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Delhi News : 'दिल्ली का नाम बदल कर इंद्रप्रस्थ रखने से होगी बारिश, बदलेगा मौसम', भीषण गर्मी पर बोले स्वामी चक्रपाणि महाराज
Delhi News : 'दिल्ली का नाम बदल कर इंद्रप्रस्थ रखने से होगी बारिश, बदलेगा मौसम', भीषण गर्मी पर बोले स्वामी चक्रपाणि महाराज
Delhi News : एक तरफ जहां राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में लगातार बढ़ रही भीषण गर्मी ने लोगों का घर से निकलना मुश्किल कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ अखिल भारतीय हिंदू महासभा (Akhil Bhartiya Hindu Parishad) के अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज (Chakrapni Maharaj) ने कहा है कि दिल्ली का नाम बदल देने से यहां के मौसम का मिजाज बदल जाएगा।
दिल्ली का नाम बदल कर किया जाए इंद्रप्रस्थ
दरअसल अखिल भारतीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज ने कहा है कि दिल्ली का नाम बदलकर इंद्रप्रस्थ किया जाए क्योंकि नाम का बहुत महत्त्व होता है, अगर दिल्ली का नाम बदलकर इंद्रप्रस्थ किया जाएगा तो यहां बारिश भी होगी और खुशहाली भी आएगी।
नाम बदलने का प्रस्ताव रखेंगे केंद्र के सामने
अखिल भारतीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज आगे कहते है कि जब देश का दिल यानी राजधानी खुशहाल रहेगी तो पूरा देश ही खुशहाल होफा। तोमरवंश के राजा थे, जिनके महल का पाइप ढीला था, जिससे उन्होंने इसका नाम ढीली रख दिया था, जो बाद में दिल्ली हो गया। उन्होंने आगे कहा कि हमारे घर में जब बच्चा होता है तो उसका नाम भी हम संस्कारों के हिसाब से रखते हैं और यहां तो राजा का पाइप ढीला हो गया तो ढीला से ढीली हो गया और ढीली से दिल्ली हो गया, इसलिए इसका नाम बदलना चाहिए। इसके लिए हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे और मामले को केंद्र सरकार के समने रखेंगे।
विवादों में रहते हैं चक्रपाणि महाराज
बात दें कि अक्सर विवादों में रहने वाले हिंदू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज (Chakrapani Maharaj) ने इससे पहले केंद्र सरकार के गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को लिखे एक पत्र में जेएनयू का नाम बदलने की मांग कर डाली थी। पत्र में मांग की गई है कि जेएनयू का नाम बदलकर वीर सावरकर विश्वविद्यालय रखा जाए।
उन्होंने पत्र में लिखा है था कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुछ अलगाववादी व टुकड़े-टुकड़े गैंग द्वारा राष्ट्र विरोधी तत्वों के मिलीभगत से ऐसा प्रतीत होता है कि पाकिस्तान के इशारे पर कभी देश के खिलाफ नारे लगाए जाते हैं तथा देश के टुकड़े-टुकड़े करने की बात की जाती है। कभी हिंदू देवी-देवताओं का अपमान तो कभी हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के अग्रणी वीर सावरकर का अपमान किया जाता है।