सुप्रीम कोर्ट ने नियमों का उल्लंघन करने पर मेडिकल कॉलेज पर 5 करोड़ का ठोका जुर्माना , कहा छात्रों से वसूली करो बंद
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों को प्रवेश देने में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों का उल्लंघन करने के लिए उन्नाव के एक निजी मेडिकल कॉलेज पर बुधवार 24 फरवरी को पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।
न्यायाधीश एल. नागेश्वर राव और एस. रवींद्र भट की पीठ ने कहा, "याचिकाकर्ता-कॉलेज को निर्देश दिया जाता है कि वह आज से 8 सप्ताह की अवधि के भीतर इस अदालत की रजिस्ट्री में पांच करोड़ रुपये की राशि जमा करे। याचिकाकर्ताओं को निर्देशित किया जाता है कि छात्रों से किसी भी तरह से राशि वसूली न करें।"
शीर्ष अदालत ने उल्लेख किया कि सरस्वती मेडिकल कॉलेज ने डायरेक्टर जनरल मेडिकल एजुकेशन (डीजीएमई), उत्तर प्रदेश के नियमों का उल्लंघन करते हुए 132 छात्रों को प्रवेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने माना कि मेडिकल कॉलेजों को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के नियमों के तहत ही परीक्षा आयोजित कराना अनिवार्य है। सरस्वती मेडिकल कॉलेज को एमसीआई नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेज पर 5 करोड़ का जुर्माना ठोंका है।
दरअसल, एमबीबीएस के द्वितीय वर्ष के 71 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कॉलेज द्वारा परीक्षा न करवाने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
यह फैसला सरस्वती एजुकेशनल चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा 29 सितंबर, 2017 के नोटिस के खिलाफ दायर याचिका पर आया, जिसमें एमसीआई ने सरस्वती मेडिकल कॉलेज को 150 छात्रों में से 132 को डिस्चार्ज करने का निर्देश दिया था।
इन छात्रों को शैक्षणिक वर्ष 2017-2018 के लिए एमबीबीएस प्रथम वर्ष में प्रवेश दिया गया था। दूसरी याचिका 71 छात्रों द्वारा दायर की गई थी।