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USCIRF report : भारत में बढ़ रहे हैं अल्पसंख्यकों पर हमले, खतरे में धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार

Janjwar Desk
24 Nov 2022 3:51 AM GMT
USCIRF report : खतरे में है भारत में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
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USCIRF report : खतरे में है भारत में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार

USCIRF report : असम का जिक्र करते हुए कहा गया कि प्रस्तावित नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) पर अमल की डर से आज भी वहां रहने वाले मुसलमान अपनी नागरिकता खोने को लेकर डरे हुए हैं।

USCIRF report : यूनाइटेड स्टेट इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम आयोग ने 23 नवंबर को अपनी रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में यूएससीआईआरएफ ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के अपने आकलन में गंभीर चिंता जाहिर की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता और मानव अधिकार खतरे में है। इससे पहले साल 2022 की शुरुआती वार्षिक रिपोर्ट में भी यूएससीआईआरएफ ने अमेरिकी विदेश विभाग को अपनी रिपोर्ट में बताया था कि भारत में गंभीर धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन जारी है। इस मामले में भारत विशेष चिंता वाले देशों की सूची में शामिल है।

अमेरिकी विदेश विभाग ने रिपोर्ट को मानने से किया था इनकार

हालांकि, अमेरिकी विदेश विभाग ने अब तक आयोग की सिफारिशों को शामिल करने से इंकार कर दिया है। इस साल की शुरुआत में अपनी सिफारिशों को दोहराते हुए यूएससीआईआरएफ ने तर्क दिया कि इस तरह इस देश के अपडेट में चर्चा की गई स्थितियों के बारे में संयुक्त राज्य अमेरिका की चिंता को मजबूत करेगा और भारत सरकार को धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वाली और सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ावा देने वाली नीतियों से अलग होने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

बनाए जा रहे अल्पसंख्यकों को प्रभावित करने वाले कानून

भारत पर अपनी छह पेज की रिपोर्ट में तीन बार भारत का नक्शा प्रकाशित किया है। इनमें दो नक्शे गलत हैं। भारत के वास्तविक भौगोलिक मानचित्र को नहीं दर्शाते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति खराब रही। भारत सरकार ने राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर पर अल्पसंख्यक विरोधी नीतियों को बढ़ावा देना जारी रखा है। धर्मांतरण, अंतर-धार्मिक संबंधों और गोहत्या के आरोप में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। ऐसे कानून बनाए जा रहे हैं जो मुसलमानों, ईसाइयों, सिखों, दलितों और आदिवासियों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। निगरानी, उत्पीड़न, संपत्ति के विध्वंस, मनमाना यात्रा प्रतिबंध और गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत नजरबंदी और गैर-सरकारी संगठनों की आवाजों दबाने का सिलसिला पहले की तरह जारी है।

रिपोर्ट में एनआरसी का भी जिक्र

यूएसआईआरएफ की रिपोर्ट में असम का जिक्र करते हुए कहा गया कि प्रस्तावित नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) पर अमल की डर से आज भी वहां रहने वाले मुसलमान अपनी नागरिकता खोने को लेकर डरे हुए हैं। ऐसा इसलिए कि उनके पास 2019 नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के तहत सुरक्षा की कमी है। जुलाई 2022 में विदेश मंत्रालय ने रिपोर्ट में कहा कि हमने अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) द्वारा भारत पर पक्षपातपूर्ण और गलत टिप्पणी देखी है।

इसके जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ये टिप्पणियां भारत और इसके संवैधानिक ढांचे, इसकी बहुलता और इसके लोकतांत्रिक लोकाचार की समझ की भारी कमी को दर्शाती हैं। अफसोस की बात है कि USCIRF अपने भेदभावपूर्ण एजेंडे के अनुसरण में अपने बयानों और रिपोर्टों में बार-बार तथ्यों को गलत तरीके से पेश करता है।

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