Begin typing your search above and press return to search.
दुनिया

Anti Covid Tablet: अब टैबलेट से होगा कोरोना का इलाज, फाइजर का दावा- मौत का जोखिम 90 प्रतिशत कम

Janjwar Desk
5 Nov 2021 5:16 PM GMT
Anti Covid Tablet: अब टैबलेट से होगा कोरोना का इलाज, फाइजर का दावा- मौत का जोखिम 90 प्रतिशत कम
x

(फाइजर का दावा- मृत्यु दर में 90 फीसद कमी लाती है उसकी टैबलेट)

Anti Covid Tablet: फाइजर ने शुक्रवार को कहा कि, "उनकी कंपनी जल्‍द ही एफडीए और अंतरराष्ट्रीय नियामकों से अपनी कोविड रोधी गोली को मंजूरी देने की गुजारिश करेगा।"

Anti Covid Tablet: अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी फाइजर इंक(Pfizer) ने दावा किया है कि उनके द्वारा कोरोना के खिलाफ विकसित एंटीवायरल टैबलेट से मरीजों में जान जाने का खतरा 90 प्रतिशत तक कम हो जाएगा। शुक्रवार, 5 अक्टूबर को कंपनी ने कहा कि उनके द्वारा विकसित एंटीवायरल गोली से अस्पताल में भर्ती होने और जान जाने का जोखिम 90 प्रतिशत तक कम हो जाता है। इसी के साथ फाइजर इंक अमेरिकी बाजार में कोविड के खिलाफ टैबलेट के रूप में दवा पेश करने वाली निर्माताओं की रेस में शामिल हो गई है।

मौजूदा वक्त में अमेरिका में कोरोना वायरस के उपचार में इंजेक्शन के जरिए ही मरीजों को दवा दी जाती है। फाइजर की प्रतिस्पर्धी दवा कंपनी मर्क ने सबसे पहले कोविड-19 के खिलाफ गोली विकसित की जिसके बाद फाइजर भी इस ओर तेजी से काम करने लगा। मर्क द्वारा विकसित गोली के मजबूत प्रारंभिक परिणाम दिखाने के बाद ब्रिटेन ने इसके इस्तेमाल के लिए हरी झंडी दे दी। इसके बाद दवा निर्माता कंपनी फाइजर इंक पर दबाव और बढ़ गया है। फाइजर ने शुक्रवार को कहा कि, "उनकी कंपनी जल्‍द ही एफडीए और अंतरराष्ट्रीय नियामकों से अपनी कोविड रोधी गोली को मंजूरी देने की गुजारिश करेगा।" अगर फाइजर की ओर से कोविड के खिलाफ विकसित टैबलेट के इस्‍तेमाल की मांग को लेकर आवेदन दिया जाता है तो इस पर एफडीए हफ्तों या महीनों के भीतर निर्णय ले सकता है।

फाइजर के सीईओ अल्बर्ट बौर्ला ने शुक्रवार को कहा कि अगर रेगुलेटरी अथॉरिटी अनुमति देती है तो हमारी गोली रोगियों के जीवन को बचाने, कोविड -19 संक्रमण की गंभीरता को कम करने और 10 में से नौ मरीजों को अस्पतालों में भर्ती होने वालों की संख्या को कम करने की क्षमता रखती है।

फाइजर ने कहा कि दवा के परिक्षण में लक्षण शुरू होने के तीन दिनों के भीतर इलाज किए गए रोगियों में सामान्य इलाज देने वालों की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने या किसी भी कारण से मृत्यु के जोखिम में 89% की कमी देखी गई। कोरोना होने पर सामान्य इलाज कराने वाले दस लोगों की मृत्यु हो गई, जबकि फाइजर दवा लेने वालों में से किसी भी मरीज की जान नहीं गई। फाइजर ने 3,000 लोगों पर गोली के परीक्षण की योजना बनाई थी, लेकिन दावा के संतोषजनक परिणामों को देखते हुए इसके 70 प्रतिशत लोगों पर ही रोक दिया गया।

बता दें कि कोरोना के खिलाफ जंग में दुनिया भर के शोधकर्ता कोविड-19 के खिलाफ असरदार उपचार के लिये गोली बनाने में जुटे हैं, जिसे मरीजों के लक्षणों को कम किया जा सके और मरीजों में मौत के जोखिम को कम करके उसे तेजी से ठीक किया जा सके। कोरोना के खिलाफ सही दवा विकसित हो जाने से डॉक्टरों और अस्पतालों पर भी बोझ कम हो सकेगा।


Next Story

विविध