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Andhvishwas : स्पेस मिशन के दौरान NASA के वैज्ञानिक क्यों खाते हैं मूंगफली?
नासा के वैज्ञानिक भी अंधविश्वास में भरोसा करते हैं।
नई दिल्ली। मानव सभ्यता के इतिहास में अंधविश्वास ( Andhvishwas ) ऐसी चीज है जिससे बचना नामुमकिन जैसा है। ऐसा इसलिए कि आम लोगों की तो छोड़िए, विज्ञान के क्षेत्र में सिरमौर वैज्ञानिक व दुनिया के टॉप रिसर्च संस्थान से जुड़े लोग भी अंधविश्वास पर भरोसा करते हैं। इससेराष्ट्रीय वैमानिकी और अंतरिक्ष प्रशासन ( NASA ) के वैज्ञानिक भी अछूते नहीं हैं, बल्कि खास मिशनों के दौरान इस पर आंख मूंदकर भरोसा करते हैं। जबकि विज्ञान की खोज इसलिए हुई ताकि अंधविश्वास को ख़त्म किया जा सके,लेकिन जब विज्ञान ही अंधविश्वास में यकीन रखे तो आप क्या कहेंगे?
दरअसल, राष्ट्रीय वैमानिकी और अंतरिक्ष प्रशासन ( NASA ) अमेरिका के वैज्ञानिक अपने सभी मिशन के दौरान मुंगफली ( Peanuts ) खाते हैं। अब आपके मन में यह सवाल उठा रहा होगा कि भला वो इसे क्यों खाते है? ऐसे लोग तो कहते हैं कि अंधविश्वास पर ( Andhvishwas ) नहीं विज्ञान और तर्क पर भरोसा करो। ये बात पूरी तरह से सच है। इसके बावजूद जब भी नासा कोई मिशन ( NASA Mission ) की शुरुआत करता है तो वहां मौजूद सभी वैज्ञानिक मूंगफली खाते हैं। इसके पीछे वो तर्क देते हैं कि इससे उनका मिशन सफ़ल होता है। जबकि इसके पक्ष में उनके पास कोई तर्क नहीं है।
42 साल पहले हुई थी इसकी शुरुआत
नासा की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक मूंगफली खाने की शुरुआत 1960 के दशक से हुई थी। इसके पीछे वजह यह है कि नासा का लगातार 6 मिशन असफ़ल रहा था। जब नासा 7वां मिशन सफ़ल हुआ तो वहां के सभी वैज्ञानिक बेहद ख़ुश थे। वहीं, लैब में मौजूद एक वैज्ञानिक मूंगफली खा रहे थे। ऐसे में तय किया गया कि हर मिशन में सभी वैज्ञानिक मूंगफली खाएंगे। बस, तभी से ये परंपरा चली आ रही है।
इससे सभी वैज्ञानिकों को लगा कि मूंगफली खाने से सफ़लता मिलती है। इसी को ध्यान में रखते हुए नासा ने इसरो को भी मूंगफली खाने की सलाह दी थी। ताकि इसरो का अभियान सफल रहे। है न ये रोचक और चौंकाने वाली बात। दूसरी तरह सच यह है कि यह एक संयोग या इत्तफाक है। अगर इसको एक तथ्य मान लिया जाए तो फिर अंधविश्वास और विज्ञान में अंतर ही नहीं रह जाएगा।
ऐसा इसलिए कि हर कुरीतियों से बचने की सलाह खुद वैज्ञानिक आम लोगों को देते हैं। मगर, ये क्या नासा के वैज्ञानिक तो खुद अंधविश्वास पर भरोसा करते हैं या कहें कि वो इसका शिकार हैं। बता दें कि नासा अंतरिक्ष में नए ग्रहों की खोज करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी एजेंसी है। हालांकि, वो इसे एक मान्यता के रूप में लेते हैं, पर आम लोग भी अंधविश्वास के पीछे यही तर्क देते हैं।