Begin typing your search above and press return to search.
आर्थिक

नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी: देश में बेरोज़गारी चरम पर, अगस्त में नौकरी के नाम पर ठगी, आंकड़े जान कर उड़ जायेंगे होश

Janjwar Desk
2 Oct 2021 2:16 PM GMT
हरियाणा बेरोजगारी दर में सबसे आगे, सीएम खट्टर ने आंकड़ों को मानने से किया इनकार
x

(हरियाणा बेरोजगारी दर में सबसे आगे)

नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी: सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के आँकड़ों के मुताबिक, देश में अगस्त माह में बेरोजगारी दर 8.32 फीसदी रही। जुलाई में यह 6.95 नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी : फीसदी थी। केवल अगस्त महीने में संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों में 15 लाख लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा था। बेरोजगारी का आलम कुछ यूँ हैं कि नौकरी की चाह रखने वाला युवा ठगी का शिकार हो जाता है।

नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी : देश में बेरोजगारी का हाल किसी से छिपा नहीं है। दिन प्रतिदिन देश में बेरोजगारों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। बरोजगार युवा नौकरी की तलाश में ठगी का शिकार हो रहे हैं। अधूरी जानकारी की वजह से युवा घर की सारी पूँजी केवल नौकरी पाने की चाहत में गँवा देते हैं। ठगी करने वाले लोग पहले नौकरी का झाँसा देते हैं, फिर युवा से मोटी रकम ऐंठ लेते हैं।

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के आँकड़ों के मुताबिक, देश में अगस्त माह में बेरोजगारी दर 8.32 फीसदी रही। जुलाई में यह 6.95 फीसदी थी। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक केवल अगस्त महीने में संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों में 15 लाख लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा था। नौकरी कर रहे लोगों की संख्या अगस्त 2021 में घटकर 39.77 करोड़ रह गई, जो जुलाई में 39.93 करोड़ थी। बेरोजगारी का आलम कुछ यूँ हैं कि नौकरी की चाह रखने वाला युवा ठगी का शिकार हो जाता है।

रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर युवकों से चार लाख की ठगी

मामला उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले का है। जहाँ रेलवे में नौकरी दिलवाने के नाम पर जालसाज ने कई युवकों से करीब 4 लाख रुपए ठग लिए। आरोपी कानपुर के चकेरी का रहने वाला है और 6 महीने से गाँव में किराए पर परिवार के साथ रहता था। उसने खुद को रेलवे में टीटी बताया और युवकों को नौकरी जॉइनिंग करवाने के नाम पर उनसे 4 लाख रुपए भी लिए, कई दिनों तक जब जॉइनिंग नहीं मिली तो युवकों ने विभाग में संपर्क किया। उन्हें सच का पता चला। 27 अगस्त को पीड़ितों ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई इसकी जाँच जारी है।

क्लर्क की नौकरी दिलवाने के नाम पर की ढाई लाख रुपए की ठगी

मामला उत्तर प्रदेश के बरेली जिले का है। जहाँ करीब डेढ़ साल पहले चाहबाई के मोहल्ले में रहने वाली नेहा नाम की लड़की से भोजीपुरा के गांव जादवपुर के निवासी मोहम्मद आरिफ ने नेहा को रेलवे में क्लर्क की नौकरी दिलवाने का झाँसा दिया और ढाई लाख रुपए ठग लिए। नेहा का कहना है कि डेढ़ साल पहले वह जिस अस्पताल में काम करती थी। वहाँ किसी परिचित ने उसकी मुलाकात आरिफ से करवाई। आरिफ ने अपनी ऊंची फौज का हवाला देते हुए उसे रेलवे में क्लर्क की नौकरी लगवाने का झांसा दिया। जिसके बाद आरोपी ने इंटरव्यू के नाम पर नेहा को दिल्ली और लखनऊ बुलाकर ढाई लाख रुपए वसूले और बाद में आरिफ अपना कमरा छोड़, जाधवपुर में रहने लगा। जिसके बाद नेहा ने अपने पैसे वापस मांगे तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। पूरे मामले की रिपोर्ट नेहा ने प्रेम नगर पुलिस थाने में दर्ज कराई जिसके बाद एसएसपी के आदेश पर मामले की जांच की गई और आरोपी को डेढ़ साल बाद 29 अगस्त को पकड़ लिया गया।

नौकरी के नाम पर सवा 300000 रुपए की ठगी

ये खबर 29 अगस्त को हिंदुस्तान में छपी थी। यह मामला बिहार के मोतिहारी का है। जहां रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर 2015 में सवा 3 लाख रुपए ठगे गए। उत्तर प्रदेश के जिला मऊ के निवासी अवधेश सिंह ने केस दर्ज करवाया। जिसमें बताया कि चार ठगों ने मिलकर उसके भाई दुर्गा बृजेश को रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा दिया और तीन लाख कैश व चेक के माध्यम से ले लिए। 5 वर्षों तक हो जहां-ताहं दौड़ाता रहा। लेकिन नौकरी नहीं मिली। पैसे वापस मांगने पर मार पिटाई की गई और जान से मारने की धमकी दी गई। यह घटना पीड़ित के साथ बिहार में घटी जिसके बाद नजदीकी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। लेकिन कोई सुनवाई ना होने के बाद कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। जहां कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए मामले के जांच के आदेश दिए और रिपोर्ट मांगी पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश किया।

जमुई कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने की नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी

यह मामला 28 अगस्त को मीडिया में प्रकाशित हुआ। मामला बिहार का है। जमुई जिला कांग्रेस के अध्यक्ष पर एक महिला ने गंभीर आरोप लगाए। महिला ने खैरा थाना में लिखित आवेदन देकर कांग्रेस जिला अध्यक्ष हरेंद्र सिंह और सोनो प्रखंड के कांग्रेस अध्यक्ष रामानुज सिंगर पर नौकरी के नाम पर ठगी करने और कई महीनों तक यौन शोषण करने का आरोप लगाया। इसे राजनीति भी गरमा गई और पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुट गई। महिलाका कहना है कि कांग्रेस जिला अध्यक्ष हरेंद्र सिंह और रामानुज सिंह ने पुलिस विभाग में सिपाही के पद पर नौकरी दिलवाने के नाम पर न केवल उससे डेढ़ लाख रुपए ठगे बल्कि कई महीनों तक उसको होटल में बुलाकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए गए। नौकरी के लिए मेडिकल कराने के नाम पर उसके साथ एक और लड़की को लाने को कहा गया। जब पीड़िता अपने साथ एक और लड़की को लेकर गई, तो उसके साथ भी शारीरिक संबंध बनाए गए। जिसके बाद नौकरी ना मिलने पर पैसे वापस मांगे, तो जान से मारने की धमकी दी गई और कहा गया कि किसी को बताया तो तुम्हारे वीडियो वायरल कर देंगे। महिला ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई। कांग्रेस जिला अध्यक्ष हरेंद्र सिंह ने कहा कि उन पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। इस मामले को लेकर जमुई के प्रभारी एसपी साह मामले की जांच में लगे हैं।

नौकरी का झांसा देकर ग्रामीणों से की लाखों की ठगी

मामला उत्तर प्रदेश के झांसी से 27 अगस्त को सामने आया। सरकारी नौकरी दिलवाने का झांसा देकर ठाकुर ने कई ग्रामीणों को शिकार बनाया और लाखों रुपए हड़प लिए। सकरार थाना क्षेत्र के जावन गांव के निवासी पृथ्वी सिंह ने पुलिस अधिकारियों को शिकायत करते हुए बताएं कि उसके जान पहचान के कारण तीन लोगों का उसके घर आना-जाना था। करीब 2 वर्ष पहले 3 लोगों ने सरकारी विभाग में नौकरी का झांसा दिया, कि बच्चों की नौकरी नगर निगम, जल संस्थान और पोस्ट ऑफिस समेत अन्य सरकारी विभागों में लगवा देंगे। सभी ग्रामीण उनकी बातों में आ गया और अपने बच्चों की नौकरी लगवाने के लिए सभी ग्रामीणों ने मिलकर 9 लाख रुपए तीनों को दे दिए। 2 साल तक नौकरी का पता नहीं चला। ग्रामीणों ने पैसे वापस माँगे तो ठगों ने देने से इनकार कर दिया। परेशान होकर ग्रामीण एसएसपी के पास शिकायत लेकर पहुंचे और लोगों से रुपए वापस दिलवाने और कार्यवाही करने की मांग की।

वन विभाग में नौकरी दिलवाने के लिए 2 लाख रुपए लिए

यह खबर 26 अगस्त को मीडिया में प्रकाशित हुई। मामला उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ का है। जौनपुर जिले के सुजानगंज थाना क्षेत्र के अधिकारी को गांव में रहने वाले रामजी बिंद ने बताया कि 2019 में पट्टी कोतवाली क्षेत्र के दोनई गांव के एक युवक ने उनके बेटे राहुल कुमार को वन विभाग एवं भतीजे सूरज कुमार को पुलिस विभाग में नौकरी दिलवाने का आश्वासन दिया। नौकरी दिलवाने के बदले 2019 में आरोपी ने 2 लाख रुपए लिए। आज नौकरी की बात करने पर आरोपी ने कोरोना संक्रमण का हवाला दिया और बात टाल दी। जब पीड़ित को पता चला कि आरोपी एक रिक्शा चालक है और उसने फर्जी तरीके से 200000 रुपए ठगे हैं, तब जाकर उन्होंने 24 अगस्त, 2021 को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई।

पर्यावरण विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों की ठगी

मामला छत्तीसगढ़ के रायपुर का है। राजधानी रायपुर में सरकारी विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यशोदा साहू ने उरला थाना में अपनी रिपोर्ट दर्ज कराई। उसने बताया कि आरोपी राजेंद्र सिंह राणा ने पर्यावरण एवं नगरीय प्रशासन विभाग में राजस्व उप निरीक्षक पद पर सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर उससे 2 लाख 40 हजार रुपए ले लिए। आरोपी से 2019 में ठगी की गई थी। पीड़ित को सच का पता चलने पर उसने 24 अगस्त 2021 को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। यह खबर 25 अगस्त को मीडिया में सामने आई।

दो भाई ने मिलकर की नौकरी के नाम पर ठगी

मामला उत्तर प्रदेश के शामली का है। कांधला क्षेत्र के जसोला गांव का निवासी अमित चौहान करीब 2 साल पहले यानी 18 से एसएससी (SSC) सीएचएसएल (CHSL) की तैयारी कर रहा था। उसी समय उसकी मुलाकात उसी के गांव में रहने वाले दो सगे भाइयों से हुई। दोनों भाइयों ने मिलकर अमित को एसएससी (SSC) सीएचएसएल (CHSL) में भर्ती करवाने का आश्वासन दिया और 2020 में 6 लाख ले लिए। अमित ने मार्च 2020 में लिखित परीक्षा भी दी थी। परीक्षा होने के बाद दोनों भाइयों ने उसे जॉइनिंग लेटर दिलवाने को कहा था। परीक्षा के काफी समय बाद पीड़ित को नौकरी का जॉइनिंग लेटर नहीं मिला तो, उसने दोनों भाइयों से अपने पैसे वापस मांगे। आरोपियों द्वारा पीड़ित को धमकाया गया। पीड़ित ने 23 अगस्त को पुलिस में सारे मामले की जानकारी दी और रिपोर्ट दर्ज करवाई।

सरकारी विभागों में नौकरी देने के नाम पर करोड़ों की ठगी

मामला नोएडा का है। 18 अगस्त को पीड़ित हेतराम सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई की अच्छी नौकरी दिलवाने के लिए कुछ लोगों ने उससे 700000 ठगे हैं। इसके बाद कोतवाली फेस 2 में रिपोर्ट दर्ज की गई। पुलिस ने जांच के दौरान 22 अगस्त को लेबर चौक बघेल से आरोपी रवि रंजन कुमार ओझा और कैलाश कुमार झा को गिरफ्तार कर लिया। बताया गया कि आरोपियों ने पैसे लेने के बाद हेतराम को फर्जी जॉइनिंग लेटर भी दिया था। इसके अलावा हेतराम के मित्र हेमंत कुमार से एम्स दिल्ली में नौकरी लगवाने के नाम पर 3.60 लाख रुपए भी लिए थे। पुलिस की जांच में पता चला कि गिरफ्तार आरोपी कई सालों से फर्जीवाड़ा कर रहे थे। और केंद्र व राज्य सरकारों के विभागों और उपक्रमों में भी नौकरी का झांसा देकर वसूली करते थे। पता चला कि भारतीय खाद निगम समेत अन्य सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर 100 से ज्यादा लोगों से एक करोड़ ठगे गए। आरोपियों के पास से सरकारी विभागों के 25 फर्जी जॉइनिंग लेटर 5 फर्जी आईडी कार्ड व तीन मोबाइल बरामद किए गए।

आईआरसीटीसी (IRCTC) मैं नौकरी के नाम पर ठगी

मामला बिहार का है। रेलवे के आईआरसीटीसी (IRCTC) में विभिन्न पदों पर भर्ती का फर्जी जॉइनिंग लेटर देकर ठगी का मामला सामने आया। गिरोह के शिकार उत्तर बिहार का कोसी क्षेत्र के लोग हैं। 20 अगस्त को फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर पांच युवक हाजीपुर पहुंचे तो आईआरसीटीसी (IRCTC) के अधिकारी देखकर दंग रह गए जिसकी सूचना उन्होंने पुलिस को दी। आईआरसीटीसी (IRCTC) में टीटीई (TTE) पद पर नियुक्ति के लिए ₹21500 वेतन करते हुए लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किया गया। कई लोगों के मिले नियुक्ति पत्र में उन्हें ट्रेनिंग की तिथि तय करते हुए साउथ दमदम ट्रेनिंग सेंटर जाने को कहा गया। दानापुर स्टेशन पर योगदान देने के लिए जब लोग पहुंचे तो उन्हें ठगे जाने की जानकारी मिली। नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन के नाम पर पहले 10 से 15 हजार रुपए वसूले गए और नियुक्ति पत्र आने पर 100000 रुपए ठगे।

नौकरी के नाम पर छ: लाख की ठगी

मामला हरियाणा के करनाल जिले का है। जहां कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में कंप्यूटर ऑपरेटर (COMPUTER OPERATOR) की नौकरी दिलवाने के नाम पर एक महिला से 600000 की ठगी की गई। उचाना गांव निवासी काशी शर्मा का आरोप है कि करनाल की पूर्व परिचित आरती शर्मा से कॉलेज में अपनी शिक्षित बेरोजगार पत्नी को नौकरी दिलवाने की बात की थी। तो उसने अपने परिचित राममेहर सिंह से मुलाकात करवाई। जिसने कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में कंप्यूटर ऑपरेटर (COMPUTER OPERATOR) की नौकरी दिलवाने के लिए 600000 रुपए मांगे। इसके बाद 13 अप्रैल को राममेहर सिंह उसके घर पहुंचा और कहा कि नौकरी की बात हो गई है वह 600000 रुपए का इंतजाम कर लें। एक बार तीन लाख उसके बाद अलग-अलग खातों में पूरी रकम दे दी गई। लेकिन जब मेडिकल कॉलेज में जाकर पता किया तो जानकारी मिली कि वहां कोई ऑपरेटर (OPERATOR) का स्थान खाली नहीं है। जब राममेहर सिंह ने पैसे वापस मांगे तो उसने पैसे देने से इनकार कर दिया। जिसके बाद पीड़ित ने सदर थाना में अपनी रिपोर्ट दर्ज कराई। घटना 21 अगस्त, 2021 को मीडिया के सामने आई।

फर्जी नियुक्ति पत्र थमा कर 20 लाख रुपए ठगे

यह खबर 20 अगस्त को मीडिया में आई। मामला उत्तर प्रदेश के लखनऊ के आशियाना थाना क्षेत्र का है। यहाँ नौकरी के नाम पर 2000000 रुपए ठगे गए। लखनऊ के कनौसी में रहने वाले विकास दुबे की मुलाकात साल 2018 में उसके दोस्त अंकित के रिश्तेदार अंकुर श्रीवास्तव से हुई थी। अंकुश ने विकास को अपने जाल में फंसाते हुए ग्राम विकास अधिकारी के पद पर नौकरी लगवाने का झांसा दिया और 20 लाख रुपए ले लिए। अंकित ने बताया था कि वह सचिवालय का अधिकारी है। विकास ने अंकुर को 2 किस्तों में पैसे दिए। बाद में भर्ती के बारे में पूछा गया तो अंकुर टालमटोल करने लगा। मामला फंसते देख अंकुर श्रीवास्तव ने विकास को फर्जी जॉइनिंग लेटर थमा दिया। जब विकास वह जॉइनिंग लेटर लेकर पंचायत निदेशालय पहुंचा तो उसे पता चला वह ठगी का शिकार हुआ है। जिसके बाद विकास ने आशियाना थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस का कहना है कि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। फिलहाल मामले की जाँच जारी है।

नौकरी दिलवाने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाला युवक गिरफ्तार

मामला बिहार के इस्लामपुर थाना का है। इस्लामपुर थाना पुलिस ने नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले युवक को शेख अब्दुल्लाह रोड से स्कॉर्पियो के साथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पटना के आलमगंज थाना क्षेत्र के त्रिपोलिया के पास का रहने वाला है। जिसका नाम आलोक कुमार सिन्हा है। इसने कुछ युवकों के साथ मिलकर दर्जनों से भी अधिक युवक को नौकरी लगवाने के नाम पर लूटा है। सरकारी विभागों में नौकरी लगवाने के नाम पर इसने कई युवकों से लाखों रुपए वसूले। नौकरी नहीं लगने पर शिक्षित बेरोजगार युवकों ने बार-बार आलोक कुमार सिन्हा से रुपए लौटाने की मांग की। आलोक द्वारा पैसे देने की बात को बार-बार टाल दिया गया। जिसके बाद गुस्साए युवकों ने 18 अगस्त को आलोक को बहला-फुसलाकर पटना के गांधी मैदान के पास बुलाया और स्कॉर्पियो गाड़ी से इस्लामपुर लेकर चले गए। इस्लामपुर शेख अब्दुल्लाह रोड के पास आरोपी के साथ मारपीट की गई। सूचना मिलते ही इस्लामपुर पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

दिल्ली पुलिस में दरोगा बनवाने के नाम पर 7.5 लाख की ठगी

यह खबर 18 अगस्त को मीडिया में प्रकाशित हुई। मामला मेरठ का है। फलावदा रोड पर मवाना में नूर मोहम्मद के साथ ठगी की गई। नूर मोहम्मद ने बताया कि उसका पिता गांव में कारपेंटर का काम करता है। परतापुर का निवासी दीपक कुमार उनकी दुकान से लकड़ी का सामान लेने आया था। करीब 5 महीने पहले दीपक से उनकी मुलाकात हुई। दीपक ने बताया कि दिल्ली के किसी अफसर की वह गाड़ी चलाता है। दीपक रोज दुकान पर आया करता था। दीपक ने नूर मोहम्मद और उसके पिता को भरोसा दिलाया कि वह नूर मोहम्मद को दिल्ली में दरोगा के पद पर भर्ती करवा देगा। जिसके लिए 10 लाख रुपए की रकम ली गई। बेटे की नौकरी के लिए पिता ने अपना मकान गिरवी रख कर ब्याज पर मोटी रकम उठा ली और दीपक को तीन किस्तों में साढ़े सात लाख रुपए दे दिए। उसके बाद दीपक ने मवाना जाना बंद कर दिया। पीड़ित परिवार ने दीपक की तलाश की। उसने बताया कि दिल्ली के अफसर सरफराज को रकम दे चुका है। पीड़ित ने 3 अगस्त को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस ने दीपक को फोन किया। उसने रकम वापस करने के लिए 10 दिन का समय मांगा। इसी बीच दीपक मकान पर ताला लगाकर अपनी पत्नी और बच्चों के साथ फरार हो गया। नूर मोहम्मद ने कप्तान से मामले की शिकायत की। उन्होंने परतापुर थाने को कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

रेलवे में नौकरी के नाम पर वसूले 3,10,000 रुपए

यह खबर 17 अगस्त को मीडिया में छपी। मामला मेरठ का है। कोटरा गांव के निवासी दो युवकों ने दोघट थाना क्षेत्र के एक युवक से रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर 3.10 लाख रुपए की ठगी कर ली। 3 साल पहले रोहित कुमार ने दोनों आरोपियों के झांसे में आकर उन्हें अपनी नौकरी लगवाने के लिए 3 लाख 10 हजार रुपए दे दिए। उसने आधा रुपया चेक से और आधा रुपया नगद दिया था। मगर नौकरी अब तक नहीं लगी। अब रुपए वापस मांगने पर जान से मारने की धमकी मिलती है। पीड़ित ने 15 अगस्त को पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। पुलिस क्षेत्राधिकारी युवराज सिंह का कहना है कि मामले की जाँच हो रही है।

रेलवे की नौकरी के नाम पर 11 लाख 50 हजार रुपए की ठगी

यह खबर 16 अगस्त को मीडिया में प्रकाशित हुई। मामला मुरादाबाद का है। जहां अमरोहा के गजरौला में रेलवे विभाग में नौकरी के नाम पर 11 लाख 50 हजार रुपए की ठगी की गई। नगर के मोहल्ला बैंक (पुरानी) में बुद्ध बाजार निवासी कर्मवीर सिंह का कहना है, कि मोहल्ला जवाहर नगर निवासी प्रमोद व दिनेश से उसकी जान पहचान थी। इन दोनों व्यक्तियों ने रेलवे विभाग में नौकरी लगवाने का वादा किया। सितंबर 2018 में इन दोनों ने रेलवे विभाग में टिकट ऑपरेटर के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर 11 लाख 50 हजार रुपए ले लिए। यह रकम कुछ नकद दी गई और कुछ बैंक खाते में जमा कराई गई। रकम देने के 1 महीने बाद एनसीआर क्षेत्र में जॉइनिंग करवाने का दावा किया गया। दिल्ली में एक व्यक्ति को रेलवे का अधिकारी बताकर मुलाकात करवाई गई। जनवरी 2019 में रेलवे में ग्रुप डी की भर्ती का एक फर्जी कॉल लेटर भी भिजवाया। नौकरी की जॉइनिंग कराने के लिए आरोपी द्वारा पीड़ित को कोलकाता भी ले जाया गया। जहां आरोपी पीड़ित को छोड़कर गायब हो गए। बाद में मामला फर्जी निकलने पर पीड़ित वहां से वापस आ गया। वापस आकर कर्मवीर ने आरोपियों से संपर्क करने का प्रयास किया तो उन्होंने फोन उठाने बंद कर दिए। पीड़ित ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। डीआईजी (DIG) के आदेश पर फायरमैन समेत तीन आरोपियों के खिलाफ 15 अगस्त को केस दर्ज किया गया।

नौकरी के नाम पर की ऑनलाइन ठगी

15 अगस्त को यह खबर मीडिया में प्रकाशित हुई। मामला उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले का है। आरोपी ने लिंक्डइन पर एक फेक प्रोफाइल बनाकर इस ठगी को अंजाम दिया। आगरा शहर के सदर इलाके के रहने वाले सुधांशु ने फेक प्रोफाइल पर संपर्क किया। आरोपी ने सुधांशु को आगरा मेट्रो में नौकरी लगवाने का ऑफर दिया। नौकरी लगवाने के लिए 35000 दिए गए। धोखाधड़ी का एहसास होने के बाद सुधांशु ने 1 अगस्त को पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने ठगी करने वाले युवक को गाजियाबाद जिले से गिरफ्तार किया। जिसका नाम प्रवीण कुमार है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने प्रवीण कुमार के मोबाइल के डाटा की जांच के लिए हैदराबाद फॉरेंसिक लैब भेज दिया।

भगोड़े सैनिक ने की नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी

यह खबर 14 अगस्त को मीडिया में सामने आई। मामला जम्मू कश्मीर का है। मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस का फर्जी क्लर्क बनकर भगोड़े सैनिक ने नौकरी दिलाने के नाम पर कई लोगों से लाखों की ठगी की है। आरोपी का असली नाम दीपक कुमार है। दीपक ने फेसबुक पर नीरज कुमार के नाम से फर्जी अकाउंट बनाया। इसके बाद जसवीर सिंह को उसके फेसबुक पर रिक्वेस्ट भेजी और कहा कि वह यहां से रिटायर हुआ है और वहीं पर कलर का काम करता है। जसवीर भी सेना से रिटायर हुए थे। दोनों के बीच बातचीत होने पर दीपक ने कहा कि वह उधमपुर एमईएस (MES) में तैनात है और यहां पर कुछ पदों के लिए भर्ती निकली है। यदि उनके कोई परिचित हो तो उसके दस्तावेज और पैसे भेज दे, वह उसकी नौकरी लगवा देगा। जसवीर ने अपने परिचितों के दस्तावेज और पैसे नीरज को खाते में ट्रांसफर कर दिए। रकम मिलने के बाद दीपक ने जसवीर से बात करना बंद कर दिया। जसवीर ने इसकी शिकायत क्राइम ब्रांच जम्मू को की। जांच के दौरान पाया गया कि दीपक कुमार उर्फ नीरज कुमार सेना से भागा हुआ सैनिक है।


बेरोजगार से नौकरी के नाम पर 23 लाख रुपए ठगे

यह खबर 13 अगस्त को मीडिया में प्रकाशित हुई। मामला छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले का है। सिटी कोतवाली में सिंगारपुर गांव के निवासी हुमलाल पटेल और अन्य 8 लोगों ने थाना सिटी कोतवाली में रिपोर्ट लिखाई थी। शिकायतकर्ता ने आरोपी चिराग पाली, मुस्ताक खान और मास्टरमाइंड त्रिलोक प्रताप सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। आरोप है कि ठगों ने बेरोजगार युवकों से कहा कि सरकार ने वर्ष 2017 और 2018 में पुलिस भर्ती एवं विद्युत विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर, पटवारी, कृषि विस्तार अधिकारी, इनकम टैक्स अधिकारी का गुप्त भर्ती निकला है। जिसमें तुम्हें नौकरी पर लगवा दूंगा, कहकर 22 लाख 99 हजार की ठगी की गई। कोई भर्ती ना होने पर पीड़ितों ने पुलिस का सहारा लिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष टीम तैयार की गई और आरोपियों की तलाश शुरू की गई। ठगी के मुख्य आरोपी त्रिलोक प्रताप सिंह को मसुमंद से 12 अगस्त को गिरफ्तार किया गया।


रेलवे में टीसी(TC) की नौकरी का दिया झांसा

बिहार स्थित लखीसराय जिले के काशीचक गांव के निवासी प्रमोद साव एवं उसके पुत्र पंकज कुमार लखीसराय एवं मुंगेर के नक्सल प्रभावित जंगल एवं पहाड़ से सटे गांवों के लोगों को सरकारी नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपए का चूना लगाते थे। दोनों ने अरविंद नाम के युवक को रेलवे में टीसी(TC) की नौकरी दिलाने का प्रलोभन दिया और 14 लाख रुपए की मांग की। जिसमें से 7 लाख पहले देने को कहा गया और बाकी के 7 लाख नौकरी लग जाने के बाद। इसके बाद उसे झांसा देकर उसके अन्य रिश्तेदारों सहित जान पहचान के लोगों से भी 25 लाख रुपए की ठगी की गई। नौकरी नहीं मिलने पर जब रुपए वापस करने को कहा गया तो एक चेक दे दिया गया। लेकिन बैंक खाते में राशि ही नहीं होने के कारण चेक बाउंस हो गया। बाद में स्टांप पेपर पर राशि वापस करने की गारंटी दी गई। इसके बाद 8 अगस्त को पैसे लेने के लिए घर बुलाया गया। जहां उसके साथ मारपीट कर अरविंद को ही रंगदारी मांगने सहित अन्य आरोपों में केस दर्ज करा कर उसे गिरफ्तार करवा दिया। बाद में सच का पता चलने पर पुलिस धोखाधड़ी के मामले की जांच में लगी हुई है। मीडिया को यह सूचना 12 अगस्त, 2021 को प्राप्त हुई।


नौकरी का लालच देकर लूटे लाखों रुपए

मामला उत्तर प्रदेश के मथुरा का है जहां तकरीबन 2 महीने पहले लोहवन के निवासी सुनील कुमार ने थाना जमुनापार में एक रिपोर्ट दर्ज करवाई। आरोप लगाया गया था कि अज्ञात व्यक्तियों द्वारा ट्रिपलसी एनटीटी व अन्य कोर्स कराने वह नौकरी देने के नाम पर उससे लाखों की ठगी की गई। पुलिस के पास मामला जाते ही एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर ने जमुनापार पुलिस साइबर सेल को ठगों को पकड़ने के लिए लगाया। जिसके बाद साइबर सेल के अधिकारी विपिन कुमार पाल, विशाल कुमार ने दो लोगों को लोकेशन लेकर पकड़ लिया। इनके कब्जे से 11 हजार से अधिक की धनराशि व दो मोबाइल बरामद किया गया।

नौकरी के नाम पर लोगों को ठगने वाले 9 ठग गिरफ्तार

यह खबर 10 अगस्त को मीडिया में प्रकाशित हुई। मामला बिहार के मधुबनी का है। यहां 9 लोगों के गिरोह ने बेरोजगारों को नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगने का धंधा कर रखा था। गिरोह द्वारा लूसेट इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के नाम से बहाली करने का विज्ञापन अखबार में दिया गया था। पर भारत सरकार से एग्रीमेंट संबंधित कोई प्रमाण पत्र नहीं था। यह गिरोह लोगों को बुलाकर होटल में अलग-अलग कमरों में अभ्यर्थियों के चयन की प्रक्रिया शुरू करते थे और उनसे भी लाखों रुपए वसूलते थे। इसके शिकार रामप्रवेश प्रसाद के लिखित शिकायत पर 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। थाने में मामला जुलाई में दर्ज किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और 9 अगस्त को पटना से इस गिरोह के 9 लोगों को गिरफ्तार किया। लोगों के पास से बड़ी संख्या में फॉर्म, लैपटॉप, मोबाइल और नगद राशि जब्त की गई।

नौकरी के नाम पर बेरोजगारों को ठगने वाला गिरफ्तार

यह खबर 9 अगस्त को मीडिया में प्रकाशित हुई। मामला उत्तर प्रदेश के मेरठ से सामने आया। बेरोजगारों को नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगने वाले नटवरलाल को पुलिस ने मेरठ के प्रतापपुर से गिरफ्तार किया। आरोपी ने यूपी समेत कई राज्यों में अपनी ठगी को अंजाम दिया और लोगों से नौकरी के नाम पर पैसा मिनी बैंक और जन सेवा केंद्र चलाने वालों के खाते में ट्रांसफर करवाएं, ताकि उसे कोई पकड़ ना सके। मेरठ के प्रतापपुर में गगोल रोड पर विशाल शर्मा का जन सेवा केंद्र है। मई 2021 में आरोपी अंकित विशाल के पास पहुंचा और खुद को एल एंड टी कंपनी का कर्मी भी बताया और अपनी आईडी दिखाने लगा। अंकित ने विशाल से कहा उसका एटीएम काम नहीं कर रहा है और उसकी मां कोरोना से बीमार है। यदि विशाल कुछ कमीशन लेकर उसके रिश्तेदारों द्वारा भेजे जा पैसे को अपने खाते में ट्रांसफर करवा ले और उसे कैश भुगतान कर दें तो उसकी मां बच जाएगी। मदद के नाम पर विशाल ने सभी पैसे अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए और आरोपी को कैश भुगतान कर दिया। जिसके थोड़ी देर बाद विशाल के पास आगरा साइबर सेल से कॉल आई कि जो पैसा ट्रांसफर करवाया गया है। वह गलत तरीके से हुआ है और उसके साथ ठगी की गई है। इसके बाद आगरा में मुकदमा दर्ज किया गया और विशाल से भी पूछताछ की गई। 8 अगस्त को पुलिस ने आरोपी अंकित को दबोच लिया।

विदेश में नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी, 300 लोग बने शिकार

यह खबर 8 अगस्त को मीडिया में प्रकाशित हुई। मामला बिहार और यूपी का है। खाड़ी देशों में नौकरी और वीजा दिलाने के नाम पर बिहार और यूपी के 300 से अधिक लोगों से करीब 60 लाख रुपए की ठगी की गई है। इस मामले में कोतवाली थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई। जिसमें मैनपावर कंपनी के डायरेक्टर मिथिलेश पांडे, शीतल वर्मा सहित 15 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई। बताया गया कि केस की छानबीन जारी है। पुलिस को 200 पन्नों का आवेदन मिला था। जिसके बाद पुलिस संबंधित कंपनी के कार्यालय में पहुंचे लेकिन वहां कोई नहीं मिला। कंपनी का कार्यालय पटना के डुमराव पैलेस में है। विदेश भेजने के नाम पर यहां पिछले 6 माह से बेरोजगार युवा कौन से पासपोर्ट जमा कराये जा रहा थे और वीजा दिलवाने के नाम पर 10 से 22,000 रुपए दिए जा रहे थे। इस गिरोह के शिकार में 300 व्यक्ति फंस गए। जिसमें 100 से भी अधिक यूपी के लोग हैं और बाकी बिहार के निवासी हैं। पैसा जमा करने के 2 महीने बाद तक लोगों ने चक्कर काटे लेकिन बाद में ऑफिस बंद मिला तो 6 अगस्त को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। बताया गया कि वीडियो तो नहीं पर 20 जून को पैसे दिए थे और जुलाई में जॉइनिंग लेटर देने का वादा था। अब पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

चक्रधरपुर रेल मंडल में नौकरी दिलवाने के नाम पर 18 लाख की ठगी

यह खबर 7 अगस्त को मीडिया में प्रकाशित हुई। मामला झारखंड का है। चक्रधरपुर रेल मंडल के कैरेज एंड वैगन(Carriage and Wagon) विभाग में नौकरी दिलवाने के नाम पर एक शख्स ने 12 लोगों से 18 लाख की ठगी कर ली। नौकरी लेने की लालच में ठगे गए सारे लोग पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के रहने वाले हैं। आरोपी का नाम सुदर्शन कुमार बताया गया है। ठगी का शिकार बने लोग 7 अगस्त को चक्रधरपुर में सुदर्शन कुमार को तलाशते हुए कैरेज एंड वैगन विभाग पहुँच गए। कार्यालय पहुंचकर लोगों ने कहा कि इन्हें जॉइनिंग करनी है। विभाग के कर्मचारियों ने पूछताछ की तो सारा मामला समझ आया। पुलिस को बुलाकर सारा मामला बताया गया। पीड़ित लोगों में से एक लाल मोहन महतो ने पुलिस को बताया कि उसके दूर के रिश्तेदार जिसका नाम सुदर्शन कुमार है। उसने बताया कि चक्रधरपुर रेल मंडल में एक बड़ा रेल अधिकारी है। जो ओ वी एस एस का हेड है। उसे 20 नए रेल कर्मियों की जरूरत है। जिसमें वह सीधी भर्ती कर सकता है और प्रत्येक उम्मीदवार को भर्ती के लिए डेढ़ लाख रुपए रिश्वत देना होगा। सुदर्शन कुमार ने सभी को 27 जुलाई को जमशेदपुर बुलाया जहाँ उनका मेडिकल किया गया। फिटनेस की पर्ची थमाथे हुए नौकरी ज्वाइन करने को कहा गया। जिसके बाद सभी लोगों ने 29 जुलाई को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया बस स्टैंड पर सुदर्शन कुमार को 18 लाख रुपए दे दिए। पीड़ित लोगों ने सुदर्शन कुमार को रिश्वत देते हुए चालाकी से उसका वीडियो बना लिया था। जिसके आधार पर पुलिस जांच में जुटी हुई है।

शिक्षा विभाग में नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी

मामला छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले का है। रायपुर निवासी नेहा साल्वे ने युवक को रेलवे में टीसी और उसकी पत्नी को शिक्षा विभाग में नौकरी लगवाने का झांसा दिया। नौकरी लगवाने के लिए 5 लाख 33 हजार रुपये भी लिए। आरोपी को पैसे 2020 में दिए गए थे। जिसके बाद नौकरी का पता ना लगने पर पीड़ित दंपति द्वारा जुलाई, 2021 में पुरानी बस्ती थाने में केस दर्ज करवाया गया। जिसमें पुलिस ने नेहा साल्वे को गिरफ्तार कर लिया हैं।


आशा के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी

यह खबर 5 अगस्त को मीडिया में प्रकाशित हुई। मामला मुरादाबाद का है। मुरादाबाद के गांव शीशोवाली की निवासी संता देवी ने आरोप लगाया है कि करीब 6 साल पहले मंडी धनौरा के सरकारी अस्पताल में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मी व एक चिकित्सक ने मिलकर उसकी पुत्रवधू नीलम को अस्पताल में आशा के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर दो बार में 17000 ठगे थे। इसके बाद नौकरी का पता ना लगने पर पैसे वापस मांगे तो मना कर दिया गया और अब फोन भी नहीं उठाते हैं। पीड़िता द्वारा पुलिस में 1 अगस्त को रिपोर्ट दर्ज कराई गई और पुलिस ने आरोपी उमेश से पूछताछ की। जिसमें उमेश ने सभी आरोपों को झूठा बताया।


पंतनगर एयरपोर्ट पर नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी

यह मामला 4 अगस्त को मीडिया में आया। मामला उत्तराखंड का है। रुद्रपुर के कई सार्वजनिक स्थलों पर नौकरी दिलवाने को लेकर पोस्टर लगाए गए हैं। उधम सिंह नगर समिति कुमाऊं के 20 से अधिक लोग ठगी का शिकार हो चुके हैं। पोस्टर में भारतीय विमान प्राधिकरण की डायरेक्ट भर्ती की बात कही गई है। जिसमें अनपढ़ से लेकर ग्रैजुएट्ड को नौकरी देने की बात कही गई। नौकरी के लिए पोस्टरों में हेल्पर, सुपरवाइजर, स्टोर कीपर, लोडर, ग्राउंड स्टाफ, कंप्यूटर ऑपरेटर व सिक्योरिटी गार्ड के पदों पर भर्ती बताई गयी है। इन पदों के लिए योग्यता अनुसार 125000 रुपए से लेकर 28500 रुपए हर महीने वेतन देने की बात कही गयी है। नौकरी पाने के लिए लोगों ने पोखर में लिखे नंबर पर कॉल करना शुरू किया। फोन पर अज्ञात युवक खुद को एयरपोर्ट का अधिकारी बताकर नौकरी के लिए दस्तावेज मांग रहा था। इसके बाद जॉइनिंग लेटर भेजने की बात कही, जिसके लिए हजारों रुपए की मांग की। पैसे जमा करने के बाद फर्जी जॉइनिंग लेटर भेज दिए गए। जब जॉइनिंग लेटर लेकर लोग पहुंचे तो एयरपोर्ट के अधिकारियों और कर्मचारियों को लोगों से ठगी होने का पता चला।

एम्स में नौकरी दिलवाने के नाम पर युवती से 8.19 लाख की ठगी

यह मामला 3 अगस्त को मीडिया में आया। मामला बिहार के पटना का है। रामनगर फुलवारी शरीफ की निवासी अलका कुमारी ने स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। बताया कि पंकज कुमार पटना के एम्स में माइक्रोबायोलॉजी विभाग आईपीडी के चौथे तल्ले पर एमटीएस पोस्ट में कार्य करता है। जिसने महिला को एम्स में नौकरी दिलवाने का वादा किया और 8 लाख 9 हजार रुपए लिए। आगे नौकरी की कोई बात ना होने पर पैसे वापस मांगे। जिसके बाद गाली गलौज की गई। और मारने की धमकी दी गई। जिसके बाद महिला ने थाने को सूचना दी और थाना प्रभारी ने पुलिस भेजकर उक्त युवक को गिरफ्तार किया। जिसके बाद यह खुलासा हुआ कि यह युवक पहले भी ऐसी कई ठगी कर चुका है।


स्वास्थ्य विभाग में लिपिक की नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी

यह मामला 2 अगस्त को मीडिया में सामने आया। मामला छत्तीसगढ़ के रायपुर का है। जुलाई में अजय कुमार पटेल ने एक युवक को स्वास्थ्य विभाग में लिपिक की नौकरी लगवाने का आश्वासन दिया और उससे 5.50 लाख की ठगी की। युवक ने पैसे दे दिए। पैसे देने के एक हफ्ते बाद जब आरोपी ने युवक का फोन नहीं उठाया, तो युवक को शक हुआ और उसने अपने पैसे वापस मांगे। तो आरोपी ने देने से मना कर दिया। युवक ने नजदीकी पुलिस थाने में 1 अगस्त को रिपोर्ट दर्ज कराई। पीड़ित के आवेदन जाने पर कोतवाली पुलिस द्वारा 24 घंटे के भीतर ही आरोपी को गिरफ्तार कर रिमांड पर भेजा गया।

हवाई अड्डे पर नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी

यह खबर 1 अगस्त को मीडिया में प्रकाशित हुई। मामला नई दिल्ली का है। जहां एक युवक के साथ हवाई अड्डे पर नौकरी लगवाने का झांसा देकर 9 लाख की ठगी की गई। आरोपी आकाश बाबू डाबड़ी का रहने वाला है। जिसने नई दिल्ली में एक युवक को बताया कि वह हवाई अड्डे में काम करता है और उसकी नौकरी लगवा सकता है। जिसके लिए 900000 रूपए की मांग की और युवक ने यह रकम उसके खाते में ट्रांसफर कर दी। पैसे मिलने के बाद आरोपी फरार हो गया। जिसके बाद युवक ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने आरोपी को 31 जुलाई को हवाई अड्डा टर्मिनल 3 पर दबोच लिया।

ये सभी मामले केवल अगस्त महीने के हैं। जिनमें सबसे अधिक रेलवे की नौकरी का लालच देकर ठगी की गई। देश में बेरोजगारों की संख्या में दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। बेरोजगार युवा स्वयं को इतना लाचार महसूस कर रहा है कि किसी भी हाल में नौकरी पाने की चाह में ठगी का शिकार हो जाता है।

Next Story

विविध