कोरोना पर जनता को सबसे ज्यादा भ्रमित किया भाजपा के नेताओं, मंत्रियों और पदाधिकारियों ने
जनज्वार। कोरोना महामारी के दौरान भाजपा के नेताओं ने जनता को सबसे ज्यादा भ्रमित किया है। कोरोना महामारी पर भाजपा के नेताओं ने सबसे ज्यादा अवैज्ञानिक, मूर्खतापूर्ण व हास्यास्पद बयान दिए हैं।
अप्रैल में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने बिना मास्क लगाये चुनावी रैलियों को संबोधित किया। रैलियों में अधिक से अधिक भीड़ जुटाने कि कोशिश की गई। देश के दो महत्वपूर्ण पदों पर बैठे नेताओं के द्वारा सार्वजनिक चुनावी सभाओं में मास्क न लगाना एक बड़ी गलती व भारी लापरवाही सिद्ध हुई। ये ऐसे नेता है जिनके करोड़ों फॉलोवर्स हैं।
भाजपा के नेता उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पत्रकार से बात करते हुये कहा- "दार्शनिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो कोरोनावायरस भी एक प्राणी है, हम भी एक प्राणी हैं। हम अपने आप को सबसे ज्यादा बुद्धिमान समझते हैं लेकिन वह प्राणी भी जीना चाहता है उसको भी जीने का अधिकार है। हम उसके पीछे लगे हुए हैं वह बचने के लिए अपना रूप बदल रहा है, वह बहुरूपिया हो गया है।
त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस बयान को लेकर उनकी आलोचना हो रही है। त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस बयान पर राष्ट्रीय यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने चुटकी लेते हुए कहा कोरोना एक प्राणी है फिर तो उसका आधार कार्ड, राशन कार्ड भी होगा?
हरिद्वार में कुंभ के आयोजन के दौरान शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत के बयान का पलटवार करते हुए उत्तराखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने 13 अप्रैल को कहा था- "कुंभ में मां गंगा की कृपा से कोरोना नहीं फैलेगा, रावत ने कहा था कि कुंभ और मरकज की तुलना करना गलत है। मरकज से जो कोरोना फैला वह एक बंद कमरे से फैला क्योंकि वे सभी लोग एक बंद कमरे में रहे, जबकि हरिद्वार में हो रहे कुंभ का क्षेत्र नीलकंठ और देवप्रयाग तक है। तीरथ सिंह रावत के अनुसार बंद कमरे में कोरोनावायरस सकता है लेकिन खुले में कोरोना नहीं फैलता।"
तत्कालीन असम के स्वास्थ्य मंत्री व वर्तमान में असम के मुख्यमंत्री हिमंता विस्वा सरमा ने कहा था "लोग मास्क पहनकर डर बढ़ा रहे हैं, जबकि असम में मास्क को पहनने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में जब मास्क पहनने की जरूरत होगी तो वह बता देंगे। उन्होंने कहा अगर मास्क पहनेंगे तो ब्यूटी पार्लर कैसे चलेंगे? ब्यूटी पार्लर चलना भी जरूरी है ।
4 मार्च 2020 को लोनी से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने दावा करते हुये कहा था- "कोरोना मेरी विधानसभा में नहीं घुस सकता क्योंकि लोनी शहर में गायों की संख्या सबसे ज्यादा है. उन्होंने दावा किया कि जहां गाय होती है वहां किसी भी तरह का वायरस नहीं आ सकता गाय एक चलती फिरती डॉक्टर है।"
भाजपा विधायक सुमन हरिप्रिया ने असम विधानसभा में कहा- "हम सभी जानते हैं कि गाय का गोबर काफी फायदेमंद होता है, जैसे गोमूत्र के छिड़काव से कोई जगह शुद्ध हो जाती है मुझे लगता है कि इसी तरह गोमूत्र और गाय के गोबर से कोरोनाभी ठीक हो जाता है।"
उत्तराखंड से भाजपा विधायक संजय गुप्ता ने दावा किया था कि हवन यज्ञ और गोमूत्र-गोबर का प्रयोग कोरोना का इलाज़ है।
मूर्खता की पराकाष्ठा चरम पर तब पहुँची जब गत वर्ष 4 मार्च को भाजपा के सहयोगी संगठन अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने भी दिल्ली में गोमूत्र पार्टी का आयोजन किया था।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और मध्यप्रदेश के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था- "कोरोनावायरस हमारा कुछ नहीं कर सकता क्योंकि हमारे यहां जो हनुमान हैं उनका नाम मैंने कोरोना पछाड़ हनुमान रख दिया है।" कैलाश विजयवर्गीय के अनुसार भारत में कोरोना असर दिखा ही नहीं सकता क्योंकि यहां 33 करोड़ देवी-देवता रहते हैं।
बलिया विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा था यदि सभी पॉजिटिव मरीज बलिया आ गए तो 2 दिनों में ठीक हो जाएंगे। बलिया की स्थिति ऐसी है कि एक तरफ गंगा है, एक तरफ घाघरा नदी है। दो दिन में कोरोना मरीज ठीक हो जाएगा।
मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा और राजस्थान से सांसद जसकौर मीणा ने कहा था- "अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर बनने के बाद कोरोना खत्म हो जाएगा।"
यहां तक कि भारत के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा कोरोना मरीजों के इलाज के लिए गंगा जल के उपयोग पर चिकित्सकीय अनुसंधान करने का प्रस्ताव भेजा गया जिसे आईसीएमआर ने खारिज कर दिया था।