कोरोना से कम इंजैक्शन-आक्सीजन की कालाबाजारी से हो रही भारत में ज्यादा मौतें
जनज्वार डेस्क। देश में बढ़ते कोरोना केसों के बीच दवाओं की कालाबाजारी में भी तेजी देखने को मिल रही है। कोरोना के इलाज में बेहद अहम माने जा रहे रेमेडिसविर इंजेक्शन की मांग भी बढ़ गई है। इंजेक्शन की बढ़ती मांग को देखते हुए इसकी कालाबाजारी की खबरें भी सामने आ रही हैं। अब ताजा मामला राजधानी दिल्ली का है जहां, कोरोना के इलाज में इस्तेमाल हो रहे रेमेडिसविर की कालाबाजारी के आरोप में दो शख्स को गिरफ्तार किया गया है।
दिल्ली के विवेक विहार के रहने वाले बसंत गोयल को उसके कर्मचारी रामावतार शर्मा के साथ रेमडेसिविर की कालाबाजारी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी बसंत गोयल दिल्ली स्थित गोयल मेडिकोज के मेडिकल स्टोर का मालिक है. जो राजस्थान के अलवर जिला के अंतर्गत खाखावाली गांव का रहने वाला है। बसंत गोयल दिल्ली में लोनी रोड स्थित दुर्गापुरी एक्सटेंशन में गोयल मेडिकोज नाम का मेडिकल स्टोर चला रहा था।
वहीं रामावतार शर्मा पिछले 7 सालों से बसंत गोयल के यहां काम कर रहा था। बसंत गोयल के खिलाफ दर्ज हुई शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की और बसंत गोयल को शिकंजे में लिया। वहीं अब मामले की तह तक पहुंचने के लिए क्राइम ब्रांच बसंत गोयल से जुड़े अन्य लोगों से भी पूछताछ कर रही है। इससे पहले गुजरात के वलसाड जिले में भी रेडमेसिविर कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी को इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
देश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के बाद मिलावट की भी खबरें आने लगी है। कर्नाटक पुलिस ने मैसूर से एक ऐसे नर्स को गिरफ्तार किया है जो रेमडेसिविर इंजेक्शन की शीशी में सलाइन और एंटीबायोटिक्स मिला कर बेच रहा था। व्यक्ति ने खुलासा किया है कि वह अपने साथियों के साथ पिछले साल से ऐसा कर रहा है।
कोरोना काल में सामान्य शवों के दाह-संस्कार के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। ऐसे में हैदराबाद के एक कपल ने 'फ्यूनेरल सेवा सर्विसेज' लॉन्च की है। इसके तहत घर से शव को उठाने के लिए गाड़ी के इंतजाम, पंडित की व्यवस्था, दाह-संस्कार के सामान, लकड़ी आदि की पूरी व्यवस्था कंपनी करेगी। कॉरपोरेट स्टाइल में बनाये गये इस फर्म में बिजनेस मैनेजर से लेकर लोकल एजेंट्स और सपोर्ट स्टाफ हैं, जो सभी चीजों की व्यवस्था करते हैं। दाह-संस्कार के लिए 30 से 35 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं।
चेन्नई, दिल्ली, जयपुर, हैदराबाद समेत देश के 10 शहरों में कंपनी अपनी सेवा उपलब्ध करवा रही है। दाह-संस्कार के लिए कंपनी में पहले रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। कंपनी के पास पैक भी उपलब्ध है गोल्ड और बेसिक। कोविड मरीजों के दाह-संस्कार के लिए कंपनी 30 हजार रुपये ले रही है। गोल्ड पैक के तहत कंपनी 85 हजार तक वसूल रही है।
कोरोना के इलाज के नाम पर कई अस्पताल लोगों को लूटने का काम कर रहे हैं। देश भर में ऐसे मामले सामने आए हैं जहां अस्पताल कोरोना मरीजों का लाखों रुपये बिल बना रहे हैं। खास बात ये है कि बिलों में ऐसे चार्ज लगाए जा रहे हैं जिनके बारे में पहले कभी सुना नहीं गया होगा।
अस्पतालों द्वारा उल्टे-सीधे चार्ज लगाकर मोटे बिल वसूलने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कुछ ऐसे बिल सामने आए हैं जिनमें हॉस्पिटल वाले ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमत 4000 रुपये वसूल रहे हैं, जबकि इनकी असल कीमत 150 रुपये के आसपास है।
हॉस्पिटल बायोडिग्रेडेबल वेस्ट चार्ज, मॉनिटर चार्ज, हाइजीन चार्ज, न्यूट्रिशन कंसलटेंट चार्ज, पीपीई किट और गल्व्स के नाम पर उल्टे-सीधे चार्ज वसूले जा रहे हैं। देखने में आया है कि एक पीपीई किट में डॉक्टर कई मरीजों को देखता है, लेकिन किट का चार्ज हर मरीज से अलग-अलग वसूला जाता है।