कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए हम चीन से क्या मंत्र सीख सकते हैं?
बीजिंग से अनिल पांडेय की रिपोर्ट
बीजिंग। एक ओर दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप जारी है। वहीं चीन में इस पर लगभग पूरी तरह नियंत्रण पा लिया गया है। हालांकि वायरस की दूसरी लहर आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
हाल के दिनों में पेइचिंग में कुछ मामले जरूर सामने आए। लेकिन चीन सरकार व संबंधित एजेंसियों की तत्परता से वायरस का प्रसार नहीं हो सका। यही वजह है कि अब फिर से स्थिति सामान्य होती दिख रही है।
इसके चलते पूरे चीन में कम खतरे वाले क्षेत्रों में सिनेमा हॉल खोलने की अनुमति दे दी गयी है। इसके साथ ही पार्क, म्यूजि़यम आदि भी आम लोगों के लिए खुलने वाले हैं। इसके साथ ही बाजारों में जाने की मनाही भी नहीं है।
गौरतलब है कि चीन में इस तरह के सेंटर कई महीनों से बंद पड़े थे, क्योंकि इन जगहों पर लोगों का जमावड़ा होने से वायरस फैलने का खतरा बना रहता है। भले ही पार्क लोगों के लिए खोल दिए गए हैं, पर अब भी नागरिकों के शरीर का तापमान लिया जा रहा है और मोबाइल के जरिए हेल्थ रिपोर्ट भी दिखानी होती है।
इसके साथ ही लोग घरों से बाहर जाने पर मॉस्क पहन रहे हैं। ताकि वायरस फिर से पैर न पसार सके। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि चीन द्वारा बरती जा रही सतर्कता ने लोगों को संक्रमित होने से बचाया है।
हाल में चीन की जीडीपी के आंकड़े भी जारी किए गए हैं, जिसमें अर्थव्यवस्था ने सकारात्मक संकेत दिखाया है। क्योंकि चीन ने पिछले कुछ समय में इकॉनमी को पटरी पर लाने के लिए तमाम उपाय किए। इसके चलते अब जीडीपी की वृद्धि दर 3 फीसदी से ऊपर जा चुकी है।
ये सब बातें यह बताने के लिए काफी हैं कि कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में चीन ने कितनी सफलता पायी है। यहां बता दें कि शुरूआत में जब चीन में वायरस फैलने लगा तो विश्व के कई देशों ने चीन पर कटाक्ष किया। खास तौर पर सख्त लॉकडाउन आदि को लेकर सवाल उठाए गए।
दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका में वायरस के लाखों मामले सामने आ चुके हैं, जबकि मरने वालों की तादाद एक लाख 43 हजार से अधिक पहुंच गयी है।
इस बीच चीन में सामान्य होती स्थिति के लिए विभिन्न देश की जिम्मेदार एजेंसियों और आम लोगों की जागरूकता को श्रेय देना होगा। ऐसे में कहा जा सकता है कि विश्व को वायरस पर काबू करने का मंत्र चीन से सीखने की जरूरत है।