EPFO : मोदी सरकार ने 6 करोड़ लोगों को दिया बड़ा झटका, 45 साल में ब्याज दर सबसे कम
6 करोड़ नौकरीपेशा लोगों को मोदी सरकार ने बड़ा झटका दिया।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों विधानसभा चुनाव समाप्ति का असर शुरू हो गया है। केंद्र सरकार ने पीएफ पर मिलने वाली ब्याज दरों को कम कर 8.5 फीसदी से 8.1 फीसदी कर दिया है। सरकार के इस फैसले से 6 करोड़ से ज्यादा लोगों को झटका लगा है। मोदी सरकार के इस फैसले ने नौकरीपेशा लोगों ( employed ) की चिंता बढ़ाने वाला काम किया है। संभावना तो यह जताई जा रही थी कि मोदी सरकार विधानसभा चुनाव समाप्त होते ही सबसे पहले रसोई गैस, पेट्रोल या डीजल के दाम बढ़ाने का काम करेगी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। केंद्र सरकार ने पीएफ पर नौकरीपेशा लोगों को मिलने वाली ब्याज दरों को घटा दिया है। घरेलू गैस, पेट्रोल ओर डीजल पर भी बहुत जल्द दाम बढ़ने की संभावना है।
अब पीएफ पर मिलेगा कम ब्याज
इस मामले में ताजा अपडेट यह है कि कर्मचारी भविष्य निधि ईपीएफओ ने ब्याज दर 8.5 प्रतिशत से घटाकर 8.1 फीसदी कर दी है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( EPFO ) ने शनिवार को चालू वित्त 2021-22 के लिए भविष्य निधि जमा पर 8.1 प्रतिशत ब्याज दर का भुगतान करने का निर्णय लिया है। यह एक दशक में सबसे कम ब्याज दर है।
श्रम मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने वित्त वर्ष 2021-2 के लिए 8.1% की ब्याज दर की सिफारिश करने का फैसला किया है। ईपीएफओ बोर्ड की सिफारिश जल्द ही वित्त मंत्रालय को भेज दी जाएगी। EPFO के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक गुवाहाटी में हुई। एंप्लॉयी प्रोविडेंट ऑर्गेनाजेशन का ये फैसला यकीनन नौकरीपेशा लोगों के लिए किसी झटके से कम नहीं है। EPFO के इस फैसले से करीब 6 करोड़ लोगों को झटका लगा है।
42 साल का रिकॉर्ड टूटा
केंद्र सरकार ने निराश करने वाला यह फैसला उस समय लिया है जब देशभर में लोग महंगाई से जूझ रहे हैं। ऐसे मुश्किल हालातों में भी सरकार ने PF पर मिलने वाला ब्याज घटा दिया है। चालू वित्त वर्ष 1977-78 में EPFO ने 8% ब्याज दर तय किया था। उसके बाद अब जाकर इतना कम ब्याज मिल रहा है। अभी तक 8.25% या इससे ज्यादा ब्याज मिलता रहा है।