Video : 'मसाज' ही अगर चुनाव का मुद्दा है तो बिना कपड़ों वाले BJP नेता चिन्मयानंद की देखें, कपड़े पहने जैन की क्यों?
Video : देश में होने वाले चुनावों का मुद्दा अगर तेल-मालिश, मसाज (Massage) ही बचा है तो BJP नेता स्वामी चिन्मयानंद की देखने में क्या बुराई है। दिल्ली चुनाव (Delhi Mcd Election), गुजरात चुनाव और अन्य चुनावों में सत्येंद्र जैन का कपड़े पहनकर मसाज कराना ही सबसे बड़ा मुद्दा बचा है तो बिना कपड़े पहने मसाज करा रहे स्वामी चिन्मयानंद को देखने में भला बुरा कैसे माना जा सकता है।
तिहाड़ जेल में बंद सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) तो फिर भी कपड़े पहने हैं, लाइट जल रही, उजाले में मसाज हो रही है। जबकि इससे बहुत बेहतर वीडियो खुद हाय तौबा कर रही BJP के पूर्व राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद (BJP Minister Swami Chinmayanand) की मसाज का है। आपको याद ही होगा कि स्वामी चिन्मयानंद (Swami Chinmayanand) का अपने ही कॉलेज की लॉ स्टूडेंट के साथ मसाज कराने का किस तरह का वीडियो वायरल हुआ था, उसे लेकर सत्ता वाले क्यों नहीं जनता के सामने आ रहे हैं।
हम सब देख रहे हैं, दिल्ली के चुनाव या गुजरात के चुनाव (Gujrat Assembly Election 2022) में मसाजों पर बहसें हो रही हैं। देश का मीडिया तरह-तरह के एंगल खोज रहा है, तो ऐसे में क्यों ना इसे मसाज वर्सेज मसाज का एंगल दे दिया जाना चाहिए। एक तरफ भाजपा का नंगा चिन्मयानंद हो और दूसरी तरफ कपड़े वाला आप का मसाज मंत्री सत्येंद्र जैन (AAP Minister Satyendra Jain) हो। इन्हीं मसाजों से अगर देश का भला हो जाए तो इन दोनों पर बहस जरूर की जानी चाहिए।
नंगा वाला भाजपाई मंत्री अपनी छात्राओं से मसाज करा रहा है तो दूसरी तरफ दिल्ली का मंत्री पुरूषों से मसाज ले रहा है। दोनों पर बहस करना जरूरी है। और यह भी देश को तय करना चाहिए कि दोनों में कौन सबसे बड़ा नंगा (Nude Massage) है। सब लोग अपनी-अपनी पार्टी के अनुसार खुद ही फैसला कर लेंगे। लेकिन यह सब देश का मीडिया नहीं दिखायेगा, क्योंकि उसके कथित मौजूदा आका मीडिया के मुँह से निवाला छीन लेंगे। हो सकता है यह भी एक डर हो।
ऐसे में मसाज के मजावादी विमर्श की यह बहस। एक तरफ रात के अंधेरे में छात्रा को मजबूर करके मसाज ली जा रही है, दूसरी तरफ कैदी मंत्री की कोई कैदी मसाज कर रहा है। दोनों ही अपनी-अपनी पार्टी के मंत्री (Minister) रहे हैं। तो ऐसे में क्यों ना दोनों को मसाजों के तुलनात्नमक अध्ययन की तरफ ले जाया जाए। और आप ही इन दोनों मसाजों में जो मसाज बेहतर और खतरनाक हो तुलना कर फैसला करें।
हालांकि जनज्वार इन दोनों ही मसाजों के खिलाफ है, लेकिन जब देश का मीडिया और सत्ताधारी पार्टी इस मसाज को दरकिनार कर रात और दिन मसाज-मसाज की रट लगाए हैं तो ऐसे में हम जनता की मीडिया (People Oriented Media) की अपनी भी कुछ जिम्मेदारी बनती है। जिम्मेदारी ये कि इन दोनों ही मसाजों को जनता के सामने लाया जाए। जिसका फैसला जनता ही करे। दिल्ली के चुनाव और गुजरात के चुनाव में जनता को ही इन दोनों मसाजों पर अपना फैसला देना है।
चिन्मयानंद की मसाज के आनंद का पूरा वीडियो इस लिंक पर भी देखें... Janjwar Media