कोविड : नियम तोड़ने पर नॉर्वे की पुलिस ने प्रधानमंत्री पर ठोका जुर्माना, भारतीय ट्विटर यूजर्स बोले क्या चौकीदार पर होगी ऐसी कार्रवाई?
जनज्वार डेस्क। कोरोना वायरस की दूसरी लहर तेजी से अपने पैर पसार रही है। इसको देखते हुए हर देश में इस संक्रमण पर काबू पाने के लिए सख्ती से नियमों का पालन करवाया जा रहा है। कोरोना के लिए लगाए गए प्रतिबंधों का उल्लंघन करने पर जुर्माने और सख्त सजा का प्रावधान है। अब खबर है कि नॉर्वे की पुलिस ने नियमों का उल्लंघन करने पर वहां प्रधानमंत्री एर्ना सोलबर्ग पर जुर्माना लगाया है। वहीं दूसरी भारतीय सोशल मीडिया यूजर्स भी उनके कार्यकाल में पुलिस प्रशासन की तारीफ कर रहे हैं।
शशिकांत कुमार ने लिखा, बेशर्मी की भी हद होती है। एक तरफ नॉर्वे की प्रधानमंत्री 13 लोगों को इकट्ठा करने के जुर्म में 20 लाख रुपया जुर्माना भरती है वहीं ये साहब 50 हजार की भीड़ जुटाकर मनगढंत कहानियां सुनाने में व्यस्त हैं।
रमन ढाका लिखते हैं, नॉर्वे की प्रधानमंत्री एर्ना सोलबर्ग पर पुलिस ने जुर्माना ठोक दिया क्योंकि उनके परिवार ने 13 लोगों के साथ जन्मदिन मनाया जबकि कोरोना के कारण केवल दस लोग इकट्ठा हो सकते थे। भारत में चौकीदार लाखों की रैली कर रहा है।
टीवी पत्रकार कादंबिनी शर्मा लिखती हैं- देखिए कैसे नाशुक्रे लोग हैं। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने के कारण नॉर्वे में पीएम पर जुर्माना लगा दिया। विश्व गुरू से कुछ तो सीखते।
नॉर्वे की पुलिस ने 9 अप्रैल को बताया कि पीएम एर्ना सोलबर्ग ने अपना जन्मदिन मनाने के लिए परिवार के लोगों को इकट्ठा किया था। इसलिए एर्ना सोलबर्ग पर कोविड-19 सोशल डिस्टेंसिंग नियम तोड़ने के लिए जुर्माना लगाया गया है।
पुलिस ने कहा कि ऐसे मामलों में जुर्माना नहीं लगाया जाता, लेकिन क्योंकि प्रधानमंत्री प्रतिबंध लगाने के काम में सरकार का प्रतिनिधित्व कर रही थीं, इसलिए उन पर भी हमें जुर्माना लगाना पड़ा। पुलिस प्रमुख ने जुर्माने को जायज ठहराते हुए कहा, कानून सबके लिए एक जैसा है, लेकिन सब कानून की नजरों में एक नहीं हैं।
पुलिस ने कहा कि प्रधानमंत्री के पति ने भी कानून तोड़ा है लेकिन उन पर जुर्माना नहीं लगाया गया। जिस रेस्टोरेंट में जश्न हुआ था, उसने भी उल्लंघन किया है लेकिन उस पर भी जुर्माना नहीं लगा।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस मामले में अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, पिछले महीने अपने 60वें जन्मदिन का जश्न मनाने के लिए प्रधानमंत्री एर्ना सोलबर्ग ने माफी मांगी थी। इस कार्यक्रम में परिवार के 13 सदस्य शामिल हुए थे। सरकार ने देश में 10 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी लगा रखी है।