Kejriwal vs Modi : सिसोदिया के आवास पर CBI रेड के बाद AAP के सवालों का BJP क्यों नहीं दे पा रही सही-सही जवाब?
जनहित और भागदारी के दम पर दिल्ली में केजरीवाल का जलवा बरकरार, भाजपा एमसीडी से बेदखल
सीबीआई रेड के बाद Kejriwal vs Modi पर धीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट
Kejriwal vs Modi : दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ( Manish Sisodia ) के आवास पर शराब घोटाले ( Liqour Scam ) के आरोप में सीबीआई की छापेमारी ( CBI raids ) से गरमाई राजनीति अब लोकसभा चुनाव 2024 केजरीवाल बनाम मोदी ( Kejriwal Vs Modi ) और ऑपरेशन लोटस फ्लॉप तक पहुंच गई है। फिलहाल उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से 22 जुलाई को लगाए गए आरोपों के बाद से आप और भाजपा ( BJP ) के बीच जारी तनातनी ने और तूल पकड़ लिया है। सिसोदिया के आरोपों के बाद आप ( AAP ) प्रमुख अरविंद केजरीवाल ( Arvind Kejriwal ) ने दावा किया कि सीबीआई की छापेमारी उनकी सरकार को गिराने की कोशिश थी। वहीं आप नेताओं ने कहा कि हमने ऑपरेशन लोटस को नाकाम कर दिया। आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने ताजा बयान में भाजपा पर विधायकों को को पांच-पांच करोड़ रुपए देकर खरीदने का आरोप जड़ दिया है।
अगस्त माह में यह दूसरा मौका है जब भाजपा विरोधियों की सरकार गिराने को के लिए भाजपा पर पैसे का लालच देने के आरोप लगे हैं। इससे पहले बिहार में सियासी बदलाव के दौरान भी जेडीयू ने अपने विधायकों को खरीदने का आरोप भाजपा पर लगाया था।
दूसरी तरफ भाजपा ने मनीष सिसोदिया के ताजा आरोपों को खारिज करते हुए बयानबाजी के बदले सबूत पेश करने को कहा है। साथ ही केजरीवाल और सिसोदिया पर विक्टिम कार्ड खेलने का आरोप लगाया है। इस बीच अहम सवाल यह है कि डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया बतौर आबकारी मंत्री कितने करोड़ का किया घोटाला, इसका जवाब न तो सीबीआई के पास है और न ही भाजपा के पास। भाजपा जो 144 करोड़ के घोटाले का आरोप लगा रही है, वो तो नीतिगत फैसले का दुष्परिणाम भी हो सकता है। ये बात अलग है कि इस जिम्मेदारी का जवाब देने से बतौर सीएम अरविंद केजरीवाल बच नहीं सकते। इस बीच कपिल मिश्रा ने भी विवाद में दखल देते हुए आप नेताओं को चेतावनी दी है कि सियोदिया रिकॉर्डिंग तो जारी करें, हम भी वीडियो जारी कर बताएंगे कितने करोड़ का हुआ घोटाला। वीडियो जारी होते ही केजरीवाल और सिसोदिया नहीं दे पाएंगे उसका जवाब। फिलहाल, इस मामले में भाजपा-आप के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला आज भी जारी है। आइए, हम आपको बताते हैं कि शराब घोटाले के खुलासे से लेकर सीबीआई के छापे और अब तक इस मामले में क्या हुआ सिलसिलेवार।
1. कथित शराब घोटाला 22 जुलाई को उस समय प्रकाश में आया जब दिल्ली के उपराज्यपाल ने आबकारी नीति के कार्यान्वयन में कथित नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियां सामने आने के बाद सीबीआई जांच की सिफारिश की। उपराज्यपाल की सीबीआई जांच की सिफारिश दिल्ली के मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट पर आधारित थी, जिसमें शीर्ष राजनीतिक स्तर पर वित्तीय लेनदेन के गैर कानूनी गतिविधियों के संकेत मिले थे। इस लेनदेन में दिल्ली के आबकारी मंत्री सिसोदिया के शामिल होने के भी आरोप हैं।
2. मनीष सिसोदिया पर आरोप है कि उन्होंने विभागीय मंत्री होने के नाते शराब के कार्टेल को 144.36 करोड़ रुपए की छूट देने की इजाजत दी थी, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। इस मसले जब विवाद बढ़ा और भाजपा सहित कांग्रेस सड़कों पर आई तो सिसोदिया ने 28 जुलाई को आबकारी विभाग को नई नीति आने के छह महीने की नई अवधि के बाद वापस लेने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 1 सितंबर से पुरानी आबकारी व्यवस्था में वापस आ जाएगी। अब भाजपा और कांग्रेस मुद्दा बना रही है कि जब घोटाला हुआ ही नहीं तो वापस क्यों लिया?
3. इसके बाद 19 अगस्त को मनीष सिसोदिया के घर सीबीआई छापेमारी के बाद और इस मामले में तूल पकड़ लिया और इसकी आंच गुजरात चुनाव से आगे लोकसभा चुनाव तक पहुंच गई। डिप्टी सीएम के आवास 15 घंटे तक तलाशी ली गई। भारत भर में 30 अन्य स्थानों पर भी छापे मारे गए और एजेंसी ने नई आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के लिए आप नेता और 13 अन्य लोगों के नाम पर प्राथमिकी दर्ज की। 21 जुलाई को लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया। लुकआउट नोटिस जारी होने से भड़के सिसोदिया ने कहा था कि मैं कोई भगोड़ा नहीं, दिल्ली की सड़कों पर घूम रहा हूं। मोदी साहब बताएं, किस समय और किस स्थान पर उनसे मिलने के लिए पहुंचू।
4. सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने केंद्र पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया है। इस बीच विपक्षी भाजपा और कांग्रेस भ्रष्टाचार के आरोपों के साथ सड़क पर आ गए। सिसोदिया ने जब जोर देकर कहा कि वह सीबीआई जांच में सहयोग करेंगे तो उन्होंने कहा कि भाजपा केजरीवाल से डरी हुई है और आप प्रमुख को डराने के लिए हर तरह के सियासी हथकंडे का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि 2024 केजरीवाल और नरेंद्र मोदी के बीच की लड़ाई होगी। भगवा पार्टी ने उन्हें एक्सक्यूज मिनिस्टर करार देकर वापस निकाल दिया और केजरीवाल पर शराब घोटाले का सरगना होने का आरोप लगाया।
5. 20 अगस्त को सीबीआई ने आबकारी नीति मामले में पूछताछ शुरू करते ही तीन आरोपियों के बयान दर्ज किए। इसने एफआईआर की एक प्रति प्रवर्तन निदेशालय को भी सौंपी। माना जा रहा है कि अब ईडी सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर मनीष सिसोदिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर सकती है।
6. इस मामले में एक नया मोड़ उस समय आया जब 22 अगस्त को सिसोदिया ने दावा किया कि भाजपा ने उनके खिलाफ सभी मामलों को खारिज करने की पेशकश के साथ उनसे संपर्क किया। यदि वे पार्टी में शामिल होते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भगवा पार्टी ने उनसे वादा किया था कि अगर वह आप में फूट डालते हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री पद दिया जाएगा। भाजपा ने इस आरोप का जोरदार खंडन किया और उन पर भ्रष्टाचार के आरोपों से ध्यान हटाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
7. इस बीच केंद्र ने दिल्ली शराब नीति मामले में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ए गोपी कृष्णा और दानिक्स अधिकारी आनंद कुमार तिवारी को निलंबित कर दिया। कृष्णा दिल्ली सरकार में आबकारी आयुक्त थे, जबकि आनंद कुमार उप आबकारी आयुक्त थे। सीबीआई की प्राथमिकी में इन दोनों के नाम थे।
8. सोमवार को मनीष सिसोदिया के कथित करीबी सहयोगियों सहित प्रमुख आरोपियों से सीबीआई ने आबकारी नीति मामले में पूछताछ की। जिन पांच आरोपियों से पूछताछ की गई उनमें सनी मारवाह, अमनदीप ढल, अमित अरोड़ा, समीर महेंद्र और अरुण रामचंद्र पिल्लै शामिल हैं।
9. वहीं आम आदमी पार्टी को छोड़कर भाजपा में आये दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने आप पर हमला बोल दिया है। मिश्रा ने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आम आदमी पार्टी को तोड़कर भाजपा में आने के बदले दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाने के कथित ऑफर का जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि सिसोदिया बीजेपी की ओर से यह ऑफर देने वाले का नाम जैसे सार्वजनिक करेंगे वे अरविंद केजरीवाल और सिसोदिया का एक वीडियो जारी कर देंगे कि उन्हें भाजपा में आने के लिए किसका मेसेज आया, किस नंबर से आया और कब आया, वैसे ही मैं वो वीडियो जारी कर दूंगा जिसमें केजरीवाल सिसोदिया के पैरों में गिड़गिड़ा रहे हैं कि मेरा नाम मत लेना और सिसोदिया चिल्ला रहे हैं कि मैं जेल गया तो सबकी पोल खोल दूंगा।
10. मंगलवार यानि 23 अगस्त को आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने भाजपा पर पार्टी विधायकों को तोड़ने के लिए पांच-पांच करोड़ देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भाजपा पार्टी तोड़ने में सफल नहीं हुई और हमने दोबारा ऑपरेशन लोटस फेल कर दिया है।
Kejriwal vs Modi : फिलहाल, शराब घोटाले को लेकर भाजपा और आप के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है, लगता है कि इसका असर गुजरात विधानसभा चुनाव व उसके बाद भी दिखाई दे सकता है। ऐसा इसलिए कि गुजरात में आप की सरकार बने या न बने, ये अहम सवाल नहीं है। अहम यह है कि आप को कुछ सीटों पर भी जीत मिली तो लोकसभा चुनाव 2024 को केजरीवाल बनाम पीएम मोदी होने से कोई नहीं रोक सकता। ऐसा इसलिए कि भाजपा को सोशल मीडिया पर उससे चालन-चलन का करारा जवाब देने के मामले आप सक्षम पार्टी है।