BHU में दलित शोध छात्र के साथ सीनियर सवर्ण प्रोफेसर ने की बदतमीजी, मीटिंग में सबके सामने दीं जातिसूचक गालियां-फेंककर मारा जूठा समोसा
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BHU : बीएचयू के आयुर्वेद फैकल्टी में एक दलित शोध छात्र के साथ फैकल्टी के ही सीनियर प्रोफेसर द्वारा अभद्रता करने का मामला सामने आया है, जिसमे सीनियर प्रोफ़ेसर ने मीटिंग में सबके सामने ही अपना जूठा समोसा फेककर शोध छात्र को मारा और जाति सूचक गालियां भी दी।
मामला 30 मई 2024 के दिन का है। जब आयुर्वेद फैकल्टी के रचना शरीर विभाग में पीड़ित शोध छात्र शिवम कुमार का JRF से SRF होने के लिए विभाग के ही एक हॉल में वाइवा (साक्षात्कार) चल रहा था, जिसमें विभाग के सीनियर प्रोफेसर्स के अलावा विभाग के अन्य शोध छात्र भी मौजूद थे। शोध छात्र शिवम कुमार के JRF से SRF अपग्रेडेशन वायवा के लिए दूसरे विश्वविद्यालय से एक महिला एक्सटर्नल एक्सपर्ट को भी बुलाया गया था।
कुछ समय पश्चात जब शोध छात्र शिवम कुमार का वायवा सकुशल संपन्न हो गया, तब हॉल में उपस्थित लोगों के लिए नाश्ता पानी की भी व्यवस्था की गई थी। विभाग के सारे प्रोफेसर्स और एक्सटर्नल एक्सपर्ट एक ही टेबल पर साथ में अगल बगल बैठे थे। नाश्ता पानी करने के दौरान ही शोध छात्र शिवम कुमार जब अपने फोन से एक सामूहिक फोटो खींच रहा था, तभी हॉल में मौजूद विभाग के सीनियर प्रोफेसर हरि हृदय अवस्थी बौखला गए और अपने प्लेट का जूठा समोसा छात्र के तरफ चलाकर मार दिया, जो सीधे छात्र को लगा।
इस घटना से हॉल में मौजूद सभी लोग दंग रह गए, लेकिन प्रोफेसर हरि हृदय अवस्थी यहीं नहीं रुके, उन्होंने शोध छात्र शिवम कुमार को जोर जोर से जातिवादी मानसिकता से अपशब्द का प्रयोग करते हुए चिल्लाते हुए कहने लगे कि तुमको इतना भी तमीज नहीं है कि खाते समय फोटो खींच रहे हो? इस पर जब रचना शरीर विभाग की विभागाध्यक्ष और वायवा लेने आईं एक्सटर्नल एक्सपर्ट ने प्रोफेसर को समझा-बुझाकर शांत कराने की कोशिश किया तो प्रोफेसर हरि हृदय अवस्थी उन पर भी भड़क गए और उन दोनो महिला प्रोफेसर्स (विभागाध्यक्ष और एक्सटर्नल एक्सपर्ट) को भी अपशब्द कहा और शोध छात्र शिवम कुमार को भी यह धमकी दी की छह महीने बाद मैं ही इस विभाग का विभागाध्यक्ष बनने वाला हूं, उसके बाद तुमको अच्छे से बताऊंगा।
पीड़ित शोध छात्र शिवम कुमार अपने साथ हुए इस जातिवादी मानसिकता की घटना का एक शिकायती पत्र विश्वविद्यालय के कुलपति को, उसकी एक प्रतिलिपि डीन ऑफ़ स्टूडेंट को, एक प्रतिलिपि रजिस्ट्रार ऑफिस को एवम् एक प्रतिलिपि विश्वविद्यालय के प्रॉक्टोरियल ऑफिस में दिया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कोई कार्रवाई नहीं होने से शोध छात्र शिवम कुमार मानसिक रूप से तनाव एवम् अवसाद में हैं।