What Is Neo Banking In hindi | जानें क्या होते हैं नियो बैंक और कैसे करता है ये काम?
What Is Neo Banking In hindi | जानें क्या होते हैं नियो बैंक और कैसे करता है ये काम?
What Is Neo Bank/Neo Bank Kya Hai: आज के व्यस्त समय में बैंक में घंटों लाइन में खड़े रहना क्या आपको पसंद है? नहीं ना! इसलिए आजकल डिजिटल बैंकिंग को पसंद करने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अगर आपको डिजिटल बैंकिंग पसंद है तो नियो बैंक आप की पहली पसंद बन सकते हैं। आने वाले समय में नियो बैंक परंपरागत कमर्शियल बैंकों का विकल्प बन सकते हैं। आइए जानते हैं नियो बैंक क्या है? और यह कैसे काम करते हैं?
नियो बैंक क्या है?
नियो बैंक, ऐसे बैंक हैं जिनकी कोई फिजिकल ब्रांच नहीं होती, कोई पासबुक नहीं होती और इनका सारा काम डिजिटल तरीके से यानी कि ऑनलाइन होता है। इसलिए यह बैंकिंग सिस्टम युवाओं के बीच लोकप्रिय होता जा रहा है। और लोग इन्हें आधुनिक जमाने का बैंक भी कहने लगे हैं। वैसे तो नियो बैंक का नाम कम ही लोगों ने सुना होगा, और काफी कम लोगों को ही यह जानकारी होगी कि पिछले तीन चार सालों में भारत में लगभग दर्जनों नियो बैंक काम कर रहे हैं।
कैसे काम करता है नियो बैंक
नियो बैंक के पास अपना कोई बैंकिंग लाइसेंस नहीं होता, इसलिए नियो बैंक किसी कमर्शियल बैंक से जुड़कर ही काम कर पाता है। और उसी बैंक के माध्यम से उसका लेनदेन होता है। यह बैंक कस्टमर को जरूरत के अनुसार सर्विस देने के लिए हाई टेक्नोलॉजी जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करता है। नियो बैंक दरअसल एक फिनटेक फर्म है। यहां डिजिटलाइज मनी ट्रांसफर और लोन की सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध होती है। और कमर्शियल बैंकों की तुलना में इन की फीस बहुत कम होती है। प्रत्येक कमर्शियल बैंक नियो बैंक के साथ लेनदेन के लिए एक परसेंट चार्ज करता है। एसबीआई, एचडीएफसी, पी एन बी, आई सी आई सी आई, कोटक महिंद्रा बैंक, आरबीएल बैंक, यस बैंक, जैसे बड़े बैंक भी नियो बैंक के साथ मिलकर ऑनलाइन बैंकिंग की सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं।
2006 में हुआ था भारत का पहला नियो बैंक लांच
भारत का पहला नियो बैंक फिनो पेमेंट्स था। यह 2006 में लांच हुआ था। इसके बाद दूसरे नंबर पर पेटीएम पेमेंट बैंक लॉन्च हुआ। इन दोनों बैंकों के लॉन्च होने के बाद से ही भारत में नियो बैंक का प्रचलन बढ़ने लगा और इनकी संख्या भी बढ़ने लगी। वर्तमान में भारत में 27 नियो बैंक काम कर रहे हैं। जिनमें रेजरपे, एसबीआई योनो, कोटक 811 डिजिबैंक, हायलो,आईपीपीवी जिओ पेमेंट बैंक, ओपन एयरटेल पेमेंट बैंक,फिनिन, जूपिटर प्रमुख नियो बैंक हैं। 2021 के फाइनेंशियल ईयर में नियो बैंकों का रेवेन्यू 100 मिलियन डॉलर था।
नियो बैंक का कस्टमर बेस
नियो बैंक के ज्यादातर कस्टमर युवा वर्ग के हैं। और इनका कस्टमर बेस तेजी से बढ़ रहा है। नियो बैंक के 70% ग्राहक 35 वर्ष से कम उम्र के हैं। भारत में 27 नियो बैंक प्रतिदिन 5 करोड़ ग्राहकों को सेवाएं देते हैं। युवाओं में न्यू बैंक की लोकप्रियता का मुख्य कारण इनका डिजिटल होना है। बैंक अकाउंट खोलने में किसी भी तरह के पेपर डाक्यूमेंट्स नहीं देने होते, कोई पेपर वर्क नहीं होता। किसी भी समय और स्थान से अकाउंट खोला जा सकता है और मिनटों में ही लेनदेन की प्रक्रिया की जा सकती है।
नियो बैंक में अकाउंट खोलने के फायदे
भारत में आरबीआई से काम करने कीआंशिक मंजूरी मिलने के बाद नियो बैंक काफी तेजी से विकसित हो रहे हैं। नियो बैंक की कोई ब्रांच न होने की वजह से और सब कुछ पूरी तरह से डिजिटल होने की वजह से इसके द्वारा दी गई सेवाएं कमर्शियल बैंकों की तुलना में बहुत ही सस्ती होती हैं। नियो बैंक क्लाउड टेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं। नियो बैंक के कस्टमर वे होते हैं जो डिजिटल बैंकिंग को पसंद करते हैं। इनमें एसएमई और कम सैलरी वाले लोग शामिल हैं। इसके अलावा नियो बैंक में अकाउंट ओपन करने और वेरिफिकेशन पैसों के लेनदेन में 1 मिनट से भी कम का वक्त लगता है इससे समय की बचत भी होती है। कोरोना काल में नियो बैंक के कस्टमर की संख्या बढ़ी है।
SBI YONO बना दुनिया का सबसे बड़ा नियो बैंक
अपने मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या के अनुसार एसबीआई योनो वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा नियो बैंक बन चुका है। एनालिटिकल कंपनी ऐप एनी के अनुसार, 2021 में एसबीआई के मंथली एक्टिव यूजर्स (MAUs) की संख्या में 5.4 करोड़ यानी कि 35% की बढ़त हुई थी। वहीं एसबीआई योनो के बाद ब्राजील का न्यू बैंक(Nu bank)दूसरे नंबर पर था। इसके मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या 3 करोड़ 86 लाख थी। एसबीआई योनो का बाजार मूल्यांकन 40 अरब डालर है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI)और नियो बैंक
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अभी तक नियो बैंक को काम करने के लिए स्वतंत्र लाइसेंस नहीं दिया है। इसलिए नियो बैंक दूसरे कमर्शियल बैंकों के साथ मिलकर काम करते हैं। आने वाले समय में आरबीआई ने बैंकों को स्वतंत्र रूप से काम करने का लाइसेंस दे सकते हैं। इसके बाद नियो बैंक परंपरागत बैंकों का स्थान ले सकते हैं। 2013 से 2020 के बीच आरबीआई ने कुल 24 नियो बैंक को कमर्शियल बैंकों के साथ मिलकर काम करने की अनुमति दी है।
नियो बैंक की ग्लोबल मार्केटिंग वैल्यू
मार्केट रिसर्च के अनुसार पूरी दुनिया में नियो बैंक की कीमत 2018 में 18.6 बिलियन डॉलर थी। 2019 से 2026 तक नियो बैंक का CAGR 47% तक बढ़ सकता है। इसकी वजह से 2026 तक नियो बैंक की कीमत 400 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद है।