Volodymyr Zelensky Biography In Hindi: कॉमेडियन से नेशनल हीरो बने वोलोदिमीर जेलेंस्की की पूरी कहानी
Volodymyr Zelensky Biography In Hindi: कॉमेडियन से नेशनल हीरो बने वोलोदिमीर जेलेंस्की की पूरी कहानी
मोना सिंह की रिपोर्ट
Volodymyr Zelensky Biography In Hindi: बॉलीवुड की नायक फिल्म। शायद आपने इसे देखी होगी। इस फिल्म का मुख्य हीरो पत्रकार था। फिर ऐसे होता है कि उसे 1 दिन के लिए मुख्यमंत्री बनने का मौका मिलता है। फिर वो छा जाता है। ये तो एक फिल्म की कहानी थी। लेकिन रियल लाइफ में फिल्म में एक्टिंग करने वाला एक शख्स सच में अपने देश का ही सबसे बड़ा नेता बन जाता है। वो एक दिन राष्ट्रपति बन जाता है। एक्टर से राष्ट्रपति बने अब वही शख्स पूरी दुनिया में चर्चा में हैं। नाम है वोलोदिमीर जेलेंस्की।
जेलेंस्की की वे यूक्रेन के राष्ट्रपति के रूप में पहली बार एक टीवी शो में दिखे थे। इस शो में वे इतिहास के टीचर की भूमिका निभा रहे थे। जिसे उस शो में राष्ट्रपति बनने का मौका मिलता है। शो मे उनका भ्रष्टाचार के खिलाफ दिया गया बयान ऑनलाइन वायरल हो गया था। यह सीरीज आम लोगों के बीच बहुत ज्यादा लोकप्रिय हुई थी। इसके बाद अप्रैल 2019 में वे सचमुच यूक्रेन के राष्ट्रपति बन गए। 44 वर्षीय जेलेंस्की को राष्ट्रपति बनने के बाद से अब तक कई संकटों का सामना करना पड़ा है। सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है रूस-यूक्रेन वॉर। जिसमें अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है और एक करोड़ से ज्यादा लोग पलायन कर चुके हैं। लेकिन जेलेंस्की ने अब तक रूस के सामने घुटने नहीं टेके हैं। वोलोदिमीर जेलेंस्की कैसे बने यूक्रेन के राष्ट्रपति, क्या है उनका परिवार और जिंदगी के बारे में जानिए...
वोलोदिमीर जेलेंस्की का जन्म और पढ़ाई
वोलोदिमीर जेलेंस्की का जन्म 25 फरवरी 1978 को सोवियत संघ के क्रिविरीह शहर के यहूदी परिवार में हुआ था। क्रिविरीह अब यूक्रेन का हिस्सा है। जेलेंस्की के पिता का नाम ओलेकजेंदर जेलेंस्की था। वे प्रोफेसर थे और मां रायमा जेलेंस्का इंजीनियर थीं। 4 वर्ष की उम्र में वोलोदिमिर जेलेंस्की अपने परिवार के साथ मंगोलिया चले गए थे। उनकी स्कूली शिक्षा मंगोलिया से हुई थी। 1995 से 2000 में उन्होंने कीव इकोनॉमी यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री ली। मंगोलिया में परवरिश होने के बावजूद भी उनकी यूक्रेनी और रूसी भाषा पर अच्छी पकड़ है। वोलोदिमीर जेलेंस्की के परिवार में उनकी पत्नी ओलेना वोलोडिमिरिवना हैं। वो पेशे से आर्किटेक्ट और स्क्रीनराइटर हैं। और उनके दो बच्चे हैं। बड़ी बेटी 17 वर्षीय अलेक्जेंड्रा और 9 वर्षीय बेटा किरिलो हैं।
शुरुआत से कॉमेडियन रहे हैं जेलेंस्की
कॉमेडी की शुरुआत जेलेंस्की की पढ़ाई के दौरान ही हो गई थी। 1997 में उन्होंने 'क्वार्टल-5' नाम का कॉमेडी ग्रुप बनाया था। यह ग्रुप धीरे-धीरे लोकप्रिय होना शुरू हो गया। 2003 में इन्होंने अपने शो शुरू करने शुरू कर दिए। 2003 में ही उन्होंने अपने कॉमेडी ग्रुप के नाम पर ही 'क्वार्टल-95' नाम की टीवी प्रोडक्शन कंपनी बनाई। उनकी यह कंपनी यूक्रेन के 1+1 नेटवर्क चैनल के लिए शो बनाती थी। साल 2009 में उन्होंने 'लव इन द बिग सिटी' और 2012 में 'जेवेंस्की बनाम नेपोलियन' फिल्में बनाईं। 2010 के दशक में उनका टीवी और फिल्मों में कैरियर काफी अच्छा चल रहा था।
फिल्मी तरीके से राजनीति में प्रवेश
2014 में यूक्रेन की सत्ता में बहुत फेरबदल हो रहे थे। यूक्रेन के रूस समर्थक राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। और उसी समय रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था। और देश के पूर्वी हिस्से में अलगाववादियों से आंतरिक लड़ाई चल रही थी। 2014 में ही वनप्लस वन नेटवर्क पर 'सर्वेंट ऑफ द पीपल' की सीरीज प्रदर्शित होना शुरू हो गई थी। इसमें वोलोदिमीर जेलेंस्की का किरदार वासिली गोलोबोरोडको नाम के इतिहास टीचर का था। जिसके टीचर से राष्ट्रपति बनने तक के सफर को दिखाया गया था। इसी से प्रेरित होकर जेलेंस्की रुझान राजनीति की तरफ बढ़ा। जेलेंस्की का राजनीतिक सफर बड़े ही नाटकीय ढंग से शुरू हुआ। वन प्लस वन नेटवर्क के मालिक इहोर कोलोमोइस्की ने जेलेंस्की की राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी का प्रस्ताव रखा।
जेलेंस्की ने 'सर्वेंट ऑफ द पीपल' पार्टी बनाई और 2018 में राजनीति में कदम रखा। उन्हें राजनीति का कोई अनुभव नहीं था। लेकिन उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में अपने प्रतिद्वंदी उम्मीदवार प्रेत्रो पोरोशेंको को हरा दिया। वोलोदिमीर जेलेंस्की को 73.2% मत हासिल हुए। और 20 मई 2019 को उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। जेलेंस्की का राजनीति में अनुभव न होना ही उनकी ताकत बन गई। राजनीति से निराश जनता के बीच वे आशा की किरण बनकर आए।
गृह युद्ध रोकने की कोशिश
वोलोदिमीर जेलेंस्की ने राष्ट्रपति बनने के बाद पूर्व में 2014 से जारी गृह युद्ध को समाप्त करने की पूरी कोशिश की है। इस युद्ध में लगभग 14 हजार से भी ज्यादा लोगों की जानें अब तक जा चुकी हैं। इसके लिए उन्होंने रूस से बातचीत कर समझौते के भी प्रयास किए। कैदियों की अदला-बदली की। लेकिन यह समझौता कभी भी पूरी तरह से कामयाब नहीं हो पाया। इसे मिस्क समझौता भी कहा जाता है। बाद में पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी नियंत्रित इलाके के नागरिकों को पुतिन ने रूस का पासपोर्ट देने की घोषणा की इससे यूक्रेन और रूस के संबंधों में कड़वाहट आ गई। जुलाई 2020 में संघर्ष विराम लागू हो गया। लेकिन छोटी मोटी घटनाएं होती रहीं।
इसके बाद ही जेलेंस्की ने यूक्रेन को यूरोपीय संघ और नाटो की सदस्यता दिलाने की बात कही, जिससे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नाराज हो गए। पश्चिमी देशों के यूक्रेन को चेतावनी देने पर भी कि रूस भविष्य में यूक्रेन पर हमला कर सकता है। इसके बावजूद जेलेंस्की ने हमेशा धैर्य से काम लेने की बात कही। वोलोदिमीर जेलेंस्की ने 16 फरवरी को नेशनल यूनिटी डे का आयोजन किया। उनका मकसद यूक्रेन की जनता को एकजुट करना था। इस दौरान वे फ्रंट लाइन पर तैनात सैनिकों से मुलाकात करते रहे हैं।
अरबपति से दोस्ती को लेकर हुए आलोचना का शिकार
अरबपति और इसकी 1+1 नेटवर्क के मालिक और मीडिया टाइकून ने जेलेंस्की के चुनावी अभियान का समर्थन किया था। इसे लेकर उनकी काफी आलोचना भी हुई थी। उन्होंने राजनीति से रईसों के प्रभाव को खत्म करने का वादा भी किया था। और इसका प्रयास भी किया। इसके तहत उनकी सरकार ने अरबपतियों को निशाना बनाया और रूस समर्थक विपक्षी नेता विक्टर मेदवेदचुक पर राजद्रोह का आरोप लगाया और नजरबंद कर दिया गया। जेलेंस्की के कहने पर यूक्रेन में एक कानून लागू किया गया। जिसमें रईसों को परिभाषित कर उन्हें राजनीतिक दलों को चंदा देने पर रोक लगाई गई।
पंडोरा पेपर्स में नाम
वोलोदिमीर जेलेंस्की का नाम अक्टूबर 2021 में पैंडोरा पेपर्स में भी आया था। पैंडोरा पेपर्स में दुनिया भर के अमीर और रसूख वाले लोगों के छुपे हुए धन की जानकारी थी। पैंडोरा पेपर्स के जरिए पता चला कि जेलेंस्की और उनके आसपास के लोग विदेशों में फैली कंपनियों के नेटवर्क से जुड़े हैं और फायदा उठा रहे हैं। लेकिन जेलेंस्की ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह और उनकी कंपनी 'क्वार्टल-95' या इससे जुड़ा कोई भी व्यक्ति को उससे कोई लेनादेना नहीं है।