अमेरिका : अपने ही देश के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह करवाने के आरोपी डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव पास
जनज्वार। अमेरिका के राष्ट्रपति पद का 20 जनवरी को कार्यकाल पूरा करने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ बुधवार को अमेरिकी संसद में महाभियोग का प्रस्ताव पारित हो गया। अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा ने बुधवार देर रात डोनाल्ड ट्रंप पर बीते सप्ताह कैपिटल बिल्डिंग पर आपराधिक हमले को लेकर महाभियोग चलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इससे समय पूर्व ही ट्रंप के पद से मुक्त होने की संभावना बढ गयी है।अमेरिकी संसद के इस सदन में डेमोक्रेट का दबदबा है। इस प्रस्ताव पर मुहर लगने के साथ ही अमेरिकी लोकतंत्र में डोनाल्ड ट्रंप दो बार महाभियोग झेलने वाले पहले राष्ट्रपति बन गए। सात जनवरी को कैपिटल बिल्डिंग पर हुए हमले में कुछ पांच लोगों की मौत हो गयी थी और कई लोग घायल हुए थे।
Majority of US House votes to impeach US President Donald Trump: AFP news agency https://t.co/C90g8ygIm1
— ANI (@ANI) January 13, 2021
डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग चलाने के लिए प्रस्ताव के समर्थन में न्यूनतम 218 मतों की तुलना में कहीं अधिक 232 वोट मिले जबकि इसके विपक्ष में 197 वोट पड़े। दिलचस्प यह कि महाभियोग प्रस्ताव के पक्ष में ट्रंप की पार्टी के 10 सांसदों ने भी वोट किया, जबकि 222 वोट डेमोक्रेट्स ने किए। मालूम हो कि अमेरिकी संसद पर हमले को लेकर ट्रंप को अपनी पार्टी के ही कई नेताओं के विरोध व आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। उनके प्रशासन के कई लोगों और प्रथम महिला मिलेनिया ट्रंप के निजी स्टाफ ने भी हमले के बाद इस्तीफा दे दिया था।
कैपिटल बिल्डिंग पर यह ट्रंप के समर्थकों ने उस समय उनके उकसावे वाले भाषण के बाद किया था जब चयनित राष्ट्रपति जे बिडेन को सत्ता हस्तांतरण के लिए इलेक्टोरल काॅलेज वोटों के मिलान की प्रक्रिया शुरू होने वाली थी। ट्रंप के उकसावे वाले भाषणों के बाद ट्विटर-फेसबुक ने उनके कंटेंट को न सिर्फ हटा दिया बल्कि एकाउंट को भी सस्पेंड कर दिया। ऐसी ही कार्रवाई यू ट्यूब ने भी की थी।
अब आगे क्या?
ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए इस प्रस्ताव को अमेरिकी संसद के दूसरे सदन सीनेट में भी पास कराना होगा। वहां भी अगर यह प्रस्ताव पारित हो जाता है तो ट्रंप को 20 जनवरी को कार्यकाल पूरा करने से पहले राष्ट्रपति का पद छोड़ना होगा। सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के पास डेमोक्रेटस से मात्र एक अधिक वोट है। रिपब्लिकन के पास 51 और डेमोक्रेट के पास 50 वोट हैं। ऐसे में यह प्रस्ताव वहां पारित करवाना थोड़ा मुश्किल दिख रहा है, लेकिन यह नामुमकिन नहीं है, इसकी वजह ट्रपं के रवैये से उनकी पार्टी के अंदर व्याप्त नाराजगी है। जिस तरह से उनकी आलोचना उनकी पार्टी के नेताओं ने ही की है उससे ऐसी संभावना है कि कई रिपब्लिकन सीनेट सदस्य भी उनके खिलाफ प्रस्ताव के पक्ष में वोट दे सकते हैं और यह प्रतिनिधि सभा में पहले ही दिख चुका है, जहां 10 रिपब्लिकन सांसदों ने ट्रंप के खिलाफ वोट दिया।
हालांकि एक संभावना यह भी है कि महाभियोग प्रस्ताव स्वीकृत हुए बिना अगर ट्रंप स्वेच्छा से पद छोड़ देते हैं तो सीनेट में उनके खिलाफ प्रस्ताव नहीं लाया जाएगा।
यूएस हाउस स्पीकर क्या बोलीं?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग पर बहस के दौरान अमेरिकी सदन की अध्यक्ष नैंसी पलोसी ने कहा कि हम जानते हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने देश के खिलाफ इस सशस्त्र विद्रोह को उकसाया। उन्हें पद से हटना चाहिए। स्पष्ट है कि वह देश के लिए खतरा हैं। उन्होंने कहा कि सदन ने यह प्रदर्शित किया कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। यहां तक कि अमेरिका का राष्ट्रपति भी नहीं।
Today, in a bipartisan way, the House demonstrated that no one is above the law. Not even the president of the United States: US House Speaker Nancy Pelosi after impeachment of President Donald Trump https://t.co/HXDtBvMcOW pic.twitter.com/2g6OVPRnPA
— ANI (@ANI) January 13, 2021
2019 में भी चला ट्रंप के खिलाफ महाभियोग
डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ इससे पहले 2019 में महाभियोग चलाया गया था। हालांकि फरवरी 2020 में सीनेट ने ट्रंप द्वारा शक्ति के दुरुपयोग के आरोप को को 52-48 के अंतर से खारिज कर दिया था। अमेरिका के इतिहास में ट्रंप महाभियोग के आरोप के बावजूद दोबारा चुनाव लड़ने वाले पहले व्यक्ति बने।