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अंधविश्वास

अंधविश्वास : सगे भाई का कत्ल करने के बाद 4-5 दिन रहा लाश के साथ, करता रहा तंत्र-मंत्र से जिंदा करने का दावा

Janjwar Desk
19 Aug 2020 6:06 PM GMT
अंधविश्वास : सगे भाई का कत्ल करने के बाद 4-5 दिन रहा लाश के साथ, करता रहा तंत्र-मंत्र से जिंदा करने का दावा
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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी (photo : NBT)

तंत्र-मंत्र से शिवलिंग की प्राप्ति का दावा करते हुए 5 दिनों से दो सगे भाई घर में मंत्रोच्चारण कर रहे थे, जिसमें फूलचंद रावत नाम के शख्स ने बाद में अपने बड़े भाई बृजेश को मौत के घाट उतार दिया...

जनज्वार। समाज में अंधविश्वास के नाम पर ऐसी-ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है, जिन पर सहज विश्वास करना बहुत मुश्किल होता है। अंधविश्वास में इंसानी रिश्तों के साथ—साथ रिश्तों का भी खून होते देखा जा सकता है। कहीं पति पत्नी का कत्ल करता है तो कहीं पत्नी पति को मरवा देती है। यहां तक कि अपने बच्चों तक का कत्ल अंधविश्वास के नाम पर कर दिया जाता है। वैज्ञानिक चेतना के अभाव में डायन-बिसही, जादू-टोना के नाम पर हत्यायें हमारे समाज का सच बन चुकी हैं।

ऐसी ही एक घटना उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित इटौंजा थाना क्षेत्र के उसरना गांव का में सामने आयी है। यहां एक व्यक्ति ने अंधविश्वास के नाम पर अपने भाई का कत्ल किया और फिर उसे जिंदा करने का ढोंग करते हुए 5 दिन लाश के साथ न सिर्फ रहा, बल्कि परिजनों को जबरन घर में कैद करके फुसलाता रहा कि वह उसे जिंदा कर देगा।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक तंत्र-मंत्र से शिवलिंग की प्राप्ति का दावा करते हुए 4-5 दिनों से दो सगे भाई घर में मंत्रोच्चारण कर रहे थे, जिसमें फूलचंद रावत नाम के शख्स ने बाद में अपने बड़े भाई बृजेश को मौत के घाट उतार दिया।

आरोपी फूलचंद रावत मरने के बाद बृजेश को जिंदा करने का दावा कर मृतक बृजेश की पत्नी और घर में मौजूद अन्य परिजनों को लगातार भ्रमित कर रहा था। परिजनों को अंधविश्वास का डर दिखा और जबरन घर में कैद कर आरोपी फूलचंद रावत अपने मृत भाई के शरीर के साथ कई दिनों तक साधना का ढोंग करता रहा। पुलिस इस मामले में बृजेश की पत्नी और उसके 3 बच्चों से भी पूछताछ कर रही है।

उसने घरवालों को धमकाया भी था कि अगर किसी ने उसकी तंत्र क्रिया में बाधा डाली तो उसका नाश हो जाएगा। इसके बाद वह शव को लेकर एक कमरे में बंद हो गया।

इस मामले को लेकर एसपी ग्रामीण आदित्य लांघे कहते हैं कि जब वह सूचना पाकर मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने फूलचंद से दरवाजा खोलने की बात कही, लेकिन उसने दरवाजा खोलने से मना कर दिया। इसके बाद पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से दरवाजा तोड़ दिया और देखा कि फूलचंद अपने मरे हुए भाई के शव के बगल में बैठ तंत्र साधना कर रहा था। इसके बाद जब पुलिस फूलचंद को गिरफ्तार कर ले जाने लगी, तो ग्रामीणों ने उसे मारने के लिए दौड़ा लिया, लेकिन पुलिस ने भीड़ को समझाकर शांत करवा दिया। उन्होंने कहा कि फिलहाल इस मामले में आगे की जांच की जा रही है।

यह मामला तब सामने आया जब कई दिनों से कमरे में पड़ी लाश की बदबू आसपास के माहौल में फैल गयी और पड़ोसियों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया। बदबू फैलने पर आस पड़ोस के लोगों ने डायल 112 पर फोन कर पुलिस को सूचना दी कि फूलचंद रावत के घर से बहुत बुरी बदबू आ रही है।

घटनास्थल पर पर पहुंची पुलिस ने बड़ी मुश्किल से अपने भाई को मौत के घाट उतारने वाले फूलचंद के घर का दरवाजा खुलवाया। मौका-ए-वारदात से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी फूलचंद ने बृजेश के शव को कपड़ा डालकर जला दिया था और यह शव 5 से 6 दिन पुराना बताया जा रहा है।

इस मामले की जांच कर रही पुलिस का कहना है कि उसने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच की जा रही है। आसपास के लोगों से इस मामले में जांच की जा रही है। हमने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

मामले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर इटौंजा नंदकिशोर ने मीडिया से कहा, 'यह मामला इटौंजा थाना क्षेत्र के उसरना गांव का है, जहां पर लगभग 4 दिन बाद बृजेश नाम के मृत व्यक्ति का शव बरामद किया गया है। परिवार का कहना है कि बृजेश रावत की मौत 4 दिन पहले बीमारी से हुई थी, लेकिन इस मामले की गंभीरता को समझते हुए अभी पुलिस घरवालों से पूछताछ और मामले की जांच करने में जुटी है।'

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