Begin typing your search above and press return to search.
विमर्श

क्या ग्रीस की तरह भारत की न्यायपालिका संघ को घोषित कर सकती है आपराधिक संगठन

Janjwar Desk
12 Oct 2020 11:12 AM IST
क्या ग्रीस की तरह भारत की न्यायपालिका संघ को घोषित कर सकती है आपराधिक संगठन
x
गोल्डन डॉन के समर्थक जियोगोस रौपाकियास को पावलोस फ़्य्सास की हत्या का दोषी पाया गया और 15 अन्य को मामले में साजिश का दोषी पाया गया...

वरिष्ठ पत्रकार दिनकर कुमार का विश्लेषण

जनज्वार। ग्रीस की एक अदालत ने बुधवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जिसमें ग्रीक संगीतकार पावलोस फ़िसास की हत्या के लिए नव-नाज़ी गोल्डन डॉन पार्टी के सदस्यों को दोषी ठहराया गया था। अदालत ने पार्टी को एक आपराधिक संगठन भी घोषित किया। 2013 में संगीतकार की हत्या से संबंधित मामला 2015 से चल रहा है। अदालत प्रवासी मछुआरों की हत्या और वामपंथी कार्यकर्ताओं पर हमले के मामलों की भी सुनवाई कर रही थी।

गोल्डन डॉन के समर्थक जियोगोस रौपाकियास को पावलोस फ़्य्सास की हत्या का दोषी पाया गया और 15 अन्य को मामले में साजिश का दोषी पाया गया।पार्टी के नेता, निकोस मिकालिओकोस, और उनके सहयोगियों जिनमें पूर्व सांसद इलियास कासिदिरिस और अन्य शामिल थे, को एक आपराधिक समूह में शामिल होने का दोषी ठहराया गया था।

पांच गोल्डन डॉन सदस्यों को प्रवासी मछुआरों की हत्या के प्रयास का दोषी पाया गया, और चार पीएएमई संघ के कम्युनिस्ट कार्यकर्ताओं की हत्या के प्रयास के लिए। कुल 68 दोषियों को दोषी ठहराया गया। पार्टी के नेता एक दशक से अधिक समय से जेल में हैं। कुछ दिनों की कानूनी कार्यवाही के बाद सजा का ऐलान किया जाएगा।

क्या ग्रीस की न्यायपालिका की तरह भारत की न्यायपालिका भी ऐसा कोई साहसपूर्ण निर्णय सुना सकती है? भारत में धार्मिक ध्रुवीकरण, धर्म विशेष के लोगों की मॉब लिंचिंग, गौरी लंकेश जैसी निर्भीक पत्रकारों की हत्या आदि के लिए दोषी संघ परिवार को क्या भारतीय न्यायपालिका आपराधिक संगठन घोषित कर सकती है?

2014 के बाद से मोदी राज में जिस तरह न्यायपालिका का अवमूल्यन हुआ है और जिस तरह उसका इस्तेमाल जनता को रौंदने के लिए किया जा रहा है या संवैधानिक-लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचलने के लिए किया जा रहा है, हम इस बात की कल्पना भी नहीं कर सकते कि हमारे माननीय न्यायाधीश रीढ़ की हड्डी सलामत होने का परिचय देंगे।

भारतीय संविधान निर्माताओं ने सोचा भी नहीं होगा कि न्यायपालिका की ऐसी दुर्दशा होगी जब सत्ताधारी दल की कठपुतली की तरह जजों को फैसले सुनाने पड़ेंगे और सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद चीफ जस्टिस महोदय को घूस के रूप में राज्यसभा का सदस्य बना दिया जाएगा।

भारत की न्यायिक प्रणाली को पंगु बनाने की साजिश को मोदी राज में अंजाम दिया जाता रहा है और नियुक्तियों के मामले में भी संघ के लोगों को अहम पदों पर बिठाया जाता रहा है। जिन जन विरोधी फैसलों को पुलिस और सेना द्वारा बल प्रयोग कर भी लागू नहीं किया जा सकता, उनको अदालती फैसले के जरिये लागू करवाया जा रहा है। यही वजह है कि आम लोगों का भरोसा न्यायपालिका से खत्म होता जा रहा है। लोकतंत्र के प्रमुख स्तम्भ का ऐसा पतन वास्तव में भविष्य की भयावह तस्वीर को पेश करता ह।

मिकालिओकोस और उनकी पार्टी के 31 प्रमुख नेताओं पर नवनाजी पार्टी को आपराधिक संगठन बना देने का आरोप लगाया गया है। अभियोगपत्र में कहा गया है कि उसने लोगों की जान ली, घायल किया और ब्लैकमेल किया, बम हमले किए और काले धन को सफेद बनाया।

ग्रीस के वित्तीय संकट के दौरान लगातार मजबूत होती गई नवनाजी पार्टी के खिलाफ पुलिस कार्रवाई एक वामपंथी संगीतकार की हत्या के बाद शुरू हुई है। उसे 18 सितंबर को एक नवनाजी ने छूरा मारा था। प्रधानमंत्री अंटोनिस समारास वामपंथी संगीतकार को मारे जाने के बाद नवनाजियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं। पार्टी प्रमुख के अलावा एक सांसद, एक पार्टी अधिकारी और संदिग्ध हत्यारा गिरफ्तार है। तीन सांसदों को इस शर्त पर जमानत दे दी गई है कि वे देश छोड़कर नहीं जाएंगे। पार्टी के बहुत सारे निचले स्तर के नेताओं के अलावा कुछ पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई चल रही है जिनके नवनाजी पार्टी के साथ निकट संबंध थे।

पार्टी प्रवक्ता काजीदियारिस को 50,000 यूरो की जमानत देनी पड़ी है। बुधवार को जमानत पर छोड़े जाने के बाद काजीदियारिस ने एक कैमरामैन पर हमला किया, एक फोटोग्राफर को ठोकर मारी और दूसरे कैमरामैन को धक्का मारा। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पार्टी प्रमुख मिकालिओकोस को उच्च सुरक्षा वाले जेल कोरिडालोस में रखा जा रहा है। गिरफ्तार लोगों के घरों में नाजीकाल की प्रचार सामग्री के अलावा हथियार और भारी मात्रा में धनराशि भी मिली है। आरोप साबित होने पर मिकालिओकोस को 20 साल की सजा हो सकती है।

ग्रीस सरकार के एक प्रवक्ता ने अदालत के फैसले को अपराधी नवनाजी गुट के खिलाफ यूरोप के इतिहास में सबसे सख्त कदम बताया है। इस कांड से पहले जनमत सर्वेक्षणों में गोल्डन डॉन पार्टी को 14 फीसदी लोगों का समर्थन था, लेकिन इस बीच वह गिरकर सात प्रतिशत हो गया है। ग्रीस की 300 सदस्यों वाली संसद में उसके 18 सदस्य हैं।

Next Story

विविध