नई दिल्ली। चीन की 59 मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के भारत के फैसले पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने चिंता व्यक्त की और स्थिति को सत्यापित करने के लिए जांच को कहा है। लिजियान ने कहा कि भारत के पास चीनी कंपनियों के हितों की रक्षा करने की जिम्मेदारी है।
बता दें कि भारत ने सोमवार को टिक-टॉक, यूसी ब्राउजर, हेलो, लाइक, कैम स्कैनर, वीगो वीडियो समेत 59 चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। भारत सरकार ने देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता और भारत के लोगों के डेटा और गोपनीयता की रक्षा का हवाला देते हुए इन ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया है।
China expressed strong concern over #India's decision to ban 59 apps developed by Chinese firms and is checking to verify the situation, said Chinese FM Zhao Lijian on Tue, adding that India has a responsibility to safeguard the interests of Chinese firms. pic.twitter.com/Z1WokPsp0e
— Global Times (@globaltimesnews) June 30, 2020
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि उसे विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिलीं, जिनमें एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफार्मों पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप के दुरुपयोग के बारे में कई रिपोर्टें हैं, जो 'अनाधिकृत तरीके से सर्वर से उपयोगकर्ताओं के डेटा को चुराने और प्रसारित करने को लेकर हैं जो कि भारत के बाहर के स्थान हैं।'
बता दें कि हाल के महीने में भारत और चीन की सेना के बीच पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में खूनी झड़प हुई थी जिसमें 20 भारतीय सेना के जवान शहीद हो गए थे, वहीं चीन की सेना को काफी नुकसान हुआ था। हालांकि चीन ने आधिकारिक तौर अपने यहां के मरने वाले सैनिकों की जानकारी को साझा नहीं किया है।
गलवान घाटी में भारतीय सेना 8 पॉइंट्स पर पेट्रोलिंग करती थी, वहीं चीन की सेना की ओर से रोक लगाए जाने के बाद भारतीय सेना 8 पॉइंट्स तक ही पेट्रोलिंग कर पा रही है। इस गलवान घाटी पर आजतक चीन ने कभी दावा नहीं किया था लेकिन हाल में दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव के बीच चीन अब पूरी गलवान घाटी पर दावा कर रहा है।