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शिक्षा

10 से भी ज्यादा प्रतिष्ठित पुरस्कार पाने वाले बाल उपन्यास “बैन दिस बुक” को अमेरिकी सरकार ने किया प्रतिबंधित !

Janjwar Desk
25 Jun 2024 5:31 AM GMT
10 से भी ज्यादा प्रतिष्ठित पुरस्कार पाने वाले बाल उपन्यास “बैन दिस बुक” को अमेरिकी सरकार ने किया प्रतिबंधित !
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'बैन दिस बुक' चौथी कक्षा में पढ़ने वाली बालिका अंग ऐनी ओलिंगर की कहानी है, जो एक दिन स्कूल के पुस्तकालय में अपनी सबसे पसंदीदा पुस्तक की तलाश में जाती है। पुस्तकालय में उसे बताया जाता है कि उसे अब यह पुस्तक नहीं मिलेगी, क्योंकि इस पुस्तक को एक अभिभावक के अनुरोध पर बैन यानी प्रतिबंधित कर दिया गया है...

महेंद्र पाण्डेय की टिप्पणी

The children book, Ban This Book, has been banned in Florida, USA. बच्चों के लिए किताबों को प्रतिबंधित करने से सम्बंधित और उपन्यास शैली में बच्चों के लिए लिखी गयी चर्चित पुस्तक 'बैन दिस बुक' को हाल में ही अमेरिका के फ्लोरिडा में शिक्षा विभाग द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया है। प्रसिद्ध लेखक और न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा चयनित बेस्टसेलींग ऑथर एलन ग्रात्ज़ ने इसे लिखा है और मैकमिलन प्रकाशक ने वर्ष 2018 में इसे प्रकाशित किया था।

प्रकाशन के बाद से अब तक इस पुस्तक को 10 से भी अधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं और इसके संस्करण ऑस्ट्रेलिया और अनेक यूरोपीय देशों में स्थानीय भाषा में प्रकाशित हो चुके हैं। कुल 256 पृष्ठों वाली पुस्तक'बैन दिस बुक' 8 से 12 वर्ष तक के बच्चों के लिए लिखी गयी है जो पुस्तकों को प्रतिबंधित करने की राजनीति के बारे में बच्चों की शैली में ही विस्तृत जानकारी देती है। एलन ग्रात्ज़ ने बच्चों के लिए 20 उपन्यास लिखे हैं।

'बैन दिस बुक' चौथी कक्षा में पढ़ने वाली बालिका अंग ऐनी ओलिंगर की कहानी है, जो एक दिन स्कूल के पुस्तकालय में अपनी सबसे पसंदीदा पुस्तक की तलाश में जाती है। पुस्तकालय में उसे बताया जाता है कि उसे अब यह पुस्तक नहीं मिलेगी, क्योंकि इस पुस्तक को एक अभिभावक के अनुरोध पर बैन यानी प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके बाद ऐनी ओलिंगर बैन का मतलब समझती है और फिर धीरे-धीरे प्रतिबंधित पुस्तकों की एक गोपनीय और निजी लाइब्रेरी बना लेती है।

इस पूरी प्रक्रिया में उसे केवल बैन का मतलब ही नहीं, बल्कि सेंसर जैसे शब्द भी समझ में आते हैं और यह भी स्पष्ट होता है कि वे लोग कौन हैं जो यह तय करते हैं कि दूसरे लोग, विशेषकर बच्चे, क्या पढ़े और क्या न पढ़ें। शायद यह दुनिया में अकेली पुस्तक है जो बच्चों के लिए अभिव्यक्ति की आजादी से सम्बंधित जटिल विषय पर कहानी की शैली में लिखी गयी है। इस पुस्तक की दूसरी विशेषता यह है कि ऐनी ओलिंगर अपनी गोपनीय लाइब्रेरी में जिन प्रतिबंधित पुस्तकों को एकत्रित करती है उनके नाम काल्पनिक नहीं हैं, बल्कि सभी प्रकाशित पुस्तकों के नाम हैं जिन्हें वास्तव में प्रतिबंधित कर दिया गया है।

इस पुस्तक को प्रतिबंधित करने की मांग एक छात्र के अभिभावक ने की थी। जेनिफर पिप्पिन नामक यह अभिभावक पूरे अमेरिका में फैले “मॉम्स फॉर लिबर्टी” नामक संगठन की सक्रिय कार्यकर्ता हैं। यह संगठन चरम दक्षिणपंथी, अतिवादी और राष्ट्रवादी विचारों वाला है, हालांकि इसका प्रचार बेहतर अभिभावक तैयार करने वाले और बच्चों को नैतिक शिक्षा देने वाले संगठन के तौर पर किया जाता है। मॉम्स फॉर लिबर्टी ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान अनेक पुस्तकों को प्रतिबंधित कराया है या इसे लिए आवेदन किया है।

अमेरिका में भले ही अभिव्यक्ति की आजादी से सम्बंधित संविधान के पहले अमेंडमेंट पर गर्व किया जाता हो, पर डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति काल के बाद से पुस्तकों को प्रतिबंधित करने का सिलसिला तेज हो गया है। वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 में अमेरिका में 92 प्रतिशत अधिक पुस्तकें या तो प्रतिबंधित की जा चुकी हैं या फिर प्रतिबंधित करने के लिए आवेदन दिए जा चुके हैं। अब तक 140 पुस्तकें प्रतिबंधित की जा चुकी हैं और 4240 पुस्तकें प्रतिबंधित किये जाने वाली प्रक्रिया में हैं। इनमें से अधिकतर प्रतिबन्ध के पीछे मॉम्स फॉर लिबर्टी संगठन का हाथ है।

फ्लोरिडा के बुक रिव्यू कमिटी ने इस पुस्तक में ऐसा कुछ नहीं पाया, जिसके कारण इसे प्रतिबंधित किया जाए, पर शिक्षा विभाग के अनुसार यह पुस्तक बच्चों को प्रतिबंधित पुस्तकों को पढ़ने की प्रेरणा के साथ ही अनुशासनहीनता का पाठ भी पढ़ाती है। इस पुस्तक के लेखक एलन ग्रात्ज़ के अनुसार इस पुस्तक को प्रतिबंधित करने का एकमात्र कारण यह है कि शिक्षा विभाग अपनी ऐतिहासिक करतूतों पर पर्दा डालना चाहता है क्योंकि इसमें वास्तविक प्रतिबंधित पुस्तकों के नाम है और जिन्हें गलत और राजनीतिक कारणों से प्रतिबंधित किया गया है।

हमेशा कहा जाता है कि साहित्य समाज का आइना होता है, जाहिर है 'बैन दिस बुक' इस कसौटी पर पूरी तरह खरी उतरती है, पर शायद ही कभी ऐसा हुआ हो कि एक साहित्य रचे जाने के कुछ वर्ष बाद समाज वैसा ही बन गया हो जैसा साहित्य में लिखा गया है। इस सन्दर्भ में देखें तो 'बैन दिस बुक' नामक पुस्तक को प्रतिबंधित करना अजूबा भले न हो, पर आश्चर्यजनक जरूर है।

संदर्भ:

1. Stranger than fiction: Florida school board bans a book about book bans after Moms for Liberty crusade - https://www.independent.co.uk/news/world/americas/florida-ban-this-book-moms-for-liberty-b2561518.html

2. https://www.alangratz.com/writing/ban-this-book/

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