Begin typing your search above and press return to search.
विमर्श

PK कांग्रेस को 400 सीटों पर जीत का दे रहे हैं गुरुज्ञान, उनके दावों में कितना है दम?

Janjwar Desk
17 April 2022 7:46 AM GMT
पीके कांग्रेस को 2024 में 400 सीटों पर जीत का दे रहे हैं गुरुज्ञान, क्या आपको लगता है उनके दावों में है दम?
x

पीके कांग्रेस को 2024 में 400 सीटों पर जीत का दे रहे हैं गुरुज्ञान, क्या आपको लगता है उनके दावों में है दम?

Prashant Kishor Congress News : प्रशांत किशोर ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद जिस तरह से कांग्रेस को लेेकर समय-समय पर अलग-अलग बयान दिए और स्टैंड बदलते नजर आये हैं वो परस्पर मेल नहीं खाते। उनके बदलते रुख से नहीं लगता कि उनकी बातों में ज्यादा दम है।


कांग्रेस और पीके के बीच पक रही सियासी खिचड़ी पर धीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट

Prashant Kishor Congress News : देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ( Congress ) दो लोकसभा चुनावों व विधानसभा चुनावों में लगातार हारी क्या, उसे एक से बढ़कर एक सियासी पंडित ज्ञान देने में लग गए हैं। सियासी पंडितों के इस ज्ञान से अभी तक कांग्रेस की राह आसान तो नहीं हुई, हां, वो पहले से ज्यादा कंंफ्यूज जरूर हो गई है। सियासी संकट के इस घड़ी में तथाकथित देश के सबसे बड़े चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ( Prashant Kishore ) एक बार फिर कांग्रेस को गुरुज्ञान ( PK Gurugyan ) देने में जुट गए हैं। कांग्रेस के पक्ष में 2024 को लेकर उनके दावों पर लोग तो भरोसा नहीं कर पा रहे, लेकिन कांग्रेस को लग रहा है कि ऐसा हो सकता है।

अगर, कांग्रेस के नेताओं को ऐसा लगता है तो एक अहम सवाल यह भी है कि ऐसा कर पीके अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं या कांग्रेस का भला। इसको लेकर दावा करना अभी मगजमारी ही माना जाएगा। यहां पर आप पूछ सकते हैं कि ऐस क्यूं? इसका जवाब यह है कि प्रशांत किशोर ( Prashant Kishore ) ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद जिस तरह से कांग्रेस को लेेकर समय-समय पर अलग-अलग बयान दिए और स्टैंड बदलते नजर आये हैं वो परस्पर मेल नहीं खाते। उनके बदलते रुख से नहीं लगता कि उनकी बातों में ज्यादा दम है।

यहां पर भी आप यह सवाल उठा सकते हैं कि फिर कांग्रेस ( Congress ) पीके को अपने साथ लेकर चलने को लेेकर इतना बेताब क्यों हैं। बस, यही वो प्वाइंट है जिसे कांग्रेस समझ नहीं पा रही है। यहां पर लोग भी एक बात को भूल जाते हैं कि कांग्रेस की भले ही मजबूरी कुछ भी हो, पर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत के लिए भी कांग्रेस किसी मजबूरी से कम नहीं है। राजनीति के चाणक्य के पास इसके सिवाय और कोई विकल्प भी नहीं है लेकिन इस पर चर्चा नहीं होती? जरा, इस पर सोचकर देखिए आपको प्रशांत की मजबूरी का भी पता चल जाएगा। फिलहाल, इस बात को जानिए कि मैं, आपको इस गहराई में जाने के लिए क्यों कह रहा हूं।

इस राज से पर्दा हटाने के लिए मैं आपको पहले एक साल पीछे पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के हालात में लेकर चलता है। दरअसल, वहां पर टीएमसी की जीत में पीके की भूमिका कम, सीएम ममता बनर्जी की आयरन लेडी के रूप में उभरकर सामने आना ज्यादा कारगर रहा था। फिर, इस बात को भी मानते हैं कि जब किसी नेता में लोगों का भरोसा हो तो उसे हराना मुश्किल होता है। पश्चिम बंगाल में टीएमसी की जीत में यही फैक्टर अहम कारक था लेकिन प्रशांत किशोर इसका क्रेडिट ले गए और ममता बनर्जी ने उन्हें अपने कारणों से ऐसा उन्हें करने भी दिया।

यादि कीजिए, पंश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बार उन्होंने कहा था कि वो अब बतौर रणनीतिककार किसी को अपनी सेवाएं नहीं देंगे, पर हुआ क्या, पांच राज्यों विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने काफी मगजमारी की। पीके, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से भी मिले। उनकी मुलाकात तत्कालीन पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह से भी हुई थी। इसके बावजूद पार्टी में उनकी भूमिका को लेकर विरोध के कारण वो जो चाहते थे वो उन्हें नहीं मिला। उसके बाद वो एक बार फिर ममता बनर्जी के पाले में चले गए। तब से वो ममता बनर्जी को पीएम नरेंद्र मोदी का 2024 में विकल्प बनाने की मिशन में जुटे थे। इस अभियान के दौरान उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ देशभर में मुहिम बनाई। ममता बनर्जी की ओर से गैर कांग्रेस विपक्ष की पर जोर देना इसी मुहिम का हिस्सा था। इस मुहिम में तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव भी कूद पड़े। हुआ क्या, न तो ममता बनर्जी विपक्ष चेहरा बनी न ही केसीआर का भला हुआ। केंद्र से उनके रिश्ते जरूर खराब हो गए। इस बीच नीतीश कुमार को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने की बातें भी सुख्रियों में आई। पीके के इस अभियानों के दौरान कांग्रेस कमजोर जरूर हुई। कांग्रेस नेताओं के दूसरी पार्टियों में शामिल होने के पीछे भी उनका हाथ सामने आया।

यही वो स्थिति है कि कांग्रेस ( Congress ) को एक अच्छा रणनीतिकार चाहिए पीके को एक ऐसा सियासी प्लेटफॉर्म जहां से वो कम बैक कर सकें। ऐसा इसलिए कि पीके विपक्ष का सर्वमान्य रणनीति बनने को लेकर काफी दौर भाग की, पर ऐसा नहीं हो पाया। वो उद्धव ठाकरे, शरद पवार, नीतीश कुमार व अन्य नेताओं से मिले पर सफलता नहीं मिली।

Prashant Kishor Congress News : अब यह जानिए पीके ने कब क्या कहा?

जून 12 2021 : 2024 में 400 सीटें जीतेगी कांग्रेस

यहां पर इस बात का जिक्र करना भी जरूरी है कि जून 12, 2021 में प्रशांत किशोर ने पवार को 2024 के चुनाव में 400+ सीटें जीतने का फॉर्मूला बताया था! उन्होंने मराठा क्षत्रप को भाजपा को मात देने का सीक्रेट भी बताया था। इसके लिए उन्होंने गैर भाजपा दलों के एकजुट होने पर जोर दिया था। मुंबई में 'सिल्वर ओक' स्थित शरद पवार के आवास पर राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले प्रशांत किशोर ने लंच किया था। ये लंच कोई आम लंच था। इस लंच में सियासी खिचड़ी पकी थी। लोकसभा चुनाव 2024 वाली खिचड़ी जो अभी तक आगे नहीं बढ़ी और बीरबल की खिचड़ी साबित हुई।

28 अक्टूबर 2021 : कई दशकों तक कहीं नहीं जाने वाली BJP

पीके ने कहा था कि BJP कई दशकों तक कहीं नहीं जाने वाली है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के साथ समस्या यह है कि उन्हें इसका एहसास नहीं है। वो ऐसी कोई गलती न करें, BJP यहां दशकों तक रहने के लिए आई है और राहुल गांधी इसे समझने में फेल हैं। जैसे कांग्रेस के लिए पहले 40 सालों तक था। एक बार जब आप भारतीय-स्तर पर 30 प्रतिशत से ज्यादा वोट प्राप्त कर लेते हैं, तो आप फिर जल्दी से कहीं नहीं जाने वाले। इस बात को राहुल समझ नहीं पा रहे हैं। शायद यही समस्या राहुल गांधी के साथ है। वह सोचतें हैं कि यह बस समय की बात है कि लोग उन्हें (PM मोदी) को बाहर कर देंगे, जबकि ऐसा नहीं हो रहा है। पीके ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहली तीन दिन की गोवा यात्रा से एक दिन पहले ये बात कही थी।

03 दिसंबर, 2021 : 10 साल में 90% चुनाव हारी कांग्रेस

प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी के खिलाफ तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि कांग्रेस जिस विचार और जगह का प्रतिनिधित्व करती है, वो एक मजबूत विपक्ष के लिए अहम है, लेकिन कांग्रेस का नेतृत्व एक विशेष व्यक्ति का ही दैवीय हक़ नहीं है। खासकर तब जब पार्टी पिछले 10 सालों में अपने 90% चुनाव हार चुकी है। बेहतरी इसी में है कि विपक्ष के नेतृत्व का चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से होने दें। उनके इस ट्वीट का अर्थ यह निकाला गया कि 2024 लोकसभा चुनाव के लिए ममता के नेतृत्व में विपक्ष की गोलबंदी का जो प्रयास हो रहा है, प्रशांत उसका समर्थन कर रहे हैं।

प्रशांत किशोर के इस ट्वीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने उन्हें स्कूल में जाकर फिर से पढ़ने की सलाह दी है। खुर्शीद ने भड़कते हुए कहा था कि प्रशांत किशोर के इस किताबी ज्ञान से भारत जैसे लोकतंत्र की पटकथा नहीं लिखी जा सकती। खुर्शीद ने किशोर पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि राजनीति के बारे में कॉपी-किताब ज्ञान मानव आचरण को प्रभावित नहीं करता है। पीके की लोकतंत्र पर उत्सुकता है। वह कांग्रेस कार्यकर्ताओं की लोकतांत्रिक पसंद पर सवाल उठाने के लिए देवत्व का इस्तेमाल करते हैं। कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा था कि आखिर प्रशांत किशोर हमारे नेता राहुल गांधी से इतने नाराज क्यों हैं? प्रशांत किशोर से पूछा जाना चाहिए कि यह तो वही राहुल गांधी हैं जिन्हें वह देश का प्रधानमंत्री बनाने और कांग्रेस को मजबूत बनाने के इरादे से पार्टी से जुड़े थे। क्या अब अंगूर खट्टे नजर आ रहे हैं?

आप को राष्ट्रीय पार्टी बनने में लगेगा 15 से 20 साल

दिल्ली के बाद पंजाब में भी सत्ता पर काबिज होने के बाद आम आदमी पार्टी के हौंसले बुलंद हैं। आप अब गुजरात में भी अपनी सक्रियता बढ़ाने में लगी है। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी आम आदमी पार्टी को लेकर बड़ी भविष्यवाणी कर दी है। 29 मार्च 2022 को प्रशांत किशोर ने कहा था कि कोई भी पार्टी रातोंरात नेशनल पार्टी नहीं बन जाती। आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी बनने में अभी लंबा वक्त लगेगा। यह समय कम से कम 15 से 20 साल हो सकता है। पीके का दावा है कि भारत में किसी भी दल को राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए 20 करोड़ वोट हासिल करने की जरूरत होती है, जबकि आप को 2019 में मात्र 27 लाख वोट मिले थे। इसको देखते हुए आम आदमी पार्टी के लिए अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। उन्होंने पीएम मोदी को लेकर भी कहा कि लोकप्रिय होने का ये मतलब नहीं है कि वे चुनाव नहीं हार सकते। इतिहास के पन्नों को देखने पर यह साफ है कि सिर्फ भाजपा और कांग्रेस ही पूरे देश के लोगों तक पहुंच चुके हैं। कई अन्य दलों ने समय-समय पर इसकी कोशिश की लेकिन वे सफल नहीं हुए हैं। हालांकि इसका ये मतलब भी नहीं है कि कोई दूसरा दल राष्ट्रीय पार्टी के रूप में उभर कर सामने नहीं आ सकता, लेकिन ऐसा रातोंरात में नहीं हो सकता, इसके लिए कड़ी मेहनत और लंबा समय चाहिए।

16 अप्रैल 2022 : 2024 में कांग्रेस को 370 दिलाने का किया दावा

सोनिया गांधी ( Sonia Gandhi ) के आवास पर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के साथ बैठक में प्रशांत किशोर ने पार्टी ज्वाइन करने के संकेत दिए हैं। उन्होंने पार्टी में कोई पद नहीं मांगा है। साथ ही उन्होंने कांग्रेस को लोकसभा चुनाव 2024 में जीत के लिए प्लान 370 सीटे जिताने का दावा भी किया है। अपनी प्रेजेंटेशन के दौरान उन्होंने चुनाव के लिए कांग्रेस के हर कदम पर पार्टी नेताओं से चर्चा की, जिस पर राहुल गांधी राजी हो गए हैं। पीके ने अपनी प्रेजेंटेशन में कहा कि कांग्रेस पार्टी को आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में 370 सीटों पर ध्यान देना चाहिए। कांग्रेस को यूपी, बिहार और ओडिशा में अकेले लड़ना चाहिए। जबकि, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में गठबंधन से चुनाव लड़ना ज्यादा सही रहेगा। बताया जा रहा है कि प्रशांत किशोर की बातों पर राहुल गांधी राजी हो गए हैं। उन्होंने कांग्रेस से कहा है कि कांग्रेस को यूपी, बिहार और ओडिशा में अकेले लड़ना चाहिए। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में कांग्रेस को गठबंधन में लड़ना चाहिए। प्रशांत किशोर की बातों पर राहुल गांधी ने भी सहमित जताई है।

दरअसल, पिछले दो लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद से बैकफुट में चल रही कांग्रेस पार्टी को संजीवनी की जरूरत है। कांग्रेस पार्टी प्रशांत किशोर की एंट्री को बदलाव मानकर चल रही है। पीके के पार्टी ज्वाइन करने से कांग्रेस को आगामी चुनाव में कितना फायदा होगा, ये भविष्य की बात है लेकिन शनिवार को उन्होंने अपनी प्रेजेंटेशन से सोनिया और राहुल गांधी को इंप्रेस जरूर कर दिया है। दूसरी तरफ 16 अप्रैल को दिया गया उनका प्रजेंटेशन पहले के बयानों के विरोधभासी हैं। जबकि सारे बयान कांग्रेस के सियासी भविष्य से ताल्लुक रखते हैं।

Next Story

विविध