Russia-Ukraine War : रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के बीच भारतीय छात्रों (Indian Students In Ukraine) को वहां से निकालने के लिए चलाए गए ऑपरेशन गंगा अभियान के तहत अब तक 76 उड़ानों में 15920 लोगों को भारत लाया गया है। इसके लिए भारत सरकार (Govt Of India) की ओर से चार देशों में अपने मंत्री तैनात किए गए थे। हालांकि इन सबके बावजूद रूस और यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई में अबतक हम अपना एक छात्र को चुके हैं और एक गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल है। अब भी बड़ी संख्या में छात्र पोलैंड और रोमानिया के बॉर्डर पर वापसी की बाट जोह रहे हैं।
ऑपरेशन गंगा में अब तक क्या-क्या हुआ?
नागर विमानन मंत्रालय ने की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 22 फरवरी, 2022 को विशेष उड़ानें शुरू होने के बाद से अब तक 15,900 से अधिक भारतीयों (Indian Nationals) को स्वदेश वापस लाया जा चुका है।
रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine Crisis) के बीच बीते 11 दिनों से भीषण लड़ाई चल रही है। यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए भारत सरकार की तरफ से 'ऑपरेशन गंगा' (Operation Ganga) अभियान चलाया गया। हालांकि बड़ी संख्या में युद्धक्षेत्र में फंसे छात्रों ने सरकार के इस अभियान के क्रियान्वयन पर सवाल उठाए हैं। वापस लौटे कई छात्र आरोप लगा चुके हैं कि वहां फंसे छात्रों और दूतावास के बीच कम्युनिकेशन गैप है। वहीं सरकार का कहना है कि ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन के पड़ोसी देशों से 76 उड़ानों के माध्यम से 15920 से अधिक छात्रों को सफलतापूर्वक देश वापस लाया गया है।
किस देश से कितने छात्र वापस आए
रोमानिया- 31 उड़ानों से 6680 छात्र
हंगरी- 26 उड़ानों से 5300 छात्र
पोलैंड- 13 उड़ानों से 2822 छात्र
स्लोवाकिया- 6 उड़ानों से 1118 छात्र
यूक्रेन का वायु क्षेत्र (Ukrainian Air Space) रूसी हमले की वजह से 24 फरवरी से बंद है। ऐसे में यूक्रेन से बाहर निकल रहे भारतीय नागरिकों को रोमानिया, हंगरी, स्लोवाकिया और पोलैंड जैसे देशों से विमानों के जरिये स्वदेश लाया जा रहा है। हंगरी की सीमा युद्धग्रस्त यूक्रेन से सटी है और अभी तक इस देश से होते हुए हजारों भारतीयों को देश वापस लाया जा चुका है। भारत के दूतावास ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए बुडापेस्ट (हंगरी) में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है।
यूक्रेन की सीमा पर चार कैबिनेट मंत्रियों को किया गया था तैनात
वैसे तो यूक्रेन में कई देशों के नागरिक फंसे हैं लेकिन अपने लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए भारत ने दुनिया का सबसे एक्टिव ऑपरेशन चलाया। मोदी सरकार ने अपने मंत्रियों ज्योतिरादित्य सिंधिया, हरदीप पुरी, किरन रिजिजू और वीके सिंह को यूक्रेन की पश्चिमी सीमा से लगे देशों में भेजने का फैसला किया। यू्क्रेन से बाहर निकल रहे भारतीय नागरिकों को रोमानिया, हंगरी, स्लोवाकिया और पोलैंड जैसे देशों से विमानों के जरिए स्वदेश लाया जा रहा है। इस ऑपरेशन का पूरा खर्च भारत सरकार की ओर से उठाया गया।
खबर तो यहां तक आई कि भारतीयों की सुरक्षित निकासी के लिए रूसी सेना की तरफ से छह घंटे हमले भी रोक दिए गए थे। हालांकि यूक्रेन की ओर से इस बात का खण्डन करते हुए कहा गया कि रूस की तरफ से एक घंटे भी गोलीबारी नहीं रोकी गई है यहां तक कि सिविलियन इलाकों (Civilian Areas) में भी बम बरसाए गए है। यूक्रेन के विदेश मंत्री ने तो यहां तक कह दिया कि रूसी सैनिक युद्ध क्षेत्र में महिलाओं के साथ बलात्कार कर रहे हैं।