Russia Ukraine War : रूस और यूक्रेन के बीच जारी भीषण युद्ध को तीन महीने पूरे होने को दस दिन का समय शेष बचा है। हाल ही में फिनलैंड के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जल्द से जल्द नाटो के साथ जुड़ने का ऐलान किया था। इसी बीच रूस ने ऐलान किया है कि अगर नाटो परमाणु बलों और बुनियादी ढांचे को सीमा के करीब तैनात करता है तो मास्को पर्याप्त एहतियाती कदम उठाएगा। रूस को इस बात की चिंता है कि फिनलैंड और पोलैंड को नाटो में शामिल करने का मुख्य मकसद उसकी घेराबंदी करना है।
फिनलैंड रूस के साथ करीब 13000 किलोमीटर की सीमा साझा करता है। ठीक ऐसे ही पोलैंड भी रूस के प्रशासनिक क्षेत्र कलिनिनग्राद से सटा हुआ है। कलिनिनग्राद में रूसी नौसेना के उत्तरी बेड़े का मुख्यालय है जो आर्कटिक से लेकर बाल्टिक सागर तक की निगरानी करता है। ऐसे में इन देशों के नाटों में शामिल होने से रूस को चिंता सता रही है।
रूस के उप विदेश मंत्री अलेक्जेंडर ग्रुस्को ने सरकारी न्यूज एजेंसी इंटरफैक्स से कहा कि अगर नाटो रूस की सीमा के नजदीक परमाणु हथियार लाता और बुनियादी ढांचे को विकसित करता है तो जवाब देना जरूरी होगा... पर्याप्त एहतियाति कदम उठाकर जो निवारक की व्यवहार्यता सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने कहा कि मॉस्को का फिनलैंड और स्वीडन के प्रति कोई शत्रुतापूर्ण इरादा नहीं है। ऐसे में कोई वास्तविकता कारण नहीं है, जिससे ये दोनों देश नाटो गंठबंधन में शामिल हों। उन्होंने क्रेमलिन के पहले के बयान को भी दोहराया कि नाटो के संभावित विस्तार के लिए मॉस्को की प्रतिक्रिया इस बात पर निर्भर करेगी कि गठबंधन रूस की ओर से सैन्य संपत्ति को कितना करीब ले जाता है और किसी बुनियादी ढांचे को तैनात करता है।
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद बदले सुरक्षा परिवेश में नॉर्डिक देशों के सामने चुनौतियों पर केंद्रित स्वीडिश सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि नाटो में स्वीडन के शामिल होने पर मास्को नकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया व्यक्ति करेगा और वह कई जवाबी कदम उठा सकता है।
स्वीडन के प्रधानमंत्री मैग्डेलेने एंडर्स्न की कैबिनेट देश को नाटो में शामिल होने को लेकर क्या फैसला लेगी, यह स्वीडन की सरकार की उस रिपोर्ट पर तय होगा जिसमें सुरक्षा नीति का विश्लेषण किया गया है। सरकार ने यह रिपोर्ट सांसदों को शुक्रवार को सौंप दी।
रिपोर्ट में नाटो में शामिल होने के कई फायदे गिनाए गए है जिसके अंतर्गत तीस सदस्य देशों की संयुक्त सेना सामूहिक सुरक्षा प्रदान करेगी लेकिन इसमें यह भी कहा गया है कि इसके जवाब में रूस कई तरह के हथकंडे अपना सकता है जिसमें विभिन्न प्रकार के हाइब्रिड और साइबर हमले और स्वीडन के वायु और समुद्री सीमा का उल्लंघन शामिल है।
रिपोर्ट के मुताबिक मॉस्को परमाणु हथियारों की रणनीतिक तैनाती भी कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन के खिलाफ जारी रूस के हमले से दूसरों देशों पर हमले की संभावना कम है लेकिन रूस के पास अब भी क्षमता है कि स्वीडन जैसे देशों के खिलाफ सीमित संख्या में शत्रुपूर्ण कार्रवाई कर सकता है।