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कोविड -19

कोरोना से मरने वालों में तीसरे नंबर पर भारतीय पत्रकार, हर रोज औसतन 3 गंवा रहे कोविड से जान

Janjwar Desk
6 May 2021 5:13 AM GMT
कोरोना से मरने वालों में तीसरे नंबर पर भारतीय पत्रकार, हर रोज औसतन 3 गंवा रहे कोविड से जान
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प्रतीकात्मक तस्वीर

कोरोना से हमारे देश में पत्रकार केवल मर ही नहीं रहे, बल्कि सरकार और पुलिस का अत्याचार भी सह रहे हैं, वर्ष 2020 के मार्च से जुलाई महीने के बीच 50 से अधिक पत्रकारों को कोरोना की हकीकत दिखाने के लिए पुलिसिया ज्यादतियां सहनी पड़ीं...

वरिष्ठ लेखक महेंद्र पाण्डेय की टिप्पणी

जनज्वार। पूरी दुनिया के पत्रकारों के लिए कोविड 19 जैसी वैश्विक महामारी की रिपोर्टिंग एक एकदम नया, बेहद चुनौतीपूर्ण और खतरनाक काम रहा है। कोविड 19 की रिपोर्टिंग के दौरान संक्रमण का जोखिम हमेशा बना रहता है, यह जानते हुए भी पूरी दुनिया के पत्रकारों ने इसके हरेक पहलू को लगातार उजागर किया है। जाहिर है कोविड 19 से दुनियाभर में पत्रकार संक्रमित भी हुए और अनेक की मृत्यु भी हो गयी।

स्विट्ज़रलैंड की संस्था प्रेस एंब्लेम कैंपेन के अनुसार कोविड 19 के कारण 1 मार्च 2020 से 26 अप्रैल 2021 के बीच दुनियाभर के 76 देशों में कुल 1184 पत्रकारों की मृत्यु दर्ज की गयी है, जिसमें से 107 पत्रकारों की मृत्यु भारत में हुई है। भारत से आगे केवल दो देश हैं – 181 पत्रकारों की मौत के साथ ब्राज़ील और 140 मौतों के साथ पेरू। इसके बाद मेक्सिकों में 106 मृत्यु, इटली में 56 और बांग्लादेश में 51 पत्रकारों की मृत्यु कोविड 19 से संक्रमित होने के कारण दर्ज की गयी है।

प्रेस एंब्लेम कैंपेन के अनुसार अप्रैल 2021 के दौरान भारत में हरेक दिन औसतन तीन पत्रकारों की मृत्यु कोविड 19 के कारण हो गयी है। हालत यहाँ तक खराब हैं कि 28 अप्रैल को एक दिन में ही 6 पत्रकारों – जयपुर के अनिल बिश्नोई, हैदराबाद के श्रीधर, घज़ाबाद के राजू मिश्र, ग्वालियर के अलोक सक्सेना, मंचेरिअल के श्रीनिवास और मंचेरिअल के ही सम्मी रेड्डी – की मृत्यु की खबर प्रकाशित हुई।

दिल्ली के इंस्टिट्यूट ऑफ़ परसेप्शन स्टडीज ने भी कोविड 19 से मरने वाले पत्रकारों के समाचारों का विश्लेषण किया है। इनके अनुसार 1 मार्च 2020 से 28 अप्रैल 2021 के बीच देश में कोविड 19 से संक्रमण के बाद कुल 101 पत्रकारों की मृत्यु हो चुकी है – इसमें से वर्ष 2020 में 43 पत्रकारों की और वर्ष 2021 में 56 पत्रकारों की मृत्यु हो गयी। कोविड 19 के सन्दर्भ में पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक महीना अप्रैल 2021 रहा, जबकि केवल 28 दिनों के भीतर ही 52 पत्रकारों की मृत्यु हो गयी।

कोविड 19 से पत्रकारों की मृत्यु के सन्दर्भ में पहला स्थान उत्तर प्रदेश का है, जहां कुल 19 मौतें दर्ज हैं, इसके बाद 17 मृत्यु के साथ तेलंगाना और 13 पत्रकारों की मृत्यु के साथ महाराष्ट्र का स्थान है। दिल्ली में 8, ओडिशा में 9 और आंध्र प्रदेश में 6 पत्रकारों की मृत्यु कोविड 19 के कारण हुई है।

कोविड 19 से पत्रकारों की मौत के सन्दर्भ में छोटे समाचारपत्र या वेब न्यूज़ पोर्टल के पत्रकारों की संख्या अधिक है। दरअसल बड़े मीडिया घरानों के पत्रकारों और सहयोगी कर्मचारियों के पास बेहतर सुरक्षा इंतजाम होते हैं और परिवहन के साधन भी बेहतर होते हैं, जबकि छोटे समाचारपत्र या न्यूज़ पोर्टल के पत्रकार साधारण सुरक्षा इंतजाम के कारण कोविड 19 की चपेट में ज्यादा आ रहे हैं।

दूसरा कारण यह भी है कि कोविड 19 के दौर में बड़े मीडिया घराने केवल सरकार का पक्ष बता रहे हैं, जबकि छोटे समाचारपत्रों और न्यूज़ पोर्टल के पत्रकार और कैमरामैन अधिक मेहनत कर रहे हैं और दूरदराज के इलाकों से भी कोविड 19 की सही स्थिति दिखाने का प्रयास कर रहे हैं।

कोविड 19 से पत्रकार केवल मर ही नहीं रहे हैं, बल्कि सरकार और पुलिस का अत्याचार भी सह रहे हैं। वर्ष 2020 के मार्च से जुलाई महीने के बीच ही 50 से अधिक पत्रकारों को कोविड 19 की सही स्थिति दिखाने के लिए पुलिस और सरकार की ज्यादतियों का सामना करना पड़ा था।

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