Begin typing your search above and press return to search.
आर्थिक

रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से मिली 10 लाख पर जुर्माने पर राहत, कोरोनिल विवाद अभी जारी

Janjwar Desk
27 Aug 2020 10:46 PM IST
रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से मिली 10 लाख पर जुर्माने पर राहत, कोरोनिल विवाद अभी जारी
x

File photo

प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और वी. रामासुब्रमनियन की एक पीठ ने याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने की इजाजत दी...

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें चेन्नई की एक कंपनी ने मद्रास हाईकोर्ट के पतंजलि से संबंधित एक आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी।

दरअसल मद्रास हाईकोर्ट ने एक आदेश पारित किया था, जिसके अंतर्गत पतंजलि आयुर्वेद पर लगे 10 लाख के जुर्माने और कोरोनिल ट्रेडमार्क के प्रयोग की पाबंदी पर रोक लगा दी गई थी। प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और वी. रामासुब्रमनियन की एक पीठ ने याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने की इजाजत दी।

शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को मद्रास हाईकोर्ट में मामले को आगे बढ़ाने की इजाजत दी, क्योंकि कोर्ट को बताया गया कि मामला हाईकोर्ट में 3 सितंबर को सुनवाई के लिए लंबित है। हाईकोर्ट ने पतंजलि और दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट की याचिका पर आदेश पारित किया था।

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि कोरोनिल उसका 1993 से ट्रेडमार्क प्रोडक्ट है। इस नाम से एसिड संबंधित एक उत्पाद है, जिसका प्रयोग भारी मशीनों और औद्योगिक प्रयोग के लिए रसायन के निर्माण में होता है।

मद्रास उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने पहले कोरोनिल को कोविड-19 वायरल संक्रमण के उपचार के तौर पर प्रमोट करने के लिए पतंजलि पर जुर्माना लगाया था, लेकिन इसपर कोर्ट की खंडपीठ ने रोक लगा दी।

चेन्नई की अरुद्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड ने पतंजलि के विरुद्ध अदालत का रूख किया था। कंपनी का दावा है कि उसे कोरोनिल-213 एसपीएल और कोरोनिल-92बी के लिए ट्रेडमार्क मिला था और इस नाम से उसका ट्रेडमार्क 2027 तक है। हाईकोर्ट ने एकल न्यायाधीश के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।

6 अगस्त को , एकल पीठ ने पतंजलि की ओर से कोरोनिल ट्रेडमार्क के प्रयोग करने पर रोक लगा दी थी।

Next Story

विविध