Anthony Albanese Biography Hindi: वो प्रधानमंत्री जिसने खुद को बिन ब्याही मां के बेटे होने का किताब में जिक्र किया, ऑस्ट्रेलिया के नए PM की कहानी

Anthony Albanese Biography Hindi: वो प्रधानमंत्री जिसने खुद को बिन ब्याही मां के बेटे होने का किताब में जिक्र किया, ऑस्ट्रेलिया के नए PM की कहानी
मोना सिंह की रिपोर्ट
Anthony Albanese Biography Hindi: हाल में ही 23 मई को ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने शपथ ग्रहण किया। इसके कुछ सालों पहले तक किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि ऑस्ट्रेलिया के सिडनी काउंसिल हाउसिंग के मजदूर वर्ग एक लड़का एक दिन देश का प्रधानमंत्री बनेगा। और लेबर पार्टी का नेतृत्व करेगा। यह सब कुछ ऑस्ट्रेलिया की राजनीति में बहुत बड़ा बदलाव था। इससे पहले विपक्षी पार्टी के नेता व पूर्व प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन लगभग एक दशक तक सत्ता में रहे थे. पर उसी मजदूर वर्ग से उठकर नए कीर्तिमान बनाने वाले एंथनी अल्बनीज ने उसकी सत्ता को उखाड़ फेंका. अब एंथनी ऑस्ट्रेलिया के 31वें प्रधानमंत्री बने हैं। वे देश के पहले इटालियन-ऑस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री हैं। एंथनी अल्बनीज पिछले 26 सालों से फेडरल पार्लियामेंट में हैं। 59 वर्षीय एंथनी सिंगल मदर के बेटे हैं। आइए जानते हैं एंथनी अल्बानीज बारे में सब कुछ।
सिंगल मदर के साथ गरीबी में बीता बचपन
एंथनी अल्बनीज का जन्म 2 मार्च 1963 में सिडनी के पश्चिम काउंसिल हाउसिंग में सिंगल मदर मैरीने ऐलरी के घर हुआ था। उनके पिता का नाम कार्लो अल्बनीज था। कार्लो अल्बनीस इटली के निवासी थे जबकि मैरीने ऑस्ट्रेलिया की रहने वालीं थीं। उनकी मुलाकात 1962 में हुई थी। एंथनी अल्बनीज के जन्म के बाद वे अलग हो गए। मैरीने ने अकेले ही एंथनी अल्बानीज का पालन पोषण किया। सिंगल मदर होने के नाते मैरीने का जीवन बहुत कठिन था, लेकिन उनका दृढ़ संकल्प था कि वे अपने बेटे को खुद से बेहतर जीवन देंगी। यही बात एंथनी को अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित करती रही है।
एंथनी के नाना जार्ज ऐलेरी बिजनेसमैन थे। एंथनी अल्बनीज का बचपन नाना, नानी और मां के साथ गुजरा। 1970 में नाना की मौत के बाद घर की आर्थिक दशा बेहद खराब हो गई थी। इसी दौरान उनकी मां ने दूसरी शादी भी की जो कि असफल रही और केवल 10 हफ्ते ही चल पाई।
मां ने सफाईकर्मी की नौकरी कर चलाया घर
दूसरी शादी टूटने के बाद घर चलाने की जिम्मेदारी पूरी तरह से मैरीने के ऊपर ही आ गई। तब वे सफाई कर्मचारी का काम करने लगीं। लेकिन जल्द ही वे गठिया की बीमारी से पीड़ित हो गईं और चलने फिरने में असमर्थ हो गईं। तब सरकार की तरफ से मिलने वाली विकलांग पेंशन और नानी की बुजुर्ग पेंशन से ही मैरीने ने अपना घर चलाया।
बेटा नाजायज ना कहलाए, इसलिए मां ने बोला झूठ
1960 के दशक का ऑस्ट्रेलियाई समाज रूढ़िवादी था। इसी रूढ़िवादिता के चलते अपने बेटे को नाजायज कहलाने से बचाने के लिए एंथनी अल्बनीज की मां ने उन्हें बचपन से बताया था कि उनके पिता कार्लो अल्बनीज की शादी के तुरंत बाद ही एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। लेकिन जब एंथनी अल्बनीज 14 साल के थे तब उनकी मां को विकलांग पेंशन के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया। उनकी पेंशन बंद हो गई। घर के हालात बद से बदतर हो गए तब उनकी मां ने उन्हें यह सच बताया कि उनके पिता जिंदा हैं। और उन्होंने कभी शादी नहीं की थी। इस बात का जिक्र एंथनी अल्बनीज ने अपनी बायोग्राफी में भी किया है। मां को भावनात्मक ठेस ना पहुंचे इसलिए अपने पिता से मिलने की कोशिश उन्होंने नहीं की।
पहले मंत्री बने फिर पिता से मिले
2002 में जब उनकी मां की मृत्यु हो गई इसके बाद ही उन्होंने अपने पिता को खोजने की कोशिश की। वह अपने पिता कार्लो अल्बनीज से 2009 में उनके गृह नगर बरेटा में मिले। पिता-पुत्र मिलकर बहुत खुश हुए। उस समय एंथनी अल्बेनीस इटली में ऑस्ट्रेलिया के परिवहन मंत्री के रूप में मीटिंग में शामिल होने गए थे।
एंथनी अल्बनीज की शिक्षा
एंथनी के परिवार में किसी भी व्यक्ति ने स्कूली शिक्षा अच्छी तरह ग्रहण नहीं की थी। उच्च शिक्षा तो दूर की बात थी। एंथनी अल्बनीज अपने परिवार के पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने स्कूली शिक्षा पूरी की। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सेंट जोसेफ प्राइमरी स्कूल और सेंट मैरी कैथेड्रल कॉलेज में हुई थी। यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी से उन्होंने 1984 में इकोनॉमिक्स में स्नातक किया और 2 सालों तक कॉमनवेल्थ बैंक में नौकरी की। पढ़ाई करते हुए भी उन्होंने खर्च चलाने के लिए पार्ट टाइम नौकरियां कीं। एंथनी की मां शुरू से ही उनके बेहतर जीवन का सपना देखतीं थीं। और एंथनी को बेहतर जीवन के लिए अच्छी शिक्षा का महत्व पता था।
12 साल की उम्र में जुड़े आंदोलन से
एंथनी अल्बनीज जब महज 12 साल के थे तब अपने पहले आंदोलन से जुड़े। 12 साल की उम्र में वह सरकारी आवास में अपनी मां के साथ किराए पर रहते थे। तब स्थानीय परिषद सरकारी आवास का किराया बढ़ाना चाहती थी और उन्हें बेचना भी चाहती थी। लोग बढ़ा हुआ किराया नहीं देना चाहते थे। लेकिन आगे आकर इसका विरोध भी नहीं करना चाहते थे। तब एंथनी अल्बनीस ने इसके विरुद्ध कुछ लोगों के साथ अभियान चलाया और बढ़े हुए किराए का भुगतान करने से इंकार कर दिया। अंत में स्थानीय परिषद ने किराया ऋण माफ कर दिया और सरकारी आवास आवासों को बेचने का आदेश भी वापस ले लिया।
छात्र जीवन में की राजनीति की शुरुआत
एंथनी अल्बनीज यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान ही स्टूडेंट रिप्रेजेंटेटिव काउंसिल के लिए चुने गए थे। यूनिवर्सिटी से ही धीरे-धीरे उनका रुझान लेफ्ट विचारधारा वाली लेबर पार्टी से हो गया। और जल्दी ही उनके हाथ में लेबर पार्टी के युवा विंग की कमान आ गई। इकॉनॉमिक्स में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद वह मिनिस्ट्री फॉर लोकल गवर्नमेंट एंड एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज रिसर्च ऑफिसर का काम करने लगे थे।
एंथनी अल्बनीज का राजनीतिक सफर
- एंथनी अल्बनीज 1996 में ग्रैंडलर सीट से पहली बार सांसद चुने गए। 1998 में वे पार्लियामेंट सेक्रेटरी बने। उस समय उनके ऊपर मंत्रियों की मदद करने की जिम्मेदारी थी। एक तरह से यह भी मंत्री पद ही था। 2001 में वे अपोजिशन शेडो कैबिनेट बने।
- 2002 में वे रोजगार मंत्री बने। 2004 में शेडो मिनिस्टर फॉर एनवायरमेंट एंड हेरिटेज बने। फिर 2007 में लेबर पार्टी की जीत के बाद कैबिनेट मंत्री बने। उन्हें बुनियादी ढांचा और परिवहन मंत्री नियुक्त किया गया था।
- 2013 में वे ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री बने लेकिन उनका कार्यकाल 18 सितंबर 2013 तक ही रहा। क्योंकि लेबर पार्टी चुनाव हार गई थी।
- 2019 में वे लेबर पार्टी के मुख्य नेता बन गए। और संसद में विपक्ष के नेता के रूप में बैठने लगे। और अब 23 मई 2022 को ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री बने.
19 साल बाद टूटी शादी
एंथनी अल्बनीज ने साल 2000 में कार्मेल टेबबट से शादी की थी। शादी के एक साल में ही उनके बेटे नाथन का जन्म हुआ। कार्मेल उस समय न्यू साउथ वेल्स की फ्यूचर डिप्टी प्रिमियर थीं। 2019 में दोनों का तलाक हो गया। इसके कुछ हफ्ते बाद ही वे ऑडी हेडन से मिले जो वर्तमान में उनकी गर्लफ्रेंड हैं।
ऑस्ट्रेलिया में लाना चाहते हैं ये बदलाव
एंथनी अल्बनीज ऑस्ट्रेलिया के लोगों के लिए एक उज्जवल भविष्य बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जहां महंगाई कम हो। लोगों के पास अच्छी और अच्छी सैलरी वाली सुरक्षित नौकरियां हो। विकलांगों के लिए विकलांग पेंशन बीमा। बच्चों और बुजुर्गों का सुरक्षित वातावरण में पालन पोषण हो। एलजीबीटी समुदाय (LGBT Community) के लिए भी वे काम कर रहे हैं। वह जलवायु परिवर्तन पर भी गंभीरता से काम कर रहे हैं।
पहले भी भारत आ चुके हैं एंथनी अल्बनीज
एंथनी अल्बनीज 1991 में सामान्य टूरिस्ट की तरह भारत भ्रमण कर चुके हैं। इसके बाद 2018 में वे एक संसदीय दल के प्रतिनिधि के रूप में भारत आए थे। एंथनी अल्बनीज 24 मई 2022 को क्वाड शिखर सम्मेलन टोक्यो में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले और भारत-ऑस्ट्रेलिया के दोस्ती के रिश्ते को मजबूत करने की बात कही। इसके लिए वे आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को गहरा बनाना चाहते हैं। इसके पहले भी एंथनी अल्बनीज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जून 2019 में जापान के ओसाका में जी-20 शिखर बैठक के दौरान मिल चुके हैं।











