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अफगानिस्तान में बचा सिर्फ एक महीने का राशन, आ सकती है भुखमरी की स्थिति

Janjwar Desk
3 Sept 2021 12:01 PM IST
अफगानिस्तान में बचा सिर्फ एक महीने का राशन, आ सकती है भुखमरी की स्थिति
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(डब्ल्यूपीएफ के आंकड़ों के मुताबिक अफगानिस्तान में लगभग 2 मिलियन बच्चे कुपोषण का शिकार हैं)

संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी ने आगाह किया है कि अफगानिस्तान में उसका खाद्य भंडार इस महीने खत्म हो सकता है और जरूरतमंद लोगों को भोजन मुहैया कराने के लिए 20 करोड़ डॉलर की तत्काल आवश्यकता है....

जनज्वार डेस्क। तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) अब भुखमरी की तरफ बढ़ रहा है। बुधवार को संयुक्त राष्ट्र (United Nation) के एक अधिकारी ने इस संबंध में चेताते हुए कहा कि अफगानिस्तान में इस महीने के बाद जबरदस्त भुखमरी (Starvation) की स्थिति आ सकती है। यूएन अधिकारी ने कहा कि जिस तरह की चुनौतियों से अभी अफगानिस्तान गुजर रहा है उससे वहां खाने की किल्लत पैदा हो सकती है।

स्थानीय मानवीय समन्वयक रमीज़ अलाकबारोव ने कहा कि देश की एक तिहाई आबादी आपातकालीन स्थिति का सामना कर रही है या फिर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रही है। सर्दी का मौसम आ रहा है और देश सूखे का सामना कर रहा है ऐसे में अफगानिस्तान को काफी पैसों की जरुरत पड़ेगी ताकि लोगों को यहां भुखमरी से बचाया जा सके।

संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी ने आगाह किया है कि अफगानिस्तान में उसका खाद्य भंडार इस महीने खत्म हो सकता है और जरूरतमंद लोगों को भोजन मुहैया कराने के लिए 20 करोड़ डॉलर की तत्काल आवश्यकता है। अधिकारी ने बताया कि अफगानिस्तान आतंकवाद के बाद अब भुखमरी की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों के जाने के बाद तालिबान ने पूरे देश पर कब्जा कर लिया था। अब कई देशों ने यह अनुमान जताया है कि देश को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। खाने की समस्या के अलावा चिंता की बात यह भी है कि यहां सरकारी कर्मचारियों को वेतन भी नहीं मिल रहा और देश की करेंसी की कीमत भी काफी निचले स्तर पर पहुंच गई है।

कुछ दिनों पहले रोम, स्थिति वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के कार्यालय ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि 39 मिलियन लोगों वाले इस देश के 14 मिलियन लोगों के सामने खाने का गंभीर संकट खड़ा हो गया है।

अफगानिस्तान में तीन सालों में यह दूसरी बार सूखे जैसे हालात हैं। तालिबान के कब्जे से पहले भी सूखे जैसे हालात थे। डब्ल्यूपीएफ के आंकड़ों के मुताबिक अफगानिस्तान में लगभग 2 मिलियन बच्चे कुपोषण का शिकार हैं।

अलकबारोव ने कहा कि देश की कम से कम एक तिहाई संघर्षरत आबादी अभी इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं है कि उन्हें रोज भोजन मिलेगा या नहीं।

अलकबारोव ने काबुल से एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फेंस में बुधवार को पत्रकारों से कहा कि सितंबर के अंत तक विश्व खाद्य कार्यक्रम का देश में जो भंडार है वह खत्म हो जाएगा। हमारा भंडार खत्म हो जाएगा। मौजूदा मांग को पूरा करने के लिए हमें केवल खाद्य क्षेत्र के लिए कम से कम 20 करोड़ डॉलर की आवश्यकता है, ताकि जरूरतमंद लोगों को भोजन मुहैया कराया जा सके। अलकबारोव ने जोर देकर कहा कि देश में खाद्य असुरक्षा बहुत स्पष्ट है और इस संघर्ष के कारण 6,00,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं।

अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के लौटने पर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने देश में गहराते मानवीय और आर्थिक संकट पर गंभीर चिंता जताई। मानवीय तबाही के आने की चेतावनी देते हुए गुतारेस ने कहा कि अफगानिस्तान की लगभग आधी आबादी को जीवित रहने के लिए मानवीय सहायता की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि तीन में से एक अफगान नागरिक को नहीं पता कि उनका भोजन कहां से आएगा। पांच साल की उम्र तक के सभी बच्चों में से आधे से ज्यादा के अगले साल कुपोषित होने की आशंका है। लोग हर दिन मूलभूत सामान और सेवा से वंचित हो रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि मैं सभी सदस्य देशों से समय पर और व्यापक वित्त पोषण देने का अनुरोध करता हूं। उन्होंने कहा कि अफगान बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को पहले से कहीं ज्यादा अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सहयोग की आवश्यकता है।

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