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शिक्षा

आंबेडकर विश्वविद्यालय में लॉ के प्रवेशार्थियों ने जमकर काटा हंगामा, बोले पैसे देने वालों को मिली सीट

Janjwar Desk
22 Jun 2021 10:10 AM GMT
आंबेडकर विश्वविद्यालय में लॉ के प्रवेशार्थियों ने जमकर काटा हंगामा, बोले पैसे देने वालों को मिली सीट
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एलएलएम की छात्रा मिनी सिंह कहती हैं कि मेरिट लिस्ट में नाम आने पर जब कॉलेज ने उन्हें प्रवेश नहीं दिया तो वह छात्रों के साथ मिलकर प्राचार्य के पास पहुंचीं, लेकिन प्राचार्य ने उनकी समस्या ही नहीं सुनी.....

जनज्वार डेस्क। उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में लॉ के प्रवेशार्थियों ने सोमवार 21 जून को परिसर में जमकर हंगामा किया। छात्रों का आरोप है कि मेरिट में नाम होने के बावजूद उन्हें प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर अपने सगे संबंधियों और रुपये देने वालों उनकी सीट दे दी गई है।

एलएलबी प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाली छात्रा डिंपल उपाध्याय ने कहा कि उसकी मेरिट 101.99 थी। आगरा कॉलेज द्वारा जारी की सूची में उसका नाम नौवें नंबर था, लेकिन जब वह प्रवेश लेने के लिए पहुंची तो उसे कह दिया कि क्या करोगी लॉ करके। ऐसा ही कहना कृष्णा पचौरी का है, उसकी मेरिट 103.7 है। ऐंट्रेंस की दूसरी सूची में नाम था, लेकिन उसे भी प्रवेश नहीं दिया है। एलएलबी के नौ और तीन एलएलएम के छात्रों के सूची में नाम शामिल थे जिन्हें प्रवेश से वंचित रखा गया है।

प्रदर्शनकारी छात्रों का आरोप है कि कि कोरोना संकट के दौरान आगरा कालेज की लॉ फैकल्टी में दूसरी सूची जारी हुई थी। इस दौरान लॉ फैकल्टी के विभागाध्यक्ष की कोरोना से मृत्यु हो गई। जब छात्र अपने प्रवेश के लिए पहुंचे तो कर्मचारियों ने उन्हें बाद में आने के लिए बोल दिया था। जब छात्र प्रवेश लेने के लिए 18 जून को पहुंचे तो वहां तीसरी सूची चस्पा कर दी। इसमें उनका नाम नहीं था और प्रवेश देने से कार्यवाहक एचओडी एसके दुबे ने छात्रों को फटकार के भगा दिया। इससे उनका गुस्सा फूट पड़ा।

एलएलएम की छात्रा मिनी सिंह कहती हैं कि मेरिट लिस्ट में नाम आने पर जब कॉलेज ने उन्हें प्रवेश नहीं दिया तो वह छात्रों के साथ मिलकर प्राचार्य के पास पहुंचीं, लेकिन प्राचार्य ने उनकी समस्या ही नहीं सुनी। इसके बाद उन्होंने कमिश्नर कार्यालय में शिकायत की है, लेकिन वहां से जो पत्र जारी हुआ है उसमें 15 दिन के भीतर प्रवेश देने की बात कही गई है, इससे छात्र खुश नहीं हैं। इधर विश्वविद्यालय के कुलसचिव अंजिनी कुमार मिश्रा का कहना है कि इस बारे में कॉलेज के प्राचार्य से बात करने के बाद ही कोई निर्णय होगा।

छात्रों की समस्याओं पर एनएसयूआई के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया गया। एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव अंकुश गौतम और प्रदेश उपाध्यक्ष बिलाल अहमद का कहना है कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों की लापरवाही के चलते तमाम छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। विधि के छात्रों का सत्र पहले से ही लेट हैं। भ्रष्ट कर्मचारी रुपये लेकर ही काम करते हैं। सिफारिशों के आधार पर प्रवेश मिलता है।

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