दाऊद इब्राहिम पर अपनी बात से पलटा पाक, बोला - 'न हमारे देश में है, न प्रतिबंध लगाया है'
जनज्वार। पाकिस्तान ने दाऊद इब्राहिम पर अपने शनिवार के कथन से पलटी मार ली है। उसके विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि भारतीय मीडिया में यह दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान ने अपनी जमीन पर कुछ सूचीबद्ध लोगों की उपस्थिति स्वीकार की है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह दावा निराधार और भ्रामक है। उसने उस खबर को भी खारिज किया कि इन सूचीबद्ध लोगों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
पाकिस्तान के सरकारी रेडियो रेडियो पाकिस्तान की खबर के अनुसार, इस महीने की 18 तारीख को तालिबान व अलकायदा पर प्रतिबंध सूची को दरसाते हुए पाकिस्तान ने दो एसआरओ जारी किया था। बयान में कहा गया है कि सूची में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा के प्रस्तावों के अनुसार, नामित व्यक्तियों व संस्थाओं के नाम हैं। प्रवक्ता ने कहा हे कि समेकित एसआरओ समय-समय पर जारी किया जाता है।
Foreign Office rejects Indian media reports about presence of certain listed individuals in Pakistan 🇵🇰@ForeignOfficePk https://t.co/FJnYiWBtUd
— Radio Pakistan (@RadioPakistan) August 23, 2020
इससे पहले शनिवार की शाम यह खबर आयी थी कि पाकिस्तान ने यह मान लिया है कि 1993 में मुंबई बम धमाकों का दोषी दाऊद इब्राहिम उसके मुल्क में ही रह रहा है। पाकिस्तान द्वारा जारी 88 आतंकियों की सूची में दाऊद इब्राहिम का भी नाम होने की बात कही गई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि फाइनेंशियल एक्शन टाॅस्क फोर्स, एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में आने से बचने के लिए पाकिस्तान ने इस आतंकियों पर कड़े वित्तीय प्रतिबंध लगाए हैं।
उस रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने अपनी सूची में शामिल किए गए आतंकियों की संपत्तियों को जब्त करने और बैंक खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया है। इन पर ट्रैवल बैन भी लगाया गया है। यह भी कहा गया कि दाऊद 14 पासपोर्ट रखता है और कराची में उसके तीन घर हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने दाऊद इब्राहिम के साथ हाफिज सईद, मसूज अजहर, मुल्ला फजलुल्ल व जकीरउर रहमान लखवी जैसे कुख्यात आतंकियों पर प्रतिबंध लगाया है।
पाकिस्तान सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सूची में शामिल आतंकियों के वित्तीय संस्थानों से लेनदेन करने और हथियार खरीदने पर रोक रहेगी। रिपोर्ट के अनुसर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हाल ही में पाकिस्तान को इन आतंकवादियों पर एक्शन लेने का निर्देश दिया था।
जून 2018 में पेरिस स्थित वित्तीय कार्रवाई कार्य बल ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला था। आतंकवादियों पर कार्रवाई नहीं किए जाने की वजह से वह इसी सूची में है। ऐसे में उसने अब इस दिशा में कार्रवाई के लिए कदम उठाया है।