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कोविड -19

पीएम केयर फंड में 2.5 लाख देने वाले की मां की इलाज के अभाव में मौत, पूछा और कहां दें चंदा जो न हो घर में अगला हादसा

Janjwar Desk
25 May 2021 7:51 AM GMT
पीएम केयर फंड में 2.5 लाख देने वाले की मां की इलाज के अभाव में मौत, पूछा और कहां दें चंदा जो न हो घर में अगला हादसा
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(विजय पारिख ने 10 जुलाई 2020 को पीएम केअर्स फंड में 2 लाख 51 हजार रुपये दान किए थे।)

विजय पारिख ने अपने ट्वीट में लिखा है कि 2 लाख 51 हजार रुपए का डोनेशन देने के बाद भी मैं अपनी मां को हॉस्पिटल बेड नहीं दिला पाया। कृपया बताएं कि मुझे कोरोना की तीसरी लहर में बर्थ रिजर्व कराने के लिए कितना और डोनेट करना होगा...

जनज्वार डेस्क। कोरोना महामारी के नाम पर शुरु किया गया पीएम केयर्स फंड शुरुआत से ही विवादों में रह है। बीते साल आरटीआई के दायरे में न आने पर इसकी पारदर्शिता पर तब खूब सवाल उठे थे तब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि यह एक पब्लिक अथॉरिटी नहीं है।

इसके बाद सरकार के समर्थकों की ओर से सोशल मीडिया पर कहा जाता था कि जिन लोगों ने पीएम केयर्स में एक भी रुपया जमा नहीं करवाया वो हिसाब मांग रहे हैं। लेकिन इस बार पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के एक कट्टर समर्थक ने ही हिसाब मांगा है।

दरअसल अहमदाबाद के रमेशभाई विजय पारिख नाम के एक व्यक्ति का ट्वीट तेजी से वायरल हो रहा है। विजय पारिख मोदी सरकार समर्थक रहे हैं। उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान अपनी मां को खो दिया है। लिहाजा दुखी होकर एक ट्वीट किया है जिसमे उन्होंने पीएम केयर्स में ढाई लाख रुपये दान करने का एक स्क्रीनशॉट भी लगाया हुआ है।

विजय पारिख ने अपने ट्वीट में लिखा है- '2 लाख 51 हजार रुपए का डोनेशन देने के बाद भी मैं अपनी मां को हॉस्पिटल बेड नहीं दिला पाया। कृपया बताएं कि मुझे कोरोना की तीसरी लहर में बर्थ रिजर्व कराने के लिए कितना और डोनेट करना होगा ताकि मैं अपने परिवार के किसी दूसरे सदस्य को न खो दूं।' विजय ने इस ट्वीट को पीएमओ, राजनाथ सिंह, आरएसएस, स्मृति इरानी और राष्ट्रपति भवन को भी टैग किया है।

वरिष्ठ पत्रकार रविश कुमार ने लिखा- 'अहमदाबाद के रमेशभाई विजय पारिख ने पीएम केयर्स में ढाई लाख रुपये दान किए थे। उनकी माँ को अस्पताल में बिस्तर नहीं मिला। लिख रहे हैं कि कृपया बताइये कि तीसरी लहर के लिए कितना दान करें कि बिस्तर मिल जाए।'

'इन सिसकियों को सुन कौन रहा है? नए विवादों को उस मोड़ पर पहुँचा दिया गया है जहां से इन्हें जल्दी केंद्र में लाया जाएगा। अख़बार और चैनल के पाठक और दर्शक हर दिन एक नई हेडलाइन और डिबेट की तलाश में घूम जाएँगे। जिन पर बीती है वो वहीं रह जाएँगे। शायद वो भी कुछ नया खोजने लगेंगे। हालात फिर से जस के तस रह जाएँगे।'

विजय पारिख की ट्वीटर टाइमलाइन देखने से पता चलता है कि वह करीब एक दशक से ट्विटर पर हैं। ट्वीटर पर कम सक्रिय रहते हैं। लेकिन जब भी ट्वीटर पर आए तो मोदी सरकार के हर फैसले की सराहना की। नोटबन्दी के फैसले को उन्होंने कालेधन पर सर्जिकल स्ट्राइक बताया था।

एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को मोदी से प्रेरित बताया था। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा था- 'ट्रंप मोदी से प्रेरित हैं। अबकी बार ट्रंप सरकार।'

विजय पारिख के ट्वीट पर खबर लिखे जाने तक 33 हजार से ज्यादा लाइक्स, 14 हजार से ज्यादा ट्वीट्स और करीब ढाई हजार कमेंट्स आ चुके हैं। पारिख से कई यूजर्स पैसे वापस मांगने का आह्वान कर रहे हैं। हालांकि पारिख कह रहे हैं- पैसा कोई मुद्दा नहीं है। मैं अपनी सारी बचत दान कर सकता हूं अगर कोई यह सुनिश्चित कर सकता है कि अब किसी वजह से किसी को कष्ट नहीं होगा। और मेरे जैसे और भी बहुत होंगे।


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