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Nobel Prize Positive News : नोबल प्राइज को नीलाम कर रूसी पत्रकार दमित्री मुरटोव ने की यक्रेनी बच्चों की मदद

Janjwar Desk
22 Jun 2022 5:44 AM GMT
Nobel Prize Positive News : नोबल प्राइज को नीलाम कर रूसी पत्रकार दमित्री मुरटोव ने की यक्रेनी बच्चों की मदद
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Nobel Prize Positive News : नोबल प्राइज को नीलाम कर रूसी पत्रकार दमित्री मुरटोव ने की यक्रेनी बच्चों की मदद

Nobel Prize Positive News : नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजे गए रूसी पत्रकार दमित्री मुराटोव (Dmitry Muratov) ने 20 जून को नोबेल पुरस्कार के साथ मिला गोल्ड मैडल नीलाम कर दिया और इससे प्राप्त राशि को बच्चों के लिए संयुक्त राष्ट्र की समर्पित संस्था, यूनिसेफ (UNICEF), के हवाले कर दिया...

वरिष्ठ लेखक महेंद्र पाण्डेय की टिप्पणी

Nobel Prize Positive News : नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Prize Positive News) से नवाजे गए रूसी पत्रकार दमित्री मुराटोव (Dmitry Muratov) ने 20 जून को नोबेल पुरस्कार के साथ मिला गोल्ड मैडल नीलाम कर दिया और इससे प्राप्त राशि को बच्चों के लिए संयुक्त राष्ट्र की समर्पित संस्था, यूनिसेफ (UNICEF), के हवाले कर दिया, जिससे रूस-युक्रेन युद्ध के कारण अनाथ हो चुके या विस्थापित यूक्रेनी बच्चों की मदद की जा सके| इस नीलामी में अब तक नोबेल प्राइज के मैडल की जितनी भी नीलामी की गयी है, उसकी तुलना में रिकॉर्ड राशि प्राप्त की गयी है| एक अनजान व्यक्ति ने फोन पर 10.35 करोड़ डॉलर की बोली लगाकर इसे खरीदा है| यह नीलामी हेरिटेज आक्शंस (Heritage Auctions) नामक नीलामी कराने वाली संस्था ने न्यूयॉर्क में करवाई थी, जिसमें दमित्री मुरटोव स्वयं उपस्थित थे| इस नीलामी से पहले भी दमित्री नोबेल प्राइज के साथ मिली 5 लाख डॉलर की राशि भी युक्रेन के बच्चों की मदद के लिए यूनिसेफ के हवाले कर चुके हैं|

दमित्री मुरटोव ने कहा कि वे इस कीमत से स्वयं हैरान हैं, उन्हें पता था कि कीमत बड़ी होगी पर इतनी राशि का अनुमान उन्हें भी नहीं था| इससे पहले नोबेल प्राइज में मिले गोल्ड मैडल की सबसे बड़ी बोली 47.6 लाख डॉलर थी, और यह गोल्ड मैडल डीएनए की बनावट तो उजागर करने वाले जेम्स वाटसन का था, जिसे 2014 में नीलाम किया गया था| जेम्स वाटसन को वर्ष 1962 में डीएनए की बनावट की खोज के लिए सहयोगी फ्रंसिक क्रीक के साथ नोबेल पुरस्कार दिया गया था| जेम्स वाटसन के बाद वर्ष 2017 में फ्रंसिक क्रीक के परिवार ने भी गोल्ड मैडल की नीलामी 22.7 लाख डॉलर में की थी| इन दोनों नीलामी के जिम्मा भी हेरिटेज आक्शंस ने ही किया था, पर इस बार दमित्री मुरटोव के गोल्ड मैडल की नीलामी में हेरिटेज आक्शंस ने कोई कमीशन नहीं लिया और प्राप्त पूरी राशि सीधे यूनिसेफ को दे दी| नोबेल प्राइज के साथ दिया जाने वाला गोल्ड मैडल 23 कैरट सोने से बना 175 ग्राम का होता है और बाजार में सोने के भाव में इसकी कीमत लगभग 10000 डॉलर होती है|

20 जून इसलिए विशेष दिन था क्योंकि उसी दिन रिफ्यूजी डे (World Refugee Day) भी मनाया जाता है और यह राशि युक्रेन से विस्थापित बच्चों के लिए ही है| दमित्री मुरटोव ने कहा है कि वे युक्रेन के विस्थापित बच्चों को भविष्य का मौक़ा देना चाहते हैं| वे यह भी चाहते है कि रूस पर लगे प्रतिबंधों में कम से कम जरूरी दवाएं नहीं शामिल की जाएँ|

वर्ष 2021 के नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize 2021) की घोषणा निश्चित तौर पर चौकाने वाली थी क्योंकि इस बार दुनिया के दो निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारों (courageous and independent journalists) को यह पुरस्कार दिया गया था| इनके नाम हैं फिलीपींस की मारिया रेसा (Maria Ressa of Philippines) और रूस के दमित्री मुराटोव (Dmitry Muratov of Russia)| फिलीपींस की 58 वर्षीय मारिया वेब न्यूज़ पोर्टल राप्प्लेर डॉट कॉम (Rappler dot com) की संस्थापक हैं और इससे पहले वे सीएनएन और एबीएस-सीबीएन के साथ काम कर चुकी हैं| सरकार के विरुद्ध लिखने के कारण उनपर फिलीपींस की सरकार द्वारा अलग-अलग मामलों में 11 मुकदमे दायर किये गए हैं, कुछ में उन्हें दोषी भी करार दिया गया है पर वे जमानत पर जेल से बाहर हैं और निर्भीकता से पत्रकारिता कर रही हैं| रूस के 59 वर्षीय दमित्री मुराटोव ने वर्ष 1993 से एक निष्पक्ष समाचार पत्र, नोवोया गजेटा (Novaya Gazeta), का प्रकाशन शुरू किया था और वर्ष 1995 से इसके एडिटर इन चीफ हैं| रूस में निष्पक्ष पत्रकारिता और राष्ट्रपति पुतिन की नीतियों का विरोध जानलेवा होता है, पर तमाम धमकियों और पाबंदियों के बाद भी दमित्री मुराटोव पत्रकारिता के प्रति अपने कर्तव्य से विमुख नहीं हुए| पुरस्कारों के ठीक बाद रूस के कानून मंत्रालय ने दमित्री मुराटोव के साथ कुछ और पत्रकारों को विदेशी एजेंट (Foreign Agent) करार दिया – इसका मतलब है इन समाचार पत्रों पर आर्थिक पाबंदी के साथ ही अन्य बहुत सी पाबंदियां| पुरस्कार की घोषणा के ठीक बाद दमित्री मुराटोव ने कहा कि वे रूस के निष्पक्ष पत्रकारिता का प्रतिनिधित्व करते रहेंगें (We will continue to represent Russian Journalism which is now being suppressed) और यह पुरस्कार उनके समाचार पत्र और रूस के उन तमाम पत्रकारों को समर्पित है जिन्हें निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पडी| उन्होंने अनेक मारे गए पत्रकारों का नाम भी लिया, जैसे इगोर दोम्निकोव, युरी श्चेकोचिखिंन, एना स्तेपनोवना, नासत्या बबुरोवा, नताशा एस्तेमिरोवा और सत्स मर्केलोव (Igor Domnikov, Yuri Shchekochikhin, Anna Stepanovna, Nastya Baburova, Natasha Estemirova & Stas Markelov)| उन्होंने कहा कि ये सभी पत्रकार लोगों के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बहाल करने के प्रयासों में मारे गए|

दमित्री मुराटोव ने नोवोया गजेटा (Novaya Gazeta), का प्रकाशन मार्च 2022 से रूस-युक्रेन युद्ध तक स्थगित कर दिया है क्योंकि वे इसे युद्ध ही कहते हैं, पुतिन का स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन नहीं| मार्च में ही पुतिन ने एक आदेश जारी कर सभी मीडिया संस्थानों को युद्ध शब्द इस्तेमाल करने से रोका था, और इसका पालन नहीं करने वालों के लिए 15 वर्षों की कैद और मीडिया रजिस्ट्रेशन के कैंसल करने का आदेश है| पुतिन के शासन कार के पिछले दो दशकों के दौरान कम से कम 24 पत्रकारों की ह्त्या की गयी है और अनेक जेल में बंद हैं| दमित्री पर भी अप्रैल 2022 में एक ट्रेन यात्रा के दौरान रासायनिक हमला किया गया था|

हमारे देश के तथाकथित पत्रकारों को और अधिकतर जनता को मारिया और दमित्री मुराटोव के योगदान को समझना कठिन है क्योंकि यहाँ पत्रकार तो सरकारी प्रचार तंत्र हैं और केवल सत्ता-राग जानते हैं, जो सरकार से कीमत वसूलकर जनता को बरगलाते हैं, और जनता वही सच समझती है जो समाचार चैनल दिनभर दिखाते हैं| खोजी, निष्पक्ष, तथ्यपरक और निर्भीक पत्रकारिता तो हमारे देश से वर्षों पहले ही विलुप्त हो चुकी है, आज जिसे मीडिया कहते हैं वह केवल जनता को कुचलती शासकों की आवाज है|

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