Begin typing your search above and press return to search.
विमर्श

Bitcoin Kya Hai: जानें बिटकॉइन से जुड़े हर सवाल के जवाब, कैसे काम करती है क्रिप्टोकरेंसी?

Janjwar Desk
9 Feb 2022 1:29 PM IST
Bitcoin Kya Hai: जानें बिटकॉइन से जुड़े हर सवाल के जवाब, कैसे काम करती है क्रिप्टोकरेंसी?
x

Bitcoin Kya Hai: जानें बिटकॉइन से जुड़े हर सवाल के जवाब, कैसे काम करती है क्रिप्टोकरेंसी?

Bitcoin Kya Hai: बिटकॉइन (Bitcoin) का नाम तो आप सब ने कभी ना कभी कहीं ना कहीं जरूर सुना होगा। बिटकॉइन ना केवल दुनिया की पहली क्रिप्टो करेंसी है बल्कि 5000 से अधिक क्रिप्टो करेंसी में से सबसे ज्यादा डिमांड वाली वर्चुअल करंसी है।

मोना सिंह की रिपोर्ट

Bitcoin Kya Hai: बिटकॉइन (Bitcoin) का नाम तो आप सब ने कभी ना कभी कहीं ना कहीं जरूर सुना होगा। बिटकॉइन ना केवल दुनिया की पहली क्रिप्टो करेंसी है बल्कि 5000 से अधिक क्रिप्टो करेंसी में से सबसे ज्यादा डिमांड वाली वर्चुअल करंसी है। यह एक विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा है। मतलब, इस करंसी को कोई देश, केंद्रीय बैंक या सरकार द्वारा सीधे जारी या नियंत्रित नहीं किया जाता है।

डिजिटल मुद्रा का मतलब आभासी मुद्रा से है। इसे छू या देख नहीं सकते। हालांकि ये कानूनी रूप से संचालित मुद्रा नहीं है फिर भी बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टो करेंसी की वैधता अलग-अलग देशों की मौद्रिक और कानूनी नीतियों पर निर्भर करता है। अब ये वहां की सरकार पर निर्भर है कि वो क्रिप्टो करेंसी को कितनी वैधता देती है या नहीं देती। जैसे भारत में बिटकॉइन को लेकर अभी हाल में सरकार ने नए बजट में घोषणा की है।

इस बजट में बिटकॉइन को बैन करने के बारे में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा गया। लेकिन सरकार ने जरूर कह दिया कि वर्चुअल डिजिटल ऐसेट पर 30% टैक्स लगेगा। इसके अलावा, इन डिजिटल ऐसेट्स को वर्चुअली ट्रांसफर करने पर 1% टीडीएस भी लगेगा। साथ ही अगर कोई किसी क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट के तौर पर किसी को देता है तो गिफ्ट लेने वाले को टैक्स देना होगा। यानी भले ही सरकार बिटकॉइन के कानूनी और गैर कानूनी को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश जारी नहीं किए लेकिन अगर कोई इनका इस्तेमाल कर फायदा कमाता है तो उसे टैक्स जरूर देना होगा.

किन देशों में क्या स्थिति है

चीन में बिटकॉइन दोनों तरह से अवैध है। वहीं, अल-सल्वाडोर ऐसा पहला देश है जहां बिटकॉइन कानूनी रूप से लेनदेन और इन्वेस्टमेंट दोनों के लिए वैध है। इन मुश्किलों के बावजूद बिटकॉइन आज की दुनिया में बहुत लोकप्रिय है। इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल एक देश से दूसरे देश में पैसे भेजने के लिए होता है।

बिटकॉइन को कब और किसने बनाया

बिटकॉइन का आविष्कार सतोशी नाकामोतो नाम के व्यक्ति ने जनवरी 2009 में किया था। 2008 में ही इसे लांच करने के लिए डोमेन नाम .org खरीद लिया गया था। और बिटकॉइन इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम नाम का पत्र अपलोड कर दिया गया था। सतोशी नाकामोतो ने 9 जनवरी 2009 को बिटकॉइन नेटवर्क सार्वजनिक रूप से लांच किया था। यह सॉफ्टवेयर ओपन सोर्स है। इसका अर्थ है कि कोई भी कोड को मुफ्त में देख उपयोग या योगदान कर सकता है। सतोशी नाकामोतो ने 2010 तक विभिन्न डेवलपर्स के साथ इस परियोजना पर काम किया था। पर नाकामोतो की असली पहचान कभी सामने नहीं आई और वर्षों से उन्होंने कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है।

कैसे काम करता है बिटकॉइन

बिटकॉइन एक वितरित डिजिटल रिकॉर्ड पर बनाया गया है जिसे ब्लॉकचेन कहते हैं। ब्लॉकचेन के नाम से स्पष्ट है कि यह डाटा का जुड़ा हुआ सिस्टम होता है जो ब्लॉक नामक इकाइयों से जोड़कर बनता है। किसी भी ब्लॉक में प्रत्येक लेनदेन के बारे में पूरी जानकारी होती है। जिसमें दिनांक, समय, कुल मूल्य, खरीदार, विक्रेता और प्रत्येक एक्सचेंज के लिए एक विशेष पहचान कोड शामिल होती है। इसी तरह की कई एंट्री साथ में जुड़ी होती है, जिससे ब्लॉकों की एक डिजिटल चेन बनती है।

एक बार ब्लॉक कोई नया ब्लॉक जोड़ता है तो वह किसी भी व्यक्ति के लिए उपलब्ध हो जाता है। इस प्रकार से क्रिप्टो करेंसी लेनदेन के लिए सार्वजनिक खाताधारक के रूप में कार्य करता है। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि यह एक गूगल डॉक की तरह है जिस पर कोई भी काम कर सकता है। इसका कोई एक मालिक नहीं है। जिसके पास लिंक है वह इसमें योगदान दे सकता है। और जैसे-जैसे अलग-अलग लोग इसे अपडेट करते हैं इसकी कॉपी भी अपडेट होती जाती है।

कितना सुरक्षित है बिटकॉइन

बिटकॉइन को कोई भी नियंत्रित कर सकता है। अब ये जानने से जरूर ये सोचेंगे कि बिटकॉइन का लेनदेन कहीं असुरक्षित तो नहीं है। यहां ये जान लीजिए कि बिटकॉइन की सुरक्षा और भरोसे के लिए जब एक ब्लॉकचेन जोड़ी जाती है तो इसे सभी बिटकॉइन धारकों के बहुमत द्वारा वेरीफाई किया जाता है। और उपयोगकर्ता के वॉलेट और लेनदेन को पहचानने के लिए उपयोग किए जाने वाले विशेष कोड का सही एंक्रिप्शन पैटर्न के अनुरूप होने चाहिए। ये कोड लंबी और रेंडम नंबर वाले होते हैं, जिन्हें कॉपी करना या इनका अंदाजा लगाना कठिन होता है। इस प्रकार ब्लॉकचेन वेरिफिकेशन कोड जो रैंडम नंबर के रूप में होते हैं और प्रत्येक लेनदेन के समय इस्तेमाल किए जाते हैं। किसी भी प्रकार के धोखाधड़ी, फ्रॉड, हैकिंग की संभावना को कम कर देते हैं।

बिटकॉइन का उपयोग कैसे करें

अमेरिका में लोग वैकल्पिक निवेश के रूप में बिटकॉइन का उपयोग करते हैं। खरीदारी के लिए भी बिटकॉइन का उपयोग किया जा सकता है। लेकिन क्रिप्टो करेंसी स्वीकार करने वाले विक्रेता भी कम है। बिटकॉइन स्वीकार करने वाली बड़ी कंपनियों में माइक्रोसॉफ्ट, पे-पाल और होल फूड्स शामिल हैं।

Crypto.com और Coin Zoom दो ऐसी अमेरिकी सेवाएं हैं जो बिटकॉइन को डॉलर में परिवर्तित करते हैं और डेबिट कार्ड को क्रिप्टो खाते से जोड़ने की अनुमति देते हैं। मतलब आप बिटकॉइन का उपयोग क्रेडिट कार्ड की तरह कर सकते हैं। बिटकॉइन लोगों को सबसे खराब स्थिति से भी बचाव का विकल्प देता है। भारी कर्ज वाले देशों जैसे अर्जेंटीना, वेनेजुएला, जिंबाबब्वे जैसे देशों में बिटकॉइन एक आकर्षक विकल्प है।

बिटकॉइन कैसे खरीदें

ज्यादातर करेंसी एक्सचेंज के माध्यम से खरीदे बेचे जाते हैं। इसके लिए एक ब्रोकरेज खाता खोलना पड़ता है। इसके अलावा कोइनबेस, क्रैकेन, जैमिनी और रॉबिनहुड ऑनलाइन ब्रोकर है। जिनसे बिटकॉइन ऑनलाइन खरीदा जा सकता है। इसे स्टोर करने के लिए बिटकॉइन वॉलेट की आवश्यकता होती है। ये दो तरह के होते हैं। ऑनलाइन वॉलेट या हॉट वॉलेट और ऑफलाइन वॉलेट या कोल्ड वॉलेट।

ऑनलाइन वॉलेट में एक्सोडस, इलेक्ट्म, माइसलियम शामिल है। कोल्ड वॉलेट या मोबाइल वॉलेट, इंटरनेट से कनेक्ट नहीं होता है। ट्रेजर और लेजर आते हैं। बिटकॉइन को कुछ डॉलर की राशि देकर भी खरीदा जा सकता है। इसके लिए खरीदारी को खनिकों द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए। अपने खाते में बिटकॉइन की खरीदारी करने में 10 से 20 मिनट का समय लगता है।

बिटकॉइन में निवेश

समय के साथ बिटकॉइन की कीमतों में उतार-चढ़ाव होते हैं। ग्रेस्केल बिटकॉइन ट्रस्ट (जीबीटीसी) के शेयर खरीददार बिटकॉइन म्यूचुअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं।

बिटकॉइन से जुड़ी समस्याएं

बिटकॉइन माइनिंग में बहुत ज्यादा एनर्जी ऊर्जा की खपत होती है। कैंब्रिज विश्वविद्यालय के पास ऑनलाइन कैलकुलेटर है, जो एनर्जी की खपत को कैलकुलेट करता है। इसके अनुसार, 2021 की शुरुआत में बिटकॉइन माइनिंग में 100 टेरावॉट घंटे से ज्यादा का उपयोग किया गया, जबकि 2016 में यूनाइटेड किंग्डम ने 304 टेरावाट घंटे का उपयोग किया था। क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कालाबाजारी और अपराधिक लेनदेन करने में होता है।

ऐसे होती है बिटकॉइन माइनिंग

बिटकॉइन माइनिंग बिटकॉइन नेटवर्क को बनाए रखने वाली प्रक्रिया है। बिटकॉइन माइनिंग से नए सिक्के अस्तित्व में आते हैं। बिटकॉइन माइनिंग करने वाले बिटकॉइन माइनर या बिटकॉइन खनिक सभी लेनदेन को एक साथ एक ब्लॉक में बंडल करते हैं, यह प्रक्रिया बेहद कठिन होती है जबकि से वेरीफाई करना आसान होता है। फिर इसे नेटवर्क पर प्रसारित किया जाता है। अगर यह सही होता है तो इसे ब्लॉकचेन में जोड़ा जाता है। फिर माइनर या खनिकों को नवनिर्मित बिटकॉइन राशि से पुरस्कृत किया जाता है।

बिटकॉइन माइनिंग समय के साथ कठिन होती जा रही है। बिटकॉइन के लांच होने की समय माइनिंग में एक साधारण कंप्यूटर का इस्तेमाल करके एक सिक्के को तुरंत माइन किया जा सकता था। परंतु अब इसके लिए शक्तिशाली उपकरण से भरे हुए कमरे और उच्च ग्राफिक कार्ड की आवश्यकता होती है।

बिटकॉइन के फायदे

बिटकॉइन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल दुनिया भर में एक देश से दूसरे देश पैसा भेजने में किया जाता है। यह किसी भी सरकारी बैंक या सरकार के नियंत्रण में नहीं है, इसलिए इसके द्वारा पैसा भेजना या ट्रांजैक्शन करना ज्यादा सस्ता और आसान होता है। यह जहां एक सामान्य बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने पर पर 5 से 30 परसेंट कमीशन देना पड़ता है, वहीं बिटकॉइन के लेनदेन में बहुत कम फीस देनी पड़ती है। साथ ही साथ बिटकॉइन के खोने का डर भी नहीं होता और बिटकॉइन से हुए लेन-देन का हिसाब भी किसी को नहीं देना पड़ता मतलब यह टैक्स फ्री भी है। लेकिन अपने अकाउंट को हैकर से बचाना पासवर्ड याद रखना इत्यादि सावधानियां बरतनी पड़ती हैं।

Janjwar Desk

Janjwar Desk

    Next Story

    विविध