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बिहार के 11 जिलों में फिर से लॉकडाउन, इधर चुनावी तैयारियां भी हो रहीं तेज
File photo
जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार में कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है। संक्रमितों की तेजी से बढ़ती संख्या पर रोक लगाने के मकसद से अब दुबारा लॉकडाउन का सहारा लिया जा रहा है। राज्य के 11 जिलों में शुक्रवार 10 जुलाई से लॉकडाउन लगा दिया गया है। उधर राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेजी से चल रहीं हैं। राजनैतिक दल भी चुनावी मोड में आ चुके हैं। हालांकि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने कोरोना काल में चुनाव कराने को लेकर चिंता जताई है।
राजधानी पटना, कैमूर, बक्सर, नवादा, सुपौल, मधेपुरा, खगड़िया, मुंगेर, किशनगंज, मुजफ्फरपुर, और मोतिहारी जिलों में संबंधित डीएम द्वारा लॉकडाउन का आदेश दिया गया है। उधर स्थानीय प्रशासन ने शनिवार से वैशाली और नालंदा जिलों में लॉकडाउन का आदेश दे दिया है।
इससे पहले राज्य सरकार ने जिलों के डीएम को स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अपने स्तर से निर्णय लेने के लिए अधिकृत कर दिया था।
इधर चुनाव आयोग और राजनैतिक दलों में चुनावी तैयारियां तेजी से चल रहीं हैं। चुनाव आयोग और प्रमुख दल बैठकें कर रहे हैं। पॉलिटिकल गठबंधनों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। टिकट की चाह रखने वाले नेता बड़े नेताओं से संपर्क कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर उनमें जोश भरने का काम किया जा रहा है। चुनाव आयोग भी दलों के साथ बैठक कर चुका है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्विट कर लिखा 'मैं वह अंतिम व्यक्ति हूंगा, जो लाशों के ऊपर चुनाव की बात करेगा। अगर नीतीश जी मानते हैं कि कोविड अभी भी एक समस्या है तो जबतक स्थिति न सुधरे, चुनाव को स्थगित कर देना चाहिए। अगर वे समझते हैं कि कोविड कोई समस्या नहीं है तो चुनाव परंपरागत तौर-तरीकों से कराए जाने चाहिए।'
लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान ने ट्विट कर लिखा 'चुनाव आयोग को इस विषय पर सोच कर निर्णय लेना चाहिए। कहीं ऐसा न हो कि चुनाव के बीच एक बड़ी आबादी को खतरे में झोंक दिया जाय। इस महामारी के बीच चुनाव होने पर पोलिंग परसेंटेज काफी नीचे रह सकते हैं, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।'
वरिष्ठ पत्रकार संतोष सिंह कहते हैं 'बिहार में हाल में कोरोना का जो आउटब्रेक हुआ है, उसमें चुनाव कराया जाना कहीं से भी उचित नहीं। कोरोना के कारण जिलों में दुबारा लॉकडाउन की नौबत आ गई है। ऐसे में चुनाव के दौरान चुनावकर्मियों और मतदाताओं की सुरक्षा का क्या होगा। न तो चुनाव आयोग, न ही राजनैतिक दल जिम्मेदारी दिखा रहे हैं। बीजेपी ने वर्चुअल रैली से शुरुआत की, जदयू भी लगातर वर्चुअल रैली कर रहा है। राजद-कोंग्रेस भी तैयारी कर रहे हैं। सबको समझना होगा कि महामारी के इस दौर में जान सबसे जरूरी है।'
बिहार में कोरोना का दायरा लगातार नए इलाकों में भी फैल रहा है। इसे देखते हुए ही दुबारा लॉकडाउन का फैसला किया जा रहा है, ताकि लगातार बढ़ रहे संक्रमण को कम किया जा सके।
जनहित संघर्ष मोर्चा के संयोजक सुभाष राय उर्फ झरीमन राय कहते हैं 'अभी चुनाव कराना कहीं से ठीक नहीं। यह बात न तो चुनाव आयोग समझ रहा है, न पार्टियां। हमलोग हस्ताक्षर अभियान चला रहे हैं कि मतदाताओं और चुनावकर्मियों के जान की हिफाजत के लिए अभी चुनाव न कराए जायँ। इसे आयोग को भेजा जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की जाएगी।'
बिहार में सोशल मीडिया पर भी लोग लगातार ऐसी ही बातें कर रहे हैं। उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता यशवंत सिंह कहते हैं 'जीवन सबसे महत्वपूर्ण होता है। चुनाव तो होते ही रहते हैं। कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है, ऐसे समय में चुनाव करना लोगों के जीवन से खिलवाड़ जैसा है।'
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पटना में 10 से 16 जुलाई, नवादा में 10 से 12 जुलाई और कैमूर जिले में 10 जुलाई से 17 तक लॉकडाउन रहेगा। वहीं बक्सर जिले में 10 से 12 जुलाई तक, वैशाली जिले में 11 जुलाई से 16 जुलाई और नालंदा जिला में 11 से 15 जुलाई तक लॉक डाउन की घोषणा की गई है।
मधेपुरा जिले में 10 से 16 जुलाई तक, खगड़िया जिले में 10 से 14 जुलाई तक, मुंगेर जिले में 10 जुलाई से 16 जुलाई तक लॉकडाउन रहेगा।
वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता डॉ सुभाष पाण्डेय कहते हैं 'कोरोना से पूरी मानवता त्रस्त है। यह महामारी बढ़ती ही जा रही है। राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति चरमराती जा रही है। ऐसे दौर में चुनाव कराना ठीक नहीं। लोग कोरोना से त्रस्त हैं। राजनैतिक कार्यकर्ता भी बड़े नेताओं के आदेश पर मजबूरी में ही काम कर रहे हैं। सभी दलों के कार्यकर्ता भी कोरोना के डर से अभी चुनाव नहीं चाहते, भले ही पार्टी के आदेश से बंधे होने के कारण खुलकर नहीं बोल रहे। ऐसे में चुनाव आयोग को पहल कर अभी चुनाव कराने से बचना चाहिए।'
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता प्रमोद सिंह टुन्ना का भी ऐसा ही कहना है। वे कहते हैं 'अभी चुनाव कराने का कोई मतलब नहीं। कोरोना के कारण लोगों का भविष्य ही अंधकारमय दिख रहा है। लोग किसी तरह इससे बचने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में चुनाव आयोग को पहल करनी चाहिए। चुनाव अगले वर्ष, जब महामारी का प्रकोप कम हो जाय, तबतक के लिए टाल देना चाहिए।'
उधर किशनगंज जिले में सात जुलाई से नौ जुलाई तक लागू लॉकडाउन को 12 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है। भागलपुर जिले में नौ जुलाई से 16 जुलाई की सुबह छह बजे तक लॉकडाउन लगाया गया है। पूर्णिया नगर निगम क्षेत्र में 10 से 16 जुलाई तक लॉक डाउन रहेगा। मोतिहारी जिले में 10 से 14 जुलाई तक लॉकडाउन रहेगा। बेतिया जिले में 9 जुलाई से अगले आदेश तक लॉकडाउन लागू रहेगा।