Begin typing your search above and press return to search.
दुनिया

Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध में महिलाओं और बच्चों का ये दर्द रूला देगा, 70 लाख बन सकते हैं शरणार्थी और बढ़ेगी मानव तस्करी

Janjwar Desk
8 March 2022 7:12 PM IST
Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध में महिलाओं और बच्चों का ये दर्द रूला देगा, 70 लाख बन सकते हैं शरणार्थी और बढ़ेगी मानव तस्करी
x

यूक्रेन में महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा प्रताड़ित (photo : Twitter) 

ऐसे भी परिवार हैं जिनके बच्चे या तो अभी भी भटक रहे हैं या फिर मानव तस्करी के शिकार बन चुके हैं, खासकर यूक्रेन में महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा प्रताड़ित हो रहे हैं...

मोना सिंह की रिपोर्ट

Russia-Ukraine War: उस बच्चे की उम्र सिर्फ 11 साल है। वो अनाथ भी नहीं है। लेकिन अकेले सफर कर रहा है। ये सफर भी महज कुछ दूरी या पड़ोस का नहीं। बल्कि एक देश को छोड़ दूसरे देश में जाने का है। बच्चे के कंधे पर एक बैग है। बैग में कुछ खाने का सामान. पासपोर्ट और कुछ कागजात हैं। उस कागजात पर कुछ इमरजेंसी नंबर लिखे हैं। ताकी कोई मुसीबत आए तो उस पर संपर्क किया जा सके। फिर बच्चा करीब एक हजार किमी की अकेले यात्रा करता है। ऐसा नहीं कि बच्चे को अनजाने में दूसरे देश भेजा गया।

बल्कि उसकी मां खुद एक हाथ से अपने आंसू पोछते हुए उस कलेजे के टुकड़े को अलविदा कहती है। उस मां को ये पता है कि ना जाने कब क्या हो जाए। ऐसे हालात में कब किसकी जान चली जाए। फिर कभी उस बच्चे से मुलाकात होगी भी या नहीं। ये सब जानते हुए भी वो मां ये जोखिम कदम उठाती है। क्योंकि महिला के घर में किसी की तबीयत ज्यादा खराब थी। उनकी देखभाल करने के लिए उन्हें रुकना था लेकिन रूस के लगातार हमले को देखते हुए बच्चे को सुरक्षित दूसरी जगह पहुंचाना भी था। इससे यूक्रेन के दर्द का कुछ हद तक अंदाजा जरूर लगा सकते हैं।

11 साल का वो मासूम भी घर से निकलता है और दूर देश के बॉर्डर तक पहुंच जाता है। फिर वहां के सैनिक जब बच्चे की बहादुरी देखते हैं तो उसे सैल्यूट भी करते हैं। उस बच्चे की सोशल मीडिया पर खूब तारीफ हो रही है। ये बच्चा यूक्रेन से निकलकर पास के देश स्लोवाकिया में अपने एक रिश्तेदार के घर पहुंच चुका है। इसकी जानकारी होने पर बच्चे की मां ने बेटे के सुरक्षित पर खुशी जताई तो स्लोवाकिया के गृह मंत्रालय ने उसे सबसे बड़ा हीरो बताया है। लेकिन यूक्रेन में चल रहे युद्ध में हर किसी की किस्मत इस बच्चे जैसी नहीं है।

ऐसे भी परिवार हैं जिनके बच्चे या तो अभी भी भटक रहे हैं। या फिर मानव तस्करी के शिकार बन चुके हैं। खासकर यूक्रेन में महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा प्रताड़ित हो रहे हैं। अंडरग्राउंड बंकर में मुश्किल हालात में बच्चे के जन्म लेने की तस्वीरें तो आपने देखी होंगी। लेकिन जैसे-जैसे यूक्रेन में युद्ध के दिन बढ़ते जा रहे हैं वैसे-वैसे हालात बदतर हो रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र यानी UN की एक रिपोर्ट के अनुसार, महज 11 दिनों में ही यूक्रेन से 15 लाख से ज्यादा लोग देश छोड़ चुके हैं। देश के आसपास के सुनसान एरिया में शरणार्थी बनकर रहने को मजबूर हैं। ऐसे में मदद के नाम पर ऐसे गैंग भी सक्रिय हैं जो मानव तस्करी कर रहे हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट में ये भी दावा किया जा रहा है कि ये गिरोह देश छोड़कर आने वाली परेशान महिलाओं को वेश्यावृत्ति और गुलामी के लिए मजबूर कर रहे हैं।

डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस तरह का एक केस भी सामने आया है। जिसमें 27 वर्षीय यूक्रेनी महिला ने बताया कि उसकी दोस्त यूक्रेन में हमले से बचने के लिए पोलैंड गई थी। वहां मिले एक व्यक्ति ने मदद के नाम पर पहले मुफ्त में वरसॉ शहर तक पहुंचाने के लिए अपने साथ लिया। इसके बाद अचानक पैसों की मांग करने लगा। पैसे नहीं देने पर वो प्रताड़ित करने लगा और कहा अब उसे जो कहा जाएगा वही काम करना होगा। किसी तरह वो लड़की भागकर जान बचाई तब घटना का खुलासा हुआ।

70 लाख लोग बन सकते हैं शरणार्थी

रूस के लगातार हमलों से यूक्रेन की हालत दयनीय होती जा रही है। यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि यूक्रेन के 70 लाख से ज्यादा लोग पलायन कर सकेत हैं. ये लोग यूक्रेन से पड़ोसी देशों, पोलैंड, माल्डोवा, रोमानिया, स्लोवाकिया और हंगरी में जाकर शरण ले सकते हैं। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, जिस तरह से इन्हें मजबूरी में वहां जाना पड़ रहा है और मानव तस्करी गैंग की सक्रियता का पता चल रहा है, वैसे में इन पर वैश्यावृत्ति से लेकर जबरन गुलामी में फंसने का खतरा बना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी तक कई गैंग पकड़े भी गए हैं. इसलिए मानव तस्करी की आशंका ज्यादा है।

बता दें कि मानव तस्करी के ज्यादातर मामलों में सबसे ज्यादा लोगों का यौन शोषण किया जाता है। कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि मानव तस्करी के बाद वेश्यावृत्ति, बंधुआ मजदूरी कराना और घरेलू कामकाज में ले जाना सबसे प्रमुख है। संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय (UNODC) की एक रिपोर्ट बताती है कि मानव तस्करी में शामिल 72 प्रतिशत पीड़ित लड़कियां और बच्चे ही होते हैं।

रेप की शिकार बन रही हैं यूक्रेन की महिलाएं

कुछ समय पहले ही यूक्रेन के विदेश मंत्री दीमित्रों कुलेबा ने रूसी सैनिकों द्वारा यूक्रेन की महिलाओं से बलात्कार के आरोप लगाए थे। इसके कुछ समय बाद एक यूक्रेनी महिला ने भी दावा किया है कि रूसी सैनिकों ने एक 17 वर्षीय लड़की का रेप करने के बाद उसकी हत्या कर दी। रूसी सैनिक अपने कब्जे वाले शहरों में यूक्रेन की महिलाओं से रेप कर रहे हैं। न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार खेरसोन शहर की रहने वाली महिला कार्यकर्ता ने अपने शहर में रूसी सैनिकों द्वारा महिलाओं से रेप और दुर्व्यवहार के बारे में बताया है। इस तरह के और भी कई मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन अभी तक इन मामलों की अधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।

विरोध नहीं कर पा रहे हैं लोग

रूस के कब्जे वाले शहरों के लोगों का कहना है कि उन्हें अपनी आर्मी पर पूरा भरोसा है। लेकिन वह बाहर निकलने से अभी डर रहे हैं। और जब तक परिस्थितियां बिल्कुल विपरीत नहीं हो जाती वह अपने शहर को छोड़कर नहीं जाना चाहते और वह रूसी सैनिकों का खुलकर विरोध भी नहीं कर पा रहे हैं। अब तक युद्ध में यूक्रेन के 38 बच्चों की मौत हो चुकी है।

बंकर में ही पैदा हो रहे बच्चे

चेर्नीहीव में अब तक 46 बच्चे बंकर में पैदा हुए

चेर्नीहीव शहर के कई हॉस्पिटल के मैटरनिटी वार्ड में बीते गुरुवार (जब रूस ने यूक्रेन पर पहला हमला किया) से अब तक 46 बच्चे जन्म ले चुके हैं ।गर्भवती महिलाएं और बच्चों को जन्म दे चुकी महिलाएं शेल्टर में छिपने को मजबूर हैं,जो की निराशाजनक है।

ये स्थिति सिर्फ चेर्नीहीव शहर की ही नहीं बल्कि देश के कई और हिस्सों की भी है. अस्पताल ऐसे वक्त पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जब मेडिकल उपकरणों की कमी पड़ गई है. नवजातों को एक से दूसरे शेल्टर में शिफ्ट करना पड़ रहा है. किसी को अंदाजा नहीं है कि रूस का अगल बम या मिसाइल कहां आकर गिरेगी। नवजातों और उनकी मांओं को बेसमेंट में रखा जा रहा है। महिलाएं अपनी और अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर काफी डरी हुई हैं।

Next Story

विविध