ABVP कार्यकर्ताओं पर MBPG कॉलेज हल्द्वानी में भगत सिंह जयंती मना रहे छात्रों और पत्रकार पर हमले का आरोप
Haldwani news : उत्तराखंड में भाजपा स्टूडेंट विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पर उत्तराखंड के हल्द्वानी स्थित एमबीपीजी कॉलेज में परिवर्तनकामी छात्र संगठन से जुड़े छात्रों पर हमला करने का आरोप है। जानकारी के मुताबिक आज 28 सितंबर को भगत सिंह के जन्म दिवस पर एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी में परिवर्तनकामी छात्र संगठन द्वारा शहीद भगत सिंह की फोटो पर पुष्पांजलि, छात्रों में हस्ताक्षर अभियान व पर्चा वितरण का कार्यक्रम रखा गया था।
आरोप है कि शहीद भगत सिंह को पुष्पांजलि कार्यक्रम अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्रों को बर्दाश्त नहीं हुआ और उन्होंने पछास के नेता चंदन और महेश पर जानलेवा हमला कर दिया। आरोप है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्रों ने इस दौरान हिंदुस्तान अखबार के पत्रकार पर भी हमला किया, मगर इस मामले में सबसे बड़ी बात यह सामने आ रही है कि उत्तराखंड की मित्र पुलिस ने अभी तक न तो आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है और न ही किसी को गिरफ्तार किया है। ABVP कार्यकर्ताओं पर श्रद्धांजलि के दौरान भगतसिंह पर पछास द्वारा लगाए गए पोस्टर भी फाड़ने के आरोप हैं।
विभिन्न सामाजिक संगठनों का कहना है कि इस तरह उत्तराखंड की भाजपा सरकार और उसकी पुलिस ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को गुंडागर्दी करने का लाइसेंस प्रदान कर दिया है। छात्र नेताओं पर हिंदुस्तान अखबार के पत्रकार प्रमोद डालाकोटी पर किए गए हमले की कार्रवाई बेहद निंदनीय है। हमलावरों को तत्काल गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
आरोप है कि जब पछास से जुड़े नेता आज भगतसिंह का जन्मदिवस मना रहे थे, इसी दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सूरज सिंह रमोला, कौशल बिरखानी, कार्तिक बोरा व अन्य दर्जनों लड़कों ने पछास कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम करने से रोका, उनके साथ मारपीट की। एबीवीपी के छात्रों द्वारा पीटे गये छात्र महेश और चन्दन बचते हुए महाविद्यालय से बाहर निकले तो वहां भी उन्हें घेर कर उनको मारा गया। पीड़ित छात्रों का कहना है कि एबीवीपी से जुड़े छात्रों की गुण्डागर्दी दिखाती है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एवं इनके मातृ संगठन आरएसएस, भाजपा ने देश में क्रांतिकारी शहीदों को याद करना भी मुश्किल बना दिया है। इन संगठनों का राष्ट्रवाद क्या यही है? जहाँ शहीदों की पुण्यतिथि को भी नहीं मनाने दिया जायेगा। पछास से जुड़े छात्रों के अलावा एबीवीपी के छात्रों पर हिंदुस्तान के पत्रकार प्रमोद डालाकोटी के साथ भी मारपीट करने का आरोप है।
जानकारी के मुताबिक एबीवीपी से जुड़े सूरज रमोला और उसके अन्य साथियों पर पिछले दिनों हल्द्वानी के प्रतिष्ठित अस्पताल के डॉक्टर के साथ भी मारपीट का आरोप है। ये घटनाएं साबित करती हैं कि एबीवीपी पूरे सभ्य समाज का ही दुश्मन है।
आरोप है कि पछास कार्यकर्ता जब मेडिकल जांच करा कोतवाली में एबीवीपी छात्रों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने गये तो आरोपी वहां पहले से मौजूद थे। वहां पछास कार्यकर्ताओं के पक्ष में बात रख रहीं प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की महासचिव रजनी व एक अन्य महिला कार्यकर्ता के साथ भी आरोपियों ने अभद्रता की।
इस घटना के बाद पछास ने बयान जारी कर कहा है, 'कभी महान क्रांतिकारियों को याद करते हुए कहा जाता था कि "शहीदों की मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशां होगा।" जाहिर है कि आज शहीद भगत सिंह की विरासत को मानने वालों को इस "काली गुलामी" के वारिस आरएसएस, भाजपा, एबीवीपी के लम्पटों का सामना करना होगा।'
समाजवादी लोकमंच के संयोजक मुनीष कुमार कहते हैं, 'शहीद भगत सिंह के जन्मदिवस के अवसर पर एमबीपीजी महाविद्यालय में रिपोर्टिंग कर रहे हिंदुस्तान अखबार के पत्रकार प्रमोद डालाकोटी पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लम्पट तत्वों द्वारा हमला कर पीटा गया। परिवर्तनकामी छात्र संगठन सम्मानित पत्रकार के साथ कि गयी मारपीट की घोर निंदा करता है। यह लम्पट तत्व कभी पत्रकार, कभी डॉक्टर, कभी अन्य छात्रों, विभागीय कर्मचारियों-अधिकारियों से मारपीट करते रहते हैं। ऐसे गुण्डा तत्वों के लिए सभ्य समाज में कोई जगह नहीं है।'
पछास ने भी एबीवीपी से जुड़े आरोपियों पर सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही की मांग की है।