलान कर चुका है। कोरोना महामारी (Covid 19) के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए चुनाव आयोग ने निर्देश दिए हैं कि चुनाव प्रचार का काम ऑनलाइन होगा, कोई चुनावी सभा या वाहन रैली नहीं निकाली जाएगी। ऐसे में सभी दल ऑनलाइन ही अपने-अपने प्रचार में जुट गए हैं। वहीं दूसरी उत्तराखंड (Uttarakhand) के सीमांत पिथौरागढ़ (Pithoragarh) जिले में संचार सेवाओं का अभाव अब नेताओं पर ही भारी पड़ रहा है। कोविड के चलते रैली व सभाओं पर रोक के कारण राजनीतिक दलों को ठंड में भी पसीना आ रहा है।
खबरों के मुताबिक उत्तराखंड के सीमांत इलाकों में पंचेश्वर से लेकर धारचूला तक नेपाल सीमा (India Nepal Border) पर बीएसएनल (BSNL) की संचार सेवा बेदम हो चुकी है। सामरिक रूप महत्वपूर्ण होने के बावजूद बीएसएनएल की संचार सेवा उपलब्ध न होने से संकट बढ़ा है। लगातार सेवा बाधित होने से सीमात के बैंक व डाकघर आदि का कामकाज प्रभावित है तो गैस व विद्युत आनलॉइन बुकिंग व बिलिंग समेत तमाम कार्य नहीं हो पा रहे हैं। इससे एक भारतीय उपभोक्ता नेपा की संचार सेवा पर निर्भर होकर रह गए हैं।
उत्तराखंड में चुनाव प्रचार के लिए समय भी अब बेहद कम बचा है। पिथौरागढ़ जिले में नेपाल सीमा पर बीएसएनएल ही एकमात्र सेवा प्रदाता कंपनी है। कंपनी के सीमित टावर क्षेत्र में लगे हुए हैं। सुरक्षा कारणों से सिग्नल की क्षमता भी सीमित रखी गई है। इसके चलते दूर-दराज के गांवों में सिग्नल ही नहीं आते। क्षेत्र में रहने वाले लोग नेपाल की संचार सेवा का भी उपयोग करते हैं।
सीमांत की छह विधानसभा सीट नेपाल से लगी हैं। पिथौरागढ़ और चंपावत जिले की तीन-तीन विधानसभा सीट नेपाल सीमा से लगी हुई हैं। पिथौरागढ़, डीडीहाट और धारचूला के दो सौ से अधिक गांव इस सीमा पर बसे हुए हैं। इनकी आबादी एक लाख से अधिक है। यहां झूलाहाट व जौलजीबी में दो टावर लगे हैं। इनसे करीब 15 हजार से अधिक उपभोक्ता जुड़े हैं। चंपावत जिले की दोनों विधानसभा सीट चंपावत और लोहाघाट का भी यही हाल है।
पिथौरागढ़ के बीएसएनएल के एसडीओ आरके साहू ने कहा कि नेपाल सीमा पर बीएसएनएल टावर लगाए हैं। कुछ इलाकों की दिक्कत है। इसके लिए टावरों की सिग्नल क्षमता बढ़ायी जा रही है। विषम भौगोलिक परिस्थिति भी नेटवर्किंग विस्तार में आड़े आ रही है।
खबरों के मुताबिक नेपाल सीमा से सटे भारतीय गांवों के लोग भी यहां की बदहाल सेवा को देखते हुए नेपाली सिम भी रखते हैं। नमस्ते नेपाल और एयरटेल कंपनी के टावर भारतीय सीमा के करीब 36 किलोमीटर एरिया को कवर करते हैं। पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय के समीप तक सिग्नल मिलते हैं। हालांकि इस सिम से कॉल दर 15 नेपाली रुपये आती है।