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शिक्षा

छवि खराब करने के आरोप में कमलेश गुप्त फिर निलंबित, समर्थन में उतरे संघ के पूर्व अध्यक्ष, कहा - सत्याग्रह करना मौलिक अधिकार

Janjwar Desk
4 Oct 2022 2:35 AM GMT
DDU News : कुलपति के खिलाफ नहीं शुरू हुई जांच तो आमरण अनशन पर बैठे निलंबित प्रोफेसर कमलेश गुप्त, लगाए गंभीर आरोप
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DDU News : कुलपति के खिलाफ नहीं शुरू हुई जांच तो आमरण अनशन पर बैठे निलंबित प्रोफेसर कमलेश गुप्त, लगाए गंभीर आरोप

DDU News : प्रोफेसर कमलेश गुप्त ( Prof Kamlesh Gupta ) के समर्थन में उतरे डीडीयू शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी ने कहा कि सत्याग्रह ( Satyagraha ) करना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। इस मामले में विवि प्रशासन दावा समझ से परे है।

DDU News : उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) के दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ( DDU ) हिंदी विभाग के प्रो. कमलेश कुमार गुप्त ( Prof kamlesh gupta ) को एक बार फिर निलंबित कर दिया गया है। डीडीयू प्रशासन ने बिना नोटिस के धरना-प्रदर्शन करने और विश्वविद्यालय की छवि को खराब करने करने का आरोप लगाया है। विवि प्रशासन का कहना है कि जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर उनके खिलाफ यह कार्रवाई की है। इस बारे में प्रो. कमलेश गुप्त का कहना है कि निलंबन के बारे में उनके पास कोई सूचना नहीं है।

डीडीयू के मीडिया सेल द्वारा जारी सूचना के मुताबिक वाणिज्य विभाग के प्रो. अजेय गुप्ता तथा रसायन विज्ञान विभाग के प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी को भी धरना-प्रदर्शन करने तथा विश्वविद्यालय की छवि को खराब करने के लिए कारण बताओ नोटिस दिया गया था। उन्होंने इसका उत्तर संतोषजनक नहीं दिया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने दोनों के खिलाफ विश्वविद्यालय संचालन अधिनियम की धारा 49 के प्रावधान 8.10 के अनुसार एक जांच समिति गठित की गई है।

कुलपति राजेश को हटाने की मांग पर अड़े हैं कमलेश

दरअसल, डीडीयू के प्रो. कमलेश गुप्त ( Kamlesh Gupta ) लगभग एक साल से कुलपति प्रो. राजेश सिंह के कार्यकाल में हुई आय-व्यय की जांच करने और उन्हें पद से हटाने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। उन्होंने विवि में जारी भ्रष्टाचार की शिकायत यूपी के राज्यपाल से भी की थी। राज्यपाल ने कुलपति से शिकायत की जांच कराने का निर्देश दिया था। इस परिणाम यह निकला कि जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर 21 दिसंबर 2021 को कमलेश गुप्त द्वारा सत्याग्रह ( Satyagaha ) की शुरुआत करते ही निलंबित कर दिया गया। उसके बाद विभिन्न चरणों में प्रो. कमलेश का सत्याग्रह चला था। हालांकि, 8 फरवरी को विवि प्रशासन ने उनके निलंबन को रद्द कर दिया था। दो अक्टूबर 2022 यानि गांधी जयंती पर प्रो. कमलेश गुप्त ने अपनी मांग को लेकर जैसे ही सत्याग्रह शुरू किया उन्हें एक बार फिर निलंबित ( Kamlesh Gupta suspended ) कर दिया गा।

मौन सत्याग्रह का समर्थन अपराध नहीं : प्रो. त्रिपाठी

विवि प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष व धरना-प्रदर्शन व विवि की छवि खराब करने के आरोपी प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी ने कहा कि सत्याग्रह ( Satyagaha ) करना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। धरना-प्रदर्शन या विश्वविद्यालय की छवि खराब करने के आरोप तथ्यों से परे हैं। प्रो. कमलेश गुप्त के सत्याग्रह को हम समर्थन देते हैं। किसी के मौन सत्याग्रह का समर्थन अपराध नहीं है। शिक्षक संघ का पूर्व अध्यक्ष होने के नाते यह मेरा नैतिक कर्तव्य है कि आम सभा का कोई सदस्य समस्या उठाता है तो उसका समर्थन करूं। डीडीयू में शिक्षक संघ का चुनाव न कराकर शिक्षकों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है।

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