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अंधविश्वास

चम्पावत में 315 बोर के तमंचे से बाबा ने खुद उड़ा डाला अपना भेजा, प्रॉपर्टी विवाद के चलते आश्रम के बाथरूम में उठाया कदम

Janjwar Desk
4 Feb 2023 3:15 PM GMT
चम्पावत में 315 बोर के तमंचे से बाबा ने खुद उड़ा डाला अपना भेजा, प्रॉपर्टी विवाद के चलते आश्रम के बाथरूम में उठाया कदम
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Champawat news : बाबा के काफी सारे आश्रम हैं। एक आश्रम नेपाल में भी है, बताया जा रहा है कि बाबा काफी प्रॉपर्टी वाले थे, जिस कारण बाबा की मौत का यह मामला फिलहाल इन्हीं आश्रमों से जुड़ी प्रॉपर्टी विवाद से जुड़ा नजर आ रहा है...

Champawat news : उत्तराखंड के साधु संतों के रहस्यमयी संसार में होने वाली घटनाओं की अगली कड़ी में जनपद चम्पावत के पाटी थाना क्षेत्र के वारसी गांव में एक बाबा ने बाथरूम के अंदर 315 बोर के अवैध तमंचे से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। आश्रम में गैर कानूनी हथियार से हुए घटनाक्रम से इलाके भर के लोग सकते में आ गए हैं। ग्राम प्रधान खीमानंद जोशी की सूचना पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। पाटी थाने के एसओ देवनाथ गोस्वामी के नेतृत्व में पहुंची पुलिस ने बाबा के शव को कब्जे में लेकर घटनास्थल का सघन मौका मुआयना किया है।

एसओ गोस्वामी ने बताया है कि वारसी गांव की पाताल रुद्रेश्वर गुफा में रहने वाले वाले ओशो पंथी बाबा सौरभ तिवारी उर्फ ध्यान योगी (निवासी उतरेहा गहनदो लखनऊ, उत्तर प्रदेश) ने 315 बोर के तमंचे से गुफा के बाहर बने बाथरूम में अपने माथे में शुक्रवार 3 फरवरी की देर रात गोली मारकर आत्महत्या कर ली। एसओ गोस्वामी के मुताबिक बाबा ध्यान योगी की जेब से सुसाइड नोट के साथ-साथ पुलिस ने मौके से 315 बोर का तमंचा, तमंचा के चेंबर में कारतूस का खोखा तथा 4 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं।

मौका मुआयना की कार्यवाही के बाद पुलिस ने बाबा की लाश को कब्जे में लेकर पंचायतनामा भरते हुए शनिवार 4 फरवरी को लोहाघाट अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बाबा की जेब से मिले सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस मामले की जांच की जा रही है। बाबा के पास तमंचा कहां से आया है, इसकी भी जांच की जाएगी। इसके अलावा पुलिस की जांच का फोकस इस बात पर भी है कि कहीं आश्रम को गैरकानूनी हथियारों का जखीरा छिपाने का अड्डा तो नहीं बना रखा था। बाबा के पास अवैध तमंचा व जिंदा कारतूस होने से पुलिस सकते में है।

इस मामले में बाबा के शिष्य ने बताया बाबा एक हफ्ता पहले ही रानीबाग आश्रम से वारसी गांव आए थे। उनके द्वारा चलथीया गांव में एक आश्रम का निर्माण कार्य करवाया जा रहा था। बाबा के इस शिष्य के मुताबिक बाबा के काफी सारे आश्रम हैं। एक आश्रम नेपाल में भी है। बताया जा रहा है कि बाबा काफी प्रॉपर्टी वाले थे, जिस कारण बाबा की मौत का यह मामला फिलहाल इन्हीं आश्रमों से जुड़ी प्रॉपर्टी विवाद से जुड़ा नजर आ रहा है।

ग्रामीणों के मुताबिक बाबा बीच-बीच में आश्रम निर्माण की देखभाल के लिए वारसी गांव आया जाया करते थे। बाबा द्वारा गोली मारकर खुदकुशी करने से क्षेत्र में सनसनी फैली हुई है। दबी जुबान में ग्रामीणों के बीच बाबा के इस आश्रम को लेकर भी कई चर्चाएं चल रही हैं।

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