India Retail Inflation: मोदी-राज में महंगाई ने तोड़ा 8 साल का रिकॉर्ड, खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7.79% हुई
India Retail Inflation: भारत (India) में महंगाई की मार आम आदमी पर हर महीने पड़ रही है। अब बीते 8 साल में खुदरा महंगाई ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है। ताजा आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 7.79 फीसदी पर पहुंच गई। इसमें खाद्य पदार्थों और तेल की कीमतों में आई तेजी को बताया जा रहा है। महंगाई भारत में ही नहीं दुनिया के अन्य देशों में भी दिखाई दे रही है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, खुदरा महंगाई अप्रैल में 7.79 फीसदी के उच्च स्तर पर पहुंच गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई इस साल मार्च में 6.95 फीसदी और अप्रैल 2021 में 4.23 फीसदी दर्ज हुई है। खुदरा महंगाई का यह स्तर मई 2014 के बाद से अब तक का सबसे ऊंचा स्तर दर्ज कर गई है।
पेट्रोल-डीजल, एलपीजी, सीएनजी, पीएनजी, खाद्य तेल की कीमतों में अप्रैल माह में खूब बढ़ोत्तरी हुई। इससे ये आशंका बनी हुई थी कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों में बढ़ोत्तरी होगी। इसी आशंका में आज सेंसेक्स और निफ्टी में शुरूआती सत्र में ही तेज गिरावट दर्ज की गई और बीएसई सेंसेक्स 1158 अंक, निफ्टी 359 अंक गिरकर बंद हुआ। मंत्रालय की ओर से खुदरा महंगाई दर के जारी किये गए आंकड़ों से ये आशंका सच साबित हुई कि आम जनता यूँ ही नहीं त्राहि-त्राहि कर रही है। दरअसल जनता की जेब महगाई के चलते ढीली हो गई है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2 से 6 फीसदी तक महंगाई दर की लिमिट तय कर रखी है। लेकिन अप्रैल माह में देश में महंगाई दर आरबीआई की ओर से तय की गई लिमिट से बहुत आगे निकल गया। हालांकि ये लगातार चौथा महीना है जब देश में खुदरा महंगाई दर आरबीआई की तय की गई सीमा से आगे निकल गया है। ऐसे में खुदरा महंगाई को नियंत्रित करने का आरबीआई पर दबाव बढ़ गया है। आर्थिक क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में महंगाई को काबू में रखने के लिए रिज़र्व बैंक ब्याज दरों में और बढ़ोत्तरी कर सकता है। जबकि इसी महीने आरबीआई ने रेपो रेट में बढ़ोत्तरी की है, जिसका असर ये हुआ है कि अधिकांश बैंकों ने होम लोन की दरें बढ़ा दी हैं। अब आने वाले समय में इसमें और वृद्धि की आशंका बढ़ गई है यानी इधर कुआं, उधर खाई।
साल 2014 में खुदरा महंगाई दर 8.33 फीसदी थी, जो लगातार चौथे महीने से जारी है। खुदरा महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित सीमा से ऊपर पहुंच गई है। खुदरा महंगाई बढ़ने से संभावनाएं देश में महंगाई की ओर इशारा कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, हो सकता है कि जून के महीने में आरबीआई महंगाई को काबू में लाने के लिए प्रमुख दरों में और इजाफा करे। आने वाले दिनों में कर्ज और महंगाई बढ़ सकती है। मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत के स्तर पर बनी रहे।
जिसमें 2 प्रतिशत तक उतार-चढ़ाव हो सकता है। बता दें कि आरबीआई की बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति के कारण खाद्य कीमतों में तेज वृद्धि का प्रतिकूल प्रभाव घरेलू बाजार में भी दिखाई दे रहा है और आगे भी मुद्रास्फीतिकारी दबाव जारी रहने की संभावना है। हाल ही में उन्होंने रेपो रेट में भी इजाफा किया, जिसकी वजह से कर्ज ओर महंगे हो गए हैं। इसके साथ ही शेयर बाजार में भी गिरावट ऐलान के बाद देखी गई।