किसान आंदोलन के बाद मोदी सरकार के खिलाफ 60 लाख दलित छात्रों की छात्रवृत्ति रोके जाने का तीखा विरोध
प्रतीकात्मक फोटो।
जनज्वार। तीन नए कृषि कानून के विरोध और न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए देश के लाखों किसानों का सड़कों पर विरोध झेल रही नरेंद्र मोदी सरकार को अब अनुसूचित जाति छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति रोके जाने को लेकर सोशल मीडिया पर तीखे विरोध का सामना करना पड़ रहा है। दलित-आदिवासी संगठन सोशल मीडिया के जरिए मोदी सरकार यह आरोप लगा रहे हैं कि मोदी सरकार हमारी नस्लों को अशिक्षित रखना चाहती है, इसलिए ऐसा कर रही है। इसके लिए मंगलवार सुबह से ही #मोदी_स्कॉलरशिप_फेलोशिप_दो हैशटैग ट्रेंड कर रहा है और अखबार में छपी एक खबर के आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोग विरोध कर रहे हैं।
अंग्रेजी बिजनेस अखबार इकोनामिक टाइम्स ने एक खबर प्रकाशित की थी कि देश के 60 लाख अनुसूचित जाति छात्र-छात्राओं का स्काॅलरशिप केंद्र से फंडिंग खत्म किए जाने के बाद रुक गया है। इस खबर के आधार पर ही मोदी सरकार का विरोध किया जा रहा है।
इकोनामिक टाइम्स की इस खबर में कहा गया है कि 2017 के फार्मूले पर अमल करने से 14 राज्यों के 11वीं व 12वीं के 60 लाख छात्रों का स्काॅलरशिप रुक गया है। एससी वर्ग के छात्र-छात्राओं को मैट्रिक के बाद 11वीं व 12वीं की पढाई के लिए हर साल 18 हजार रुपये की छात्रवृत्ति मिलती रही है। लेकिए नए फार्मूले के तहत केंद्र सरकार ने इस छात्रवृत्ति मद में अपनी हिस्सेदारी 60 प्रतिशत से घटा कर 10 प्रतिशत कर ली है। 12वें वित्त आयोग के तहत केंद्र इस छात्रवृत्ति में 60 प्रतिशत का योगदान देता था और संबंधित राज्य 40 प्रतिशत का योगदान देते थे, लेकिन 2017-18 के बाद तैयार नए फार्मूले के अनुसार, केंद्र की इसमें हिस्सेदारी 60 प्रतिशत से कम कर 10 प्रतिशत कर दी गई, जबकि राज्य की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत से बढा कर 90 प्रतिशत कर दी गई।
#मोदी_स्कॉलरशिप_फेलोशिप_दो The then British government had started the scholarship in 1945 following a demand from Babasaheb Bhimrao Ambedkar. @narendramodi pic.twitter.com/Yf93xVF4jL
— Ashish Kumar (@AshishK09561090) December 1, 2020
इस नए बदलाव के बाद 14 राज्यों में करीब 60 लाख अनुसूचित जाति छात्रों की उच्चतर माध्यमिक शिक्षा पूर्ण करने के लिए मिलने वाली आर्थिक मदद बंद हो गई है। महत्वपूर्ण बात यह कि यह केंद्र प्रायोजित एकमात्र स्काॅलरशिप स्कीम है जिसमें 60ः40 के अनुपात का पालन नहीं किया जा रहा है, जिसको लेकर कई राज्यों ने अपना मजबूत विरोध भी केंद्र से जताया है।
मोदी सरकार द्वारा हमारी नस्लों को अनपढ़ रख के उनके भविष्य को गुलाम बनाने की पहली खबर। पढ़िये। समाज को जगाइये। #मोदी_स्कॉलरशिप_फेलोशिप_दो pic.twitter.com/BBOD3Mf8NI
— Tribal Army (@TribalArmy) December 1, 2020
ट्राइबल आर्मी के प्रमुख हंसराज मीणाा ने इसका विरोध जताया है और कहा है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखेंगे, जिसमें उन्हें बतायेंगे कि वे चंद अंधभक्तों के जयकारे, झंडे, मीडिया की वाहवाही और ऐश, आराम की ज़िंदगी से बाहर निकलें। उन्होंने लिखा है कि लगता है इन सब ने आपका ब्रेन वाॅश कर दिया है। बाहर एक पूरी देश की जनता है, लिख रही है, बोल रही है, ललकार रही है, देखिए।
प्रधानमंत्री @narendramodi जी, को मैं जल्द एक खत लिखूंगा। बतलाऊंगा कि चंद अंधभक्तों के जयकारे, झंडे, मीडिया की वाहवाही और ऐश, आराम की ज़िंदगी से बाहर निकलिये। लगता है इन सब ने आपका ब्रेन वॉश कर दिया है। बाहर एक भरी पूरी देश की जनता है। लिख रही है। बोल रही है। ललकार रही है। देखिए।
— Hansraj Meena (@HansrajMeena) November 30, 2020