भाेपाल मेमारियल अस्पताल में कोरोना से मरी महिला के साथ हुआ था बलात्कार, 1 महीने बाद भी परिवार को नहीं पता
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भोपाल, जनज्वार। कोरोना की भयावहता के बीच जहां एक ओर आपदा को अवसर बनाने यानी मरीजों और उनके परिजनों को लूटने का सिलसिला जारी है तो वहीं महिलाओं के साथ होने वाली ज्यादतियां भी बढ़ती जा रही हैं। अस्पतालों में भर्ती महिला मरीजों या फिर मरीजों के साथ आयीं महिलाओं के साथ अश्लीलता की कई घटनायें मीडिया की सुर्खियां बनते रहती हैं।
ऐसा ही एक मामला भोपाल में सामने आया है, जिसका खुलासा महिला मरीज की मौत के एक माह बाद हो पाया है। मीडिया में आई जानकारी के मुताबिक निशातपुरा स्थित भोपाल मेमोरियल अस्पताल में भर्ती एक कोविड पॉजिटिव 46 वर्षीय महिला के साथ वार्ड बॉय ने बलात्कार किया था। बलात्कार के बाद महिला की तबीयत ज्यादा खराब हो गयी तो उसे वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया और अगले ही दिन कोरोना पॉजिटिव महिला की मौत हो गई। परिजन महिला की मौत को सामान्य कोरोना मौत मानकर चल रहे थे, जबकि इसका खुलासा होने के बाद उन्हें पता चल पाया कि महिला के साथ वार्डबॉय ने बलात्कार किया था।
महिला के साथ बलात्कार की घटना पिछले माह छह अप्रैल की बतायी जा रही है। पुलिस ने इस मामले में अब बलात्कार का मामला दर्ज किया है। इस मामले में अस्पताल ने अपनी इज्जत बचाने के नाम पर परिजनों को भी इस बात की जानकारी नहीं दी कि महिला के साथ बलात्कार किया गया था, जबकि महिला अपनी मौत से पहले उसके साथ किये गये दुष्कर्म के बारे में अस्पताल की ही एक महिला कर्मचारी को बता चुकी थी, जो उसी वार्ड में भर्ती थी।
मीडिया में आ रही जानकारी के मुताबिक आरोपी वार्डबॉय ने चेकअप के नाम पर महिला का बलात्कार किया था। अस्पताल प्रबंधन ने अपनी शिकायत में पुलिस को यह जानकारी दी थी, मगर सवाल उठ रहा है कि जब अस्पताल प्रबंधन इस घटना की जानकारी पुलिस को देकर वार्डबॉय को गिरफ्तार करवा चुका था तो महिला के परिजनों को इस बात की जानकारी क्यों नहीं दी।
नवभारत में प्रकाशित खबर के मुताबिक, एक स्थानीय अखबार से बात करते हुए इस मामले के जांच अधिकारी बनवारी लाल ने कहा कि मैं पीपीई किट पहनकर महिला का बयान लेने गया था, मगर उसकी हालत नहीं ठीक थी, इसलिए बयान नहीं ले पाया। आईओ ने कहा कि टीआई साहब से बात कर पूछेंगे कि महिला के परिजनों को जानकारी देनी है कि नहीं। इस पूरे विवाद पर अस्पताल प्रबंधन का कोई पक्ष नहीं आया है।
कुछ दिन पहले ग्वालियर में भी प्राइवेट अस्पताल के वॉर्डबॉय ने एक महिला से रेप की कोशिश की थी। इससे पहले इंदौर में एक वॉर्डबॉय पर छेड़छाड़ का केस दर्ज हुआ था।
मीडिया के हवाले से आई जानकारी के मुताबिक भोपाल में 46 वर्षीय एक महिला को अप्रैल माह के पहले सप्ताह में काेराेना पॉजिटिव पाये जाने के बाद भाेपाल मेमाेरियल ट्रस्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसी दौरान हॉस्पिटल की लैब में काम करने वाली 24 वर्षीय युवती भी कोरोना संक्रमित हाेने के कारण काेविड वार्ड में भर्ती थी।
पुलिसिया पड़ताल में सामने आया कि पांच-छह अप्रैल की रात करीब तीन बजे अस्पताल का वार्डबॉय संताेष कोरोना मरीज महिला के पास पहुंचा था। वह उसे जांच के बहाने से सहारा देकर टाॅयलेट तक लेकर गया था। वहां से वापस लेकर आने के बाद महिला के पलंग पर उसने महिला का बलात्कार किया। इस बारे में पीड़िता ने वार्ड में मौजूद अटेंडर काे बताया था। जानकारी के मुताबिक महिला से बलात्कार करने के आधा घंटे बाद संताेष पास के वार्ड में भर्ती अस्पताल की कोरोना पॉजिटिव महिला कर्मचारी के पास पहुंचा था और उसने युवती को छुआ तो वह जग गयी।
नई दुनिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक महिला कर्मचारी ने संताेष से वहां आने की वजह पूछी ताे वह चेकअप करने के लिए आने की बात कहकर वहां से चला गया।। इस घटना के बारे युवती ने घटना के बारे में अपनी सहेली काे बताया। इसके बाद फाेन पर पुलिस कंट्राेल रूम में घटना की शिकायत की थी। फाेन पर जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पहुंची और सात अप्रैल काे आराेपित संताेष अहिरवार काे गिरफ्तार कर लिया गया।
अस्पताल प्रबंधन से दुष्कर्म की घटना के बारे में पता चलने पर पुलिस पीड़ित महिला का बयान लेने अस्पताल पहुंची थी, मगर छह अप्रैल की सुबह हालत खराब हाेने के कारण महिला को वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया था और शाम काे महिला की मौत हाे गई।
इतनी बड़ी घटना घटना के बावजूद अस्पताल ने महिला की लाश तो परिजनों को सौंप दी, मगर बलात्कार की घटना के बारे में परिवार को जानकारी तक देना मुनासिब नहीं समझा।