Sri Lanka Crisis : भाजपा नेता ने की श्रीलंका में सेना भेजने की मांग, पड़ोसी देश में मचा बवाल, भारतीय उच्चायोग ने खारिज की रिपोर्ट
Sri Lanka Crisis : भाजपा नेता की श्रीलंका में सेना भेजने की मांग, पड़ोसी देश में मचा बवाल, भारतीय उच्चायोग ने खारिज की रिपोर्ट
Sri Lanka Crisis : श्रीलंका में चल रहे आर्थिक संकट के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने ट्वीट कर कहा है कि भारत को श्रीलंका (Sri Lanka Crisis) में सेना (Indian Army In Sri Lanka) को भेजना चाहिए। वहां भारत विरोधी ताकतें लोगों के गुस्से का फायदा उठा रही हैं और इससे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभावित हो रही है। हालांकि कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने इन रिपोर्ट्स को खारिज किया है।
स्वामी ने अपने ट्वीट में कहा, संवैधानिक पवित्रता बहाल करने के लिए भारत को भारतीय सेना (Indian Army) को भेजना चाहिए। वर्तमान में भारत विरोधी विदेश ताकतें लोगों के गुस्से का फायदा उठा रही हैं। यह भारत की सुरक्षा को प्रभावित करता है। एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा- हां श्रीलंका में।
India must send in the Indian Army to restore Constitutional sanity. At present anti Indian foreign forces are taking advantage of people's anger. This affects India's national security
— Subramanian Swamy (@Swamy39) May 10, 2022
स्वामी ने दूसरे ट्वीट में लिखा- यहां तक कि प्रधानमंत्री के आवासों को जलाना, सांसदों को दंगाइयों की भीड़ द्वारा गोली मार देना कोई दया नहीं है। हम अपने पड़ोस में एक और लीबिया बनने की अनुमति नहीं दे सकते।
Burning down the residences even of the Prime Minister, shooting dead MPs by mobs means rioters don't deserve any mercy. We cannot allow another Libya in our neighbourhood.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) May 11, 2022
भाजपा नेता ने अपने एक और ट्वीट में लिखा- 1987 में श्रीलंका (Sri Lanka Crisis) के राष्ट्रपति जयवर्धने ने उत्तरी श्रीलंका में सामान्य स्थिति लाने के लिए भारतीय सैनिकों के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर कए। हम सफल हुए और स्थानीय चुनाव भी कराए लेकिन कोलंबो में प्रेमदास ने पदभार संभाला और तुरंत लिट्टे (LTTE) को वित्तपोष्ण और हथियार उपलब्ध कराना शुरू कर दिया। हमें धोखा दिया, हमने आईपीकेएफ (Indian Peace Keeping Force) को वापस ले लिया।
In 1987 Sri Lanka's President Jayawardane signed a pact for Indian troops to bring normalcy in North Sri Lanka. We succeeded and held local elections too. But in Colombo, Premadasa took office and promptly starting financing and providing arms to LTTE. Betrayed we withdrew IPKF.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) May 10, 2022
वहीं सुब्रमण्यम स्वामी का बयान श्रीलंका के मीडिया और सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। देश के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप को लेकर उनके बयान की आलोचना की जा रही है।
इसके बाद श्रीलंका स्थित भारतीय उच्चायोग को इन रिपोर्ट्स को खारिज करना पड़ा है। उच्चायोग ने अपने ट्वीट में लिखा कि वह मीडिया और सोशल मीडिया के वर्गों में भारत द्वारा श्रीलंका में अपनी सेना भेजने के बारे में काल्पनिक रिपोर्टों का स्पष्ट रूप से खंडन करना चाहेगा। ये रिपोर्ट और इस तरह के विचार भी भारत सरकार की स्थिति के अनुरूप नहीं हैं।
The High Commission would like to categorically deny speculative reports in sections of media and social media about #India sending her troops to Sri Lanka. These reports and such views are also not in keeping with the position of
— India in Sri Lanka (@IndiainSL) May 11, 2022
the Government of #India. (1/2)
उच्चायोग ने दूसरे ट्वीट में कहा- भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कल स्पष्ट रूप से कहा है कि भारत श्रीलंका में लोकतंत्र, स्थिरता और आर्थिक सुधार का पूरा समर्थन करता है।